भगवान शिव के साक्षात दर्शन कैसे हो सकते हैं? - bhagavaan shiv ke saakshaat darshan kaise ho sakate hain?

भगवान शिव (Lord Shiva) तीनो लोकों के स्वामी हैं, आदि अनादी काल से मनुष्य भगवान् शिव की आराधना करते आ रहे हैं. पुराणों में और शास्त्रों में ऐसे कई कहानियाँ पढने को मिलती हैं, जहाँ ऋषि मुनियों ने भगवान् शिव (Hindu God Lord Shiva) की तपस्या करके उनके साक्षात् दर्शन किए हैं. उन कहानियों से हम यह तो मान सकते हैं की भगवान् शिव सच्ची भक्ति से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. इसीलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है. आज हम ऐसे ही एक शक्तिशाली शिव मंत्र (Lord Shiva Mantra) के बारे में बताएँगे जिसका पाठ करने से बहुत लाभ होगा और महादेव के साक्षात् दर्शन भी होंगे.

भगवान शिव के साक्षात दर्शन कैसे हो सकते हैं? - bhagavaan shiv ke saakshaat darshan kaise ho sakate hain?
Lord Shiva in Rudravatar

इस मंत्र को भगवान शिव (Lord Shiva) का रूद्र मंत्र (Rudra Mantra) कहा गया है. मंत्र और उसको जपने की विधि देखने से पहले यह देखें की इस मंत्र को जपने के अन्य और क्या फायदे हैं.

शिव एकमात्र ऐसे देवता है ! जिनको प्रसन्न करने के लिए कोई भी कठोर जा मुश्किल तपस्या करने की जरूरत नहीं पड़ती

वह तो बस एक बेलपत्र चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते है !

तभी तो देवता , राक्षश ,किन्नर, अघोरी आदि शिव की तपस्या करके उनसे मनचाहा वर प्राप्त करते है !

भगवान शिव को भोलेनाथ के रूप में भी पूजा जाता है!

उत्तर दिशा के क्षेत्र के लोग भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी पुकारते है !

शिव के दर्शन पाने से ही मात्र मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है !

लेकिन शिव के दर्शन पाने इतने आसान और सरल नहीं है इसके लिए बहुत ही कठोर और योगिक क्रिया करनी पड़ती है !

पढ़िए शिव के कैसे होंगे दर्शन?

वैसे तो शिव के दर्शन करने के लिए आप सुबह 4 से 5 बजे उठकर अच्छी तरह स्नान करके शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर

दूध अर्पण करकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हो !

लेकिन ये दर्शन अलौकिक और ध्यानमें दर्शन नहीं कहलाये जाएंगे !

अलौकिक और ध्यानमें दर्शन करने के लिए आपको योगिक ध्यान करना पड़ेगा !

जो की इतना सरल नहीं होता अगर अलौकिक और ध्यानमें दर्शन पाने है शिव के तो !

शिव के दर्शन पाने के लिए ये दो तरह के ध्यान मंत्र है

*योगिक ध्यान मंत्र
*नींद का ध्यान मंत्र

ये आपकी जिंदगी बदल देंगे और आपको शिव के अलोकिक दर्शन करवाएंगे !

ध्यान क्या है ?

ध्यान करना लोगो को सरल लगता है लेकिन वो ये क्रिया नहीं है जो सरल होती है वो तो बस अपने मन को संतुष्ट करने

के लिए हम इस शब्द का इस्तेमाल करते है !

ये तो वो है जो हमें पूरा ब्रह्माण्ड दिखाए और

हम दूसरी दुनिया में पहुंच जाए मतलब हमें अलौकिक आनंदित महसूस करवाए वो ध्यान है !

कैसे करे ये दो ध्यान मंत्र?

1)योगिक ध्यान मंत्र:

भगवान शिव के साक्षात दर्शन कैसे हो सकते हैं? - bhagavaan shiv ke saakshaat darshan kaise ho sakate hain?

ये ध्यान भी वैसा है जो आप रोज नार्मल तरिके से करते है मतलब जो आप रोज करते है सुबह उठकर

लेकिन इसको जितना सरल तरिके से करेंगे उतना ही अच्छा है ये आपके आज्ञा चक्र को खोलता है

जिसका सीधा संबंद शिव से है !

पहले आप एक ऐसा स्थान ऐसी जगह चुनिए जहाँ पर केवल आप हो मतलब शांत माहौल हो

उसके बाद आप एक आसन पर बैठकर सीधा बैठ जाएँ और अपने दोनों हाथो को जांघों पर रखकर अपनी पीठ को सीधे रखलें

ये बात को दिमाग में रखिये की आपकी पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए नहीं तो इस ध्यान का कोई फायदा नहीं होगा !

और इसके बाद आप ॐ मंत्र का उच्चारण करिये अपने मन ही मन ,

अपने पूरे मन को अपने आज्ञा मतलब अपने सर के विच वाले हिस्से में ले जाएँ

जैसे जैसे आपका ध्यान बढ़ता जाएगा आपको अलौकिक शक्तिओं का अहसास होता जायेगा !

ऐसा एक बार करने से नहीं होगा आपको लगातार करना होगा तभी आपका आज्ञा चक्र जागृत होगा और आपको भगवान शिव के दर्शन होंगे !

इसे सुनेंरोकेंभगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वह अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। सावन में महामृत्युंजय मंत्र को पांच लाख बार जप करने से भगवान शिव साक्षात दर्शन देते हैं।

शंकर भगवान को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंभगवान शिव को दूध, दही, शहद, सफेद पुष्प, सफेद कमल पुष्पों के साथ ही भांग, धतूरा और बिल्व पत्र अति प्रिय हैं। इन मंत्रों का जाप करें-‘ओम नम: शिवाय ‘, ‘ओम सद्योजाताय नम:’, ‘ओम वामदेवाय नम:’, ‘ओम अघोराय नम:’, ‘ओम ईशानाय नम:’, ‘ओम तत्पुरुषाय नम:’।

सोमवार को जल चढ़ाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि शिव कृपा पाने के लिए पूरे नियम से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए क्योंकि जल धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और नियम से इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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शिव जी की भक्ति करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंवहीं अत्यंत भोले होने व तुरंत प्रसन्न हो जाने के चले हर कोई उनकी भक्ति करते हुए उन्हें जल्द प्रसन्न भी करना चाहते हैं, इसमें चाहे इंसान हो, राक्षस हो, भूत-प्रेत हो अथवा देवता हो। शिव पुराण कथा के अनुसार शिव ही ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वर दे देते हैं। शिव को प्रसन्न करना सबसे आसान है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंमन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् । तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥

शिव का अघोर मंत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंशिवजी के पांच रूपों में से अघोर एक रूप है। अघोरियों के बारे में हमेशा से ही लोगों को जिज्ञासा रही है। आम इंसानों से दूरी बनाकर रहने वाले ये साधु भांग-धतूरे के नशे में धुत रहते हैं। ‘ऊं अघोरेभ्यों घोरेभ्यों नम:’ वशीकरण के लिए सबसे कारगर मंत्र है।

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कौन से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशिव की भक्ति हर जगह हुई और जब तक दुनिया कायम है, शिव की महिमा गाई जाती रहेगी। शिव पुराण कथा के अनुसार शिव ही ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वर दे देते हैं।

शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंभगवान गणेश को विशेष रूप से चढ़ाई जाने वाली दूर्वा शिवजी को भी चढ़ा सकते हैं। जो भक्त शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाता है, उसके सभी भय दूर हो सकते हैं। आमतौर पर शमी के पत्ते शनिदेव को ही चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ये पत्ते शिवलिंग पर भी चढ़ा सकते हैं।

शिवलिंग पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकें1- शिवलिंग पर कभी भी पूर्व दिशा में मुहं करके जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्व दिशा को भगवान शिव के आगमन की दिशा माना जाता है। ऐसा करने से शंकर जी के आगमन मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है। 2- शंकर जी को जल को जल चढ़ाने के लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर की है।

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शिव भक्ति कैसे की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंयूं तो शिव श्रृद्धा मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन यदि उनकी पूजा नियमानुसार की जाए तो अधिक फलदायी होती है. जलाभिषेक करते समय ध्यान रहे कि सबसे पहले भगवान गणेश को, फिर मां पार्वती और उसके बाद कार्तिकेय को, फिर नंदी और फिर अंत में शिव प्रतीक शिवलिंग का जलाभिषेक करें. साथ ही “ऊं नमं शिवाय’ मंत्र जाप मन में करते रहें.

भगवान से वरदान कैसे मांगे?

इसे सुनेंरोकेंआइए जानते हैं अलग-अलग मनोकामना पूर्ति के लिए किस तरह भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. – भगवान शिव के कैलाशनाथ स्वरूप का पूजन करें. – पूजा स्थल पर एक नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करें. – एक थाली में फल फूल और मिष्ठान्न रखकर अर्पित करें.

भगवान शिव कैसे दर्शन देते हैं?

5 लाख बार जप भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वह अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। सावन में महामृत्युंजय मंत्र को पांच लाख बार जप करने से भगवान शिव साक्षात दर्शन देते हैं

भगवान शिव से वरदान कैसे मांगे?

शिव होंगे प्रसन्न मिलेगा अपार धन- - भगवान शिव के उस चित्र को स्थापित करें, जिसमें गणेश उनकी पूजा कर रहे हों. - पूजा स्थल पर एक अष्टधातु का शिवलिंग स्थापित करें. - एक थाली में फल-फूल और मिष्ठान्न रख कर अर्पित करें. - भगवन शिव का पंचोपचार पूजन करें.

भगवान शिव से हम क्या सीख सकते हैं?

भगवान शिव को देवों के देव का कहा जाता है..
बुराई को खत्‍म करना: ... .
शांत रहकर खुद पर नियंत्रण रखना : ... .
नकारात्‍मक चीजों को भी सकारात्‍मक होकर लेना: ... .
जीवनसाथी के प्रति सम्‍मान: ... .
हर समय समान भाव रखना : ... .
तीसरी आंख का खुलना : ... .
अपनी राह चुनना:.

शिव का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात। यह बहुत शिव गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र बताया जाता है। सावन में हर रोज इस मंत्र का जप करने से सभी समस्याएं दूर होती हैं। यह मंत्र भगवान शिव के सभी रूपों की पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।