विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई के साथ साथ समाज में जीने के तरीके भी सीखता है और विद्यार्थी जीवन में शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को बनाने की नीतियां सीखता है । विद्यार्थी जीवन कोई साधारण जीवन नहीं होता है क्योंकि विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है. विद्यार्थी जीवन में वह जो भी सीखता है वही अपने जीवन में उपयोग करता है और सभी बच्चों का और विद्यार्थियों का कर्तव्य होता है कि वह अपने माता पिता का नाम रोशन
करें और अपने देश का नाम रोशन करें । जब कोई विद्यार्थी जिला टॉप करता है तो जिस स्कूल में वह पढता है उस स्कूल का नाम रोशन करता है और उस बच्चे के माता पिता का नाम भी रोशन होता है । विद्यार्थी ही देश का नाम रोशन करता है विद्यार्थी को हमेशा अपने माता पिता गुरु की बात को मानना चाहिए और उनसे हमेशा सीख लेती रहनी चाहिए कि जीवन में किस तरह से आगे बड़ा जा सकता है और हम किस तरह से अपने जीवन को बेहतर से बेहतर बना सकते हैं. एक विद्यार्थी को अपने साथ साथ अपने मित्रों को भी एक अच्छा विद्यार्थी बनाने में
योगदान देना चाहिए। विद्यार्थी को अपने जीवन में संस्कार और अनेक तरह की कलाएं
सीखना चाहिए जिससे वह अपना जीवन उज्जवल बना सके क्योंकि जब हम परीक्षा देते हैं तो हम पूरी मेहनत करके उस परीक्षा में सफल हो जाते है लेकिन जीवन की परीक्षा में ] अगर हमें सफल होना है तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से जीवन जीने के तरीके सीखते रहना चाहिए क्योंकि हमारे जीवन की परीक्षा निश्चित नहीं होती है उस परीक्षा को देने के लिए कोई समय भी निश्चित नहीं होता है. अगर हमें उस परीक्षा में उत्तीर्ण होना है तो हमें विद्यार्थी जीवन में संस्कार और कला सीखनी पडती हैं जिससे हम हमारा जीवन सुंदर बना
सकें । किसी विद्यार्थी का विकास तभी संभव है जब वह विद्यार्थी अच्छी शिक्षा प्राप्त करके आगे बढ़ेगा । अच्छे विद्यार्थी का स्वभाव कोमल रहता है ना तो वह किसी से झगड़ा करता है और ना ही वह अपने आप पर कभी भी घमंड करता है । अच्छा विद्यार्थी कभी भी पढ़ाई करने में आलस नहीं करता हैं और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने माता पिता और गुरु का आदर भी करता हैं. वह सदैव अपना लक्ष्य पाने में लगा रहता हैं । जब वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करता है तो पूरी लगन के साथ उस लक्ष्य को पाकर अपने माता पिता और अपने गुरु
का नाम रोशन करता है । पढ़ाई करके सिर्फ धन कमाने से कुछ नहीं होता है जब तक वह अपने जीवन में अच्छे संस्कार और अच्छे विचार मन में नहीं लाएगा तब तक हम आगे नही बढ़ सकते. जो सिर्फ धन के लिए काम करता है वह सिर्फ अपने लिए ही काम करता है वह दूसरों की भलाई के लिए काम कभी नहीं कर सकता । विद्यार्थी जीवन में धन की लालसा नहीं होनी चाहिए बल्कि ज्ञान प्राप्त करने की लालसा होना चाहिए क्योंकि विद्यार्थी जीवन में हम जितना ज्ञान अर्जित करते हैं उसी ज्ञान के माध्यम से हम हमारे लक्ष्य को पाने में उस ज्ञान का
उपयोग करते हैं उसी ज्ञान के माध्यम से हम अपने लक्ष्य के शिखर पर पहुंचते हैं । अगर हम विद्यार्थी जीवन में अच्छी तरह से ज्ञान प्राप्त नहीं करेंगे तो हमको हमारा लक्ष्य प्राप्त नहीं होगा और उस लक्ष्य को हम खो देंगे । हर विद्यार्थी को अपने विद्यालय को स्वच्छ रखना चाहिए और लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए । जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्रहित में कार्य करने लगेगा जिससे हमारा देश उन्नति की ओर बढ़ेगा क्योंकि हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा
शिक्षा का प्रचार प्रसार होना आवश्यक है जिससे कि हमारे देश के लोग शिक्षित हो और सभी उन्नति कर सकें । ये लेख vidyarthi ka kartavya essay in hindi शेयर जरुर करे. kamlesh kushwahVidyarthi Ka Kartavya Essay in Hindi | विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध : इतर जानकारी : विद्यार्थी जीवन के नियम, (Vidyarthi Jivan ke Niyam)
विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (२००+ शब्दमें) :विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे| एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा | (Vidyarthi Ka Kartavya) |Related : Nadi Ki Atmakatha in Hindi | नदी की आत्मकथा पर निबंध (Read more) विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (३००+ शब्दमें) :विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे| एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है | अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा | .आज केवल धन कमाने केलिए पढ़ना है, यही एक मात्र उद्देश्य बन गया है | सिर्फ धन कामनेसे हम सफल नहीं हो सकते, हाँ! धनवान बन सकते है | विद्यार्थी को जीवन में यह सिख जरूर सीखनी है, और सीखानी है | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा | (Vidyarthi Ka Kartavya) |Related : Prakruti Aur Manushya Mitra Hai Hindi Essay | प्रकृति और मनुष्य मित्र है निबंध (Read More) विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (४००+ शब्दमें) :विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। पढ़ाई के साथ साथ समाज में जीने के तरीके भी सीखता है| शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| अपने जीवन में उपयोगी पड़नेवाली सिख वह, विद्यार्थी कालमेंही सिखाता है | विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे| जब कोई विद्यार्थी किसी परीक्षा में पुरे राज्य में अव्वल आता है, तो जिस विद्यालय में वह पढता है उस विद्यालय का नाम रोशन हो जाता है | उस बच्चे के माता पिता गर्व महसूस करते है| उनकी ख़ुशिका अन्दाजा सिर्फ उनकी चेहरेपर आयी हसी दिखाती है| एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है | इनसे हमें प्रेरणा, एक उद्देश्य मिलता है, इसीसे हमारा जीवन सुंदर बना सकता है । .अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा |
(Vidyarthi Ka Kartavya) |Related : Essay on Newspaper in Hindi | समाचार पत्र पर हिंदी निबंध (Read More) विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (६००+ शब्दमें) :विद्यार्थी जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। पढ़ाई के साथ साथ समाज में जीने के तरीके भी सीखता है । शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है उसे क्या बनना है, क्या मुकाम हासील करना है, उसके रास्ते सिखाता है। अपने जीवन में उपयोगी पड़नेवाली सिख वह, विद्यार्थी कालमेंही सिखाता है | विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे| बडोंसे आदर, और छोटोसे प्यार का भाव रखे | हमेश खुद के साथ-साथ अपने देश का नाम रोशन करने छाए रहनी चाहिए। जब कोई विद्यार्थी किसी परीक्षा में पुरे राज्य में अव्वल आता है, तो जिस विद्यालय में वह पढता है उस विद्यालय का नाम रोशन हो जाता है | उस बच्चे के माता पिता गर्व महसूस करते है, आसपास, अड़ोस-पड़ोस मिठाई बाटतें है| उनकी ख़ुशिका अन्दाजा सिर्फ उनकी चेहरेपर आयी हसी दिखाती है | यह पल हमारे माता-पिता हमारे गुरुजन को देनेका हक़ सिर्फ विद्यार्थी को है, आपही हो जो उनकी यह इच्छा पूरी कर सकते हो | विद्यार्थी को हमेशा अपने माता पिता गुरु की बात माननी चाहिए | उनसे हमेशा यह सीख लेनी चाहिए, जिससे उनका जीवन निरंतर प्रगति की राहपर चले | .एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने प्रियजन, सगे-सम्बन्धी, अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। यह सिख विद्यार्थी को संस्कारोंसे मिलती है, जो उन्हें अपने माता-पिता और गुरु देते है | क्यूंकि सिर्फ पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है | इनसे हमें प्रेरणा, मार्ग, एक उद्देश्य मिलता है, इसीसे हमारा जीवन सुंदर बना सकता है । .विद्यार्थी का पूर्ण विकास तभी संभव है, जब वह अच्छी शिक्षा प्राप्त करके सही रास्तेसे आगे बढ़े । अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है | हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए और लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए । जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा, उन्नत होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा, अनमोल होगा | पुरे विश्वकेलिए मिसाल होगा | आजकल केवल धन कमाने केलिए पढ़ना है, सीखना है, यही एक मात्र उद्देश्य बन गया है | सिर्फ धन कामनेसे हम सफल नहीं हो सकते, हाँ! केवल धनवान बन सकते है | जब तक मनुष्य जीवन में अच्छे संस्कार और अच्छे विचारोंका पालन नहीं करेगा, तब तक हमारे जन्म का उद्देश्य सफल नहीं होगा | धन की लालसा हमेसे ख़ुदके लिए काम कराती है, और मन की ख़ुशी हमेंसे दूसरों की भलाई के लिए काम कराती है। इसीलिए धन की लालसा नहीं, औरोंकी खुशीओंकी लालसा राखो| .विद्यार्थी को जीवन में यह सिख जरूर सीखनी है, और सीखानी है | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा | (Vidyarthi Ka Kartavya) | Related : Mi Mukhyadhyapak Zalo Tar Essay In Marathi | मी मुख्याध्यापक झालो तर…(Read More) Other Essays:Essay on My School in English इतर लिंक्स : अपने विद्यालय के प्रति क्या कर्तव्य है?अपने गुरुओं, शिक्षकों अथवा शिक्षिकाओं के प्रति विद्यार्थी का परम कर्तव्य है कि वह सभी का आदर करे तथा वे जो भी पाठ पढ़ाते हैं वह उसे ध्यानपूर्वक सुने तथा आत्मसात् करे । वे जो भी कार्य करने के लिए कहते हैं उसे तुरंत ही पूर्ण करने की चेष्टा करे ।
आपके अपने विद्यालय के प्रति क्या कर्तव्य है 8 10 वाक्यों में लिखिए?उसे अपने विद्यालय को उन्नत बनाने में यथासंभव योगदान करना चाहिए । विद्यालय को स्वच्छ रखने में मदद करे तथा अपने अन्य सहपाठियों को भी विद्यालय की स्वच्छता बनाए रखने हेतु प्रेरित करे । इसके अतिरिक्त वह कभी भी उन तत्वों का समर्थन न करे जो विद्यालय की गरिमा एवं उसकी संपत्ति को किसी भी प्रकार से हानि पहुँचाते हैं ।
विद्यालय के प्रति आपके क्या अधिकार?इसके तहत विद्यालय शिक्षा समिति के अधिकार, कर्तव्य व शिक्षा का अधिकार अधिनियम, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के उपाए, बाल संसद, मीना मंच, आपदा प्रबंधन, विद्यालय स्वच्छता, समग्र शिक्षा अभियान तथा विद्यालय में बच्चों का शतप्रतिशत नामांकन व ठहराव आदि की विस्तार से चर्चा की गई।
अपने विद्यालय के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है इस विषय पर अपना विचार व्यक्त करते हुए 8 10 वाक्यों का अनुच्छेद लिखिए?उसे अपने देश व समाज को उन्नत बनाने में यथासंभव योगदान करना चाहिए। परिवेश को स्वच्छ रखने में मदद करें तथा अपने अन्य सहपाठियों को भी विद्यालय की स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करें। इसके अतिरिक्त वह कभी भी उन तत्वों का समर्थन न करे जो समाज व राष्ट्र की गरिमा एवं उसकी संपत्ति को किसी भी प्रकार से हानि पहुंचाते हैं।
|