अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?

अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह
केन्द्र-शासित प्रदेश

अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?

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अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?

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ऊपर-दाएं से दक्षिणावर्त: रॉस और स्मिथ द्वीप पर समुद्र तट; पोर्ट ब्लेयर में सेल्यूलर जेल; निकोबार द्वीपसमूह का हवाई दृश्य; अंडमान सागर के पास गोताखोरी


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प्रतीक

अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?

भारत में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की स्थान
निर्देशांक (पोर्ट ब्लेयर): 11°41′N 92°46′E / 11.68°N 92.77°Eनिर्देशांक: 11°41′N 92°46′E / 11.68°N 92.77°E
देश
अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?
 
भारत
गठन1 नवम्बर 1956
राजधानी और सबसे बड़ा शहरपोर्ट ब्लेयर
जिले3
शासन
 • उपराज्यपालएडमिरल (रेटेड) देवेंद्र कुमार जोशी
 • मुख्य सचिवजितेंद्र नारायण, IAS
 • MP (लोक सभा)कुलदीप राय शर्मा
 • उच्च न्यायालयकलकत्ता उच्च न्यायालय (पोर्ट ब्लेयर बेंच)
क्षेत्रफल[1]
 • कुल8249 किमी2 (3,185 वर्गमील)
क्षेत्र दर्जा28वां
जनसंख्या (2012)[2]
 • कुल380,520
 • घनत्व46 किमी2 (120 वर्गमील)
भाषाएं[3]
 • राजभाषाहिन्दी, अंग्रेज़ी[3]
 • बोली जाने वालीकरेन, बंगाली, तमिल, तेलुगू, हिन्दी, निकोबारी, मलयालम, सादरी, कुड़ुख, मुण्डा, खड़िया[4]
समय मण्डलIST (यूटीसी+05:30)
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोडIN-AN
HDI (2019)
अंडमान निकोबार में कौन से लोग रहते हैं? - andamaan nikobaar mein kaun se log rahate hain?
0.741 (high) • 6वां
वेबसाइटwww.andaman.gov.in

अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है।[5] अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर है।

भारत का यह केन्द्र शासित प्रदेश हिंद महासागर में स्थित है और भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है। यह इंडोनेशिया के आचेह के उत्तर में 150 किमी पर स्थित है तथा अंडमान सागर इसे थाईलैंड और म्यांमार से अलग करता है।[6] दो प्रमुख द्वीपसमूहों से मिलकर बने इस द्वीपसमूह को 10° उ अक्षांश पृथक करती है, जिसके उत्तर में अंडमान द्वीप समूह और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। इस द्वीपसमूह के पूर्व में हिन्द महासागर और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी स्थित है।

द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर एक अंडमानी शहर है।2011 की भारत की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 379,944 है।जिसमें 202,330 (53.25%) पुरुष तथा 177,614 (46.75%) महिला है। लिेगानुपात प्रति 1,000 पुरूषोंं में में 878 महिला है।केवल 10% आबादी हीं निकोबार द्वीप में रहती है।[7]पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 8249 किमी² या 2508 वर्ग मील है।

अन्य भारतीय भाषाओं में नाम[संपादित करें]

  • बांग्ला:আন্দামান ও নিকোবর দ্বীপপুঞ্জ,
  • तमिल: அந்தமான் நிக்கோபார் தீவுகள்,
  • तेलुगु:అండమాన్ నికోబార్ దీవులు,
  • मलयालम: ആന്തമാന്‍ നിക്കോബാര്‍ ദ്വീപുകള്‍
  • मराठी : अंदमान आणी निकोबार बेट

नाम[संपादित करें]

अण्डमान शब्द मलय भाषा के शब्द हांदुमन से आया है जो हिन्दू देवता हनुमान के नाम का परिवर्तित रूप है। निकोबार शब्द भी इसी भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है नग्न लोगों की भूमि। हिन्द महासागर में बसा निर्मल और शांत अण्डमान पर्यटकों के मन को असीम आनंद की अनुभूति कराता भारत का एक लोकप्रिय द्वीप समूह है। अण्डमान अपने आंचल में मूंगा भित्ति, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी स्मृतियों से जुड़े खण्डहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां संजोए हैं। सुन्दरता में एक से बढ़कर एक यहां कुल ५७२ द्वीप हैं। अण्डमान का लगभग ८६ प्रतिशत क्षेत्रफल जंगलों से ढका हुआ है। समुद्री जीवन, इतिहास और जलक्रीड़ाओं में रूचि रखने वाले पर्यटकों को यह द्वीप बहुत रास आता है।peg.

इतिहास[संपादित करें]

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इस पर अंग्रेजों का शासन हो गया और बाद में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापान द्वारा इस पर अधिकार कर लिया गया। कुछ समय के लिए यह द्वीप नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज के अधीन भी रहा था। बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि देश में कहीं भी पहली बार पोर्ट ब्लेयर में ही तिरंगा फहराया गया था। यहां नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 30 दिसम्बर 1943 को यूनियन जैक उतार कर तिरंगा झंडा फहराया था। इसलिय अंडमान निकोबार प्रशासन की तरफ से 30 दिसम्बर को हर साल एक भव्य कार्यक्रम मनाने की शुरूआत की गई है। जनरल लोकनाथन भी यहाँ के गवर्नर रहे थे। १९४७ में ब्रिटिश सरकार से मुक्ति के बाद यह भारत का केन्द्र शासित प्रदेश बना।

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ब्रिटिश शासन द्वारा इस स्थान का उपयोग स्वाधीनता आंदोलन में दमनकारी नीतियों के तहत क्रांतिकारियों को भारत से अलग रखने के लिये किया जाता था। इसी कारण यह स्थान आंदोलनकारियों के बीच काला पानी के नाम से कुख्यात था। कैद के लिये पोर्ट ब्लेयर में एक अलग कारागार, सेल्यूलर जेल का निर्माण किया गया था जो ब्रिटिश इंडिया के लिये साइबेरिया की समान था।

२६ दिसंबर २००४ को सुनामी लहरों के कहर से इस द्वीप पर ६००० से ज्यादा लोग मारे गये।

जिले[संपादित करें]

अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह में तीन जिले हैं:-

  • उत्तर और मध्य अण्डमान जिला
  • दक्षिण अण्डमान जिला
  • निकोबार जिला

स्थान[संपादित करें]

सेलुलर जेल-[संपादित करें]

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अण्दमान और निकोबार द्वीपसमूह

अंग्रेजी सरकार द्वारा भारत के स्वतंत्रता सैनानियों पर किए गए अत्याचारों की मूक गवाह इस जेल की नींव 1897 में रखी गई थी। इस जेल के अंदर 694 कोठरियां हैं। इन कोठरियों को बनाने का उद्देश्य बंदियों के आपसी मेल जोल को रोकना था। आक्टोपस की तरह सात शाखाओं में फैली इस विशाल कारागार के अब केवल तीन अंश बचे हैं। कारागार की दीवारों पर वीर शहीदों के नाम लिखे हैं। यहां एक संग्रहालय भी है जहां उन अस्त्रों को देखा जा सकता है जिनसे स्वतंत्रता सैनानियों पर अत्याचार किए जाते थे।

कार्बिन-कोव्स समुद्रतट[संपादित करें]

हरे-भरे वृक्षों से घिरा यह समुद्रतट एक मनोरम स्थान है। यहां समुद्र में डुबकी लगाकर पानी के नीचे की दुनिया का अवलोकन किया जा सकता है। यहां से सूर्यास्त का अद्भुत नजारा काफी आकर्षक प्रतीत होता है। यह बीच अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए लोकप्रिय है।

रॉस द्वीप-(वर्तमान नाम- नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वीप)[संपादित करें]

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यह द्वीप ब्रिटिश वास्तुशिल्प के खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है। रॉस द्वीप 200 एकड़ में फैला हुआ है। फीनिक्स उपसागर से नाव के माध्यम से चंद मिनटों में रॉस द्वीप पहुंचा जा सकता है। सुबह के समय यह द्वीप पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।

पिपोघाट फार्म[संपादित करें]

80 एकड में फैला पिपोघाट फार्म दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव- जन्तुओं के लिए जाना जाता है। यहां एशिया का सबसे प्राचीन लकड़ी चिराई की मशीन छातास सा मिल है।

बेरन द्वीप-[संपादित करें]

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यहां भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है। यह द्वीप लगभग 3 किलोमीटर में फैला है। यहां का ज्वालामुखी 28 मई 2005 में फटा था। तब से अब तक इससे लावा निकल रहा है। It is located in North Andaman.

डिगलीपुर[संपादित करें]

उत्तरी अंडमान द्वीप में स्थित प्रकृति प्रेमियों को बहुत पसंद आता है। यह स्थान अपने संतरों, चावलों और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां की सेडल पीक आसपास के द्वीपों से सबसे ऊंचा प्वाइंट है जो 732 मीटर ऊंचा है। अंडमान की एकमात्र नदी कलपोंग यहां से बहती है।

वाइपर द्वीप[संपादित करें]

यहां किसी जमाने में गुलाम भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप पर उतारा जाता था। अब यह द्वीप एक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। यहां के टूटे-फूटे फांसी के फंदे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं। यहीं पर शेर अली को भी फांसी दी गई थी, जिसने १८७२ में भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो की हत्या की थी।

सिंक व रेडस्किन द्वीप-[संपादित करें]

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यहां के स्वच्छ निर्मल पानी का सौंदर्य सैलानियों का मन मोह लेता है। इन द्वीपों में कई बार तैरती हुई डाल्फिन मछलियों के झुंड देखे जा सकते हैं। शीशे की तरह साफ पानी के नीचे जलीय पौधे व रंगीन मछलियों को तैरते देखकर पर्यटक अपनी बाहरी दुनिया को अक्सर भूल जाते हैं।

आवागमन[संपादित करें]

वायु मार्ग-

देश की सभी प्रमुख एयरलाइन्स की नियमित उड़ानें पोर्ट ब्लेयर से चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, बंगलूरू , मुम्बई और भुवनेश्वर को जोडती हैं। दिन भर में कुल 18 उडानें हैं। उपराज्यपाल प्रो.जगदीश मुखी के प्रयासों से हवाई किराया भी काफी कम हो गया है।

जल मार्ग-

कोलकाता, चेन्नई और विशाखापट्टनम से जलयान पोर्ट ब्लेयर जाते हैं। जाने में दो-तीन दिन का समय लगता है। पोर्ट ब्लेयर से जहाज छूटने का कोई निश्चित समय नहीं है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • अण्डमान और निकोबार की जनजातियाँ
  • अन्दमानी भाषाएँ
  • काला पानी
  • द्वीपसमूह

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Andaman and Nicobar Administration". And.nic.in. मूल से 18 February 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 July 2013.
  2. Census of India Archived 14 जून 2007 at the Wayback Machine, 2011. Census Data Online, Population.
  3. ↑ अ आ "50th Report of the Commissioner for Linguistic Minorities in India" (PDF). 16 July 2014. पृ॰ 109. मूल (PDF) से 22 March 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 November 2016.
  4. "www.andaman.gov.in". मूल से 20 November 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 November 2016.
  5. "When British toyed with idea to unleash Gurkhas on Sentinelese". मूल से 28 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवंबर 2018.
  6. "Nicobar's bicycle diaries". मूल से 7 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अक्तूबर 2018.
  7. "Census of India" (PDF). मूल से 13 November 2011 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 13 April 2012.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • आधिकारिक जालस्थल (नवीन, यूनिकोड हिन्दी में)
  • आधिकारिक जालस्थल (पुराना, कृतिदेव10 फॉण्ट में)
  • अण्डमान प्रशासन
  • अण्डमान के बारे में जानकारी
  • JERO, THE GREAT ANDAMANESE
  • अण्डमान-निकोबार में समृद्ध होती हिन्दी
  • क्रांतिकारियों की दास्तां बयां करती है यह जगह
  • शहीदों का महातीर्थ : अण्डमान द्वीप[मृत कड़ियाँ]

अंडमान निकोबार में कौन सी जाति पाई जाती है?

ओंगी ओंगी भारत की सबसे आदिम आदिवासियों में से एक है । ये लिटिल अण्ड मान द्वीप में निवास करते है । इन शिकार करने एवं एक साथ रहने वाले आदिवासियों को अण्डिमान तथा निकोबार प्रशासन द्वारा लिटिल अण्ड मान द्वीप के डूगोंग क्रीक एवं साउथ बे में बसाया गया है ।

अंडमान निकोबार में कैसे लोग रहते हैं?

खतरनाक है यहां के आदिवासी समूह : अंडमान-निकोबार में एक समय मूल जनजातियों के 6 से 7 समूह पाए जाते थे- जारवा, ओन्गे, ग्रेट अंडमानीज, सेंटेनेलीज, शोम्पेंस और बो। आज इनमें से सिर्फ 4 ही जनजाति समूह बचे हैं। सेंटिनल द्वीप पर आज भी हजारों साल पुराना इंसानी कबीला रहता है।

अंडमान निकोबार के लोग क्या खाते हैं?

अंडमान निकोबार द्वीप मछली, केकड़ा, झींगा, और लोबस्टर इत्यादि जैसे समुद्री भोजन का अच्छा श्रोत हैं और यहाँ पर समुद्री भोजन बहुत प्रचलित है। यहाँ पर खारे पानी के बिलकुल ताज़ा समुद्री यंजन मिलती है। इस कारण से यहाँ पर समुद्री भोजन बहुत ही सस्ते में उपलभ्ध होती है।

अंडमान निकोबार दीप समूह में कितने लोग रहते हैं?

अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह पोर्ट ब्लेयर तहसील में 41 गांव हैं, फेरगंज तहसील में 53 गांव हैं और लिटिल अंडमान तहसील में 5 गांव हैं।