बिहार के राजकीय पशु कौन है - bihaar ke raajakeey pashu kaun hai

Bihar Ka Rajkiya Pashu :- आज के लेख में हम आपको बताएँगे, कि बिहार का राजकीय पशु कौन सा है ?

भारत का हर राज्य अपनी सांस्कृतिक, राजनीतिक, तथा सामयिक पहचान रखता है। हर राज्य के कुछ राजकीय चिन्ह होते हैं, तथा हर राज्य अपनी धरोहर को बचा कर रखता है।

भारत के 28 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों मैं सब की कोई ना कोई अलग पहचान है।

इसी प्रकार भारत के पूर्व में स्थित भारतीय राज्य तथा सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से संपन्न राज्य ” बिहार ” भी अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।

आज इस लेख में हम आपको बताएँगे, कि बिहार का राजकीय पक्षी कौन सा है ? और बिहार का राजकीय खेल कौन सा है ? और बिहार की राजकीय मिठाई कौन सी है ? तथा बिहार राज्य के अन्य राजकीय प्रतीकों के बारे में आज हम जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।


बिहार राज्य का राजकीय पशु ” बैल ” है।

बिहार राज्य सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले लोगों का राज्य भी कहा जाता है, इसलिए बिहार राज्य ने अपने लिए सबसे ज्यादा मेहनती पशु ” बैल ” को अपना राजकीय पशु चुना है।

” बैल ” एक ऐसा मासूम पशु होता है,जो काफी आज्ञाकारी होता है तथा यह खेत की जुताई में काम आने वाला और सामान को ढोने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला सबसे उपर्युक्त पशु होता है।


बिहार का राजकीय खेल कौन सा है ? | Bihar ka Rajkiya Khel

बिहार राज्य का राजकीय खेल ” कबड्डी ” है।

यह कबड्डी का खेल न केवल बिहार का बल्कि बांग्लादेश का भी राष्ट्रीय खेल है तथा दक्षिण भारत में कबड्डी को ” चेडू-गुडू ” तथा पूर्व भारत में ” हू तू तू ” के नाम से जानते हैं।

बिहार राज्य प्राचीन काल से ही अपने खेलों को लेकर के काफी सजग रहा है तथा बिहार में विभिन्न प्रकार के और खेल भी  खेले जाते हैं – जैसे की कबड्डी, शतरंज, खो-खो, कुश्ती, गिल्ली-डंडा, तीरंदाजी, जूडो, टेनिस, बैडमिंटन, शतरंज, हॉकी, क्रिकेट इत्यादि।


बिहार का राजकीय पक्षी कौन सा है ? | Bihar Ka Rajkiya Pakshi

बिहार का राजकीय पक्षी “ गौरैया ” है।

गौरैया एक छोटी सी चिड़िया होती है, जो भारत में आमतौर पर सभी घरों के आसपास, पेड़-पौधों के ऊपर बैठी हुई पाई जाती है।

गौरैया के संरक्षण के लिए ही बिहार राज्य ने गौरैया को अपना राजकीय पक्षी घोषित किया है। लेकिन वातावरण प्रदूषण तथा बदलते जलवायु के कारण गौरैया की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। इसीलिए भारत के सभी राज्य गौरैया का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध भी है।


बिहार की स्थापना कब हुई ? | Bihar Ki Sthapna Kab Hui

सन 1912 में बिहार को बंगाल से अलग करके एक राज्य बनाया गया था।

यह काम अंग्रेजों ने किया था, तथा यह काम 22 मार्च 1912 को हुआ था। इसलिए 22 मार्च को बिहार का स्थापना दिवस भी कहा जाता है।


बिहार की राजकीय मिठाई कौन सी है ? | Bihar Ki Mithai

बिहार की राजकीय मिठाई ” बेलगरामी ” तथा ” लकठो ” होती है।

बेलगरामी को साधारण तौर पर ” पेठा ” के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यंत ही स्वादिष्ट होता है तथा लकठो को बेसन तथा गुड़ से बनाया जाता है, जो कि पूरे बिहार में सबसे ज्यादा खाया जाता है।

यह न केवल मिष्ठान भंडार पर मिलता है, बल्कि लोग इसे अपने घर पर भी बनाते हैं।


बिहार किन चीज़ो के लिए जाना जाता है ?

ऊपर हमने जाना कि Bihar Ka Rajkiya Pashu Konsa Hai ? अब हम बिहार की अन्य विशेषताओं के बारे में जानेंगे।

बिहार बहुत सारी चीजों के लिए जाना जाता है, जैसे कि अपनी उद्यमशीलता, अपने तेज दिमाग, अपनी कार्यशीलता, लोगों की विवेकशीलता, तथा बिहारियों की अद्वितीय बुद्धि के तौर पर जाना जाता है।

पूरे भारत में सबसे ज्यादा जिला अधिकारी, जिला कलेक्टर बिहार राज्य से ही निकलते हैं। बिहार राज्य पूरे भारत को संभालने तथा उस का नाम रोशन करने की क्षमता रखता है।


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Conclusion :-

आज के इस लेख में हमने जाना, कि बिहार राज्य के राजकीय प्रतीक कौन-कौन से हैं तथा हमने यह भी जाना कि Bihar Ka Rajkiya Pashu Konsa Hai.

हम आशा करते हैं, कि आप बिहार के राजकीय चिन्हों के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

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पटनाः Bihar Diwas 2022: बिहार राज्य अपने गठन के 110 साल पूरे कर रहा है. 22 मार्च 1912 को अंग्रेजों ने इसे बंगाल से अलग करके नई पहचान दी थी. तब से लेकर कई साल और आजादी के बाद तक बिहार की पहचान में काफी कुछ नया जुड़ता गया है. बिहार दिवस के मौके पर जानिए वे राजकीय प्रतीक चिह्न जो इस राज्य को उसकी पहचान देते हैं. 

राजकीय चिह्न : बोधि वृक्ष

बिहार का राजकीय चिन्ह दो स्वास्तिक से घिरा हुआ बोधि वृक्ष है . बोधि वृक्ष के आधार पर उर्दू में बिहार खुद है. बिहार के गया जिले में महाबोधि मंदिर का पीपल वृक्ष बोधि वृक्ष कहलाता है. 531 ईसा पूर्व में इसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.

राजकीय पशु : बैल

बिहार का राजकीय पशु बैल है. पुराने दिनों में खेती बैल से ही होती थी, यह बिहार की कृषि प्रधानता का प्रतीक है. बिहार सरकार द्वारा 2013 में इसको संरक्षित करने के लिए बिहार के राजकीय पशु के रूप में अपनाया गया है. 

राजकीय पक्षी : गोरैया

बिहार की राजकीय पक्षी गोरैया है. एक समय था जब लोगों की नींद गोरैया पक्षी की चहचहाट से खुलती थी. प्रदूषण और बढ़ती आबादी के कारण धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आई है. बिहार सरकार ने इसके संरक्षण के लिए 2013 में इसे राजकीय पक्षी के रूप में अपनाया है. इससे पहले बिहार का राजकीय पक्षी नीलकंठ था.

राजकीय पुष्प : गेंदा

बिहार के राजकीय फूल का नाम गेंदे का फूल है. गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है जो बिहार का लगभग हर घर मे पाया जाता है. इसकी लोकप्रियता के कारण ही बिहार सरकार ने 2013 में इसे बिहार के राजकीय पुष्प घोषित किया. इससे पहले राजकीय पुष्प कचनार का फूल था. 

राजकीय वृक्ष : पीपल

बिहार के राजकीय वृक्ष का नाम पीपल का वृक्ष है. पर्यावरण और वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपल राज्य के सांस्कृतिक पक्ष के साथ भी जुड़ा हुआ है.  पीपल का वृक्ष बिहार में ज्ञान एवं परम्परा का प्रतीक है. इसी कारण पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है.

राजकीय खेल : कबड्डी

बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है.कबड्डी टीम में खिलाड़ियों की संख्या 12 होती है लेकिन सिर्फ 7 खिलाड़ी खेलते हैं. बिहार के अलावा कबड्डी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का भी राजकीय खेल है.

राजकीय भाषा (प्रथम) : हिन्दी

बिहार भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने हिंदी को सबसे पहले अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया. 1881 तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू थी. जिसके स्थान पर बिहार ने हिंदी को अपनाया और उर्दू को बिहार की द्वितीय राजकीय भाषा का दर्जा दिया गया.

राज्य गीत : मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन बिहार

बिहार का राज्य गीत मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन विहार है. यह गीत कवि सत्य नारायण ने लिखा है. इसका संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा द्वारा दिया गया है. गीत को आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था.

राज्य प्रार्थना : मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणें नाज करें

बिहार का राज्य प्रार्थना गीत मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणे नाज करें. इस प्रार्थना गीत को मुजफ्फरपुर के MR Chisti ने लिखा है.

यह भी पढ़िएः Bihar Diwas: 110 साल का हुआ बिहार, 1912 में बंगाल से अलग होने के बाद बना अस्तित्व

Bihar का राजकीय पशु क्या है?

अभी बिहार का राजकीय पशु गौर है और राजकीय पुष्प कचनार।

बिहार के राजकीय फल कौन सा है?

आम है। फलों का राजा भी आम ही है।

Bihar का राष्ट्रीय चिन्ह क्या है?

बिहार का प्रतीक
सामंत
बिहार सरकार
ढाल
बोधि वृक्ष तसबीह के साथ
सहायक
स्वस्तिक
कम्पार्टमेंट
(उर्दू "बिहार" के लिए) नीचे एक ईंट पर खुदा हुआ
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