बिहार में सबसे पहले सर्वे कब हुआ था? - bihaar mein sabase pahale sarve kab hua tha?

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बेगूसराय9 महीने पहले

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बिहार में सबसे पहले सर्वे कब हुआ था? - bihaar mein sabase pahale sarve kab hua tha?

भूमि सर्वे कार्य करते लोग

विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य के तहत अब आपकी जमीन का नया खाता-खेसरा मिलेगा। साथ ही जमीन से जुड़ी कई प्रकार की समस्या का भी हल हो सकेगा। इसके लिए जिले भर में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। जिले के दस अंचलों में फेज वन के तहत विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य 15 राजस्व ग्राम में पूर्ण हो गया। इसके खतियान का अंतिम प्रकाशन जिला बंदोबस्त कार्यालय बेगूसराय द्वारा कर दिया गया है। जबकि अन्य राजस्व ग्रामों में सर्वे कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। मालूम हो कि वर्ष 1901 के भूमि सर्वेक्षण के बाद यह दूसरा सर्वेक्षण हो रहा है।

अभी तक जमीन का खाता-खेसरा, जमाबंदी सभी 1901 के सर्वे के तहत ही हो रहा था। नए सर्वेक्षण के बाद जमीन से जुड़ी हर जानकारी विभाग के साइट पर मौजूद रहेगी। भू-स्वामी अंचल व विशेष सर्वेक्षण शिविर कार्यालय में जाकर या विभाग के वेबसाइट पर भी अपनी जमीन की जानकारी देख सकते हैं। सर्वेक्षण दूसरे फेज का कार्य भी इसी महीने शुरू हो जाएगा। दूसरे फेज के तहत बाकी बचे कुल आठ अंचलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा।

इन 15 राजस्व ग्रामों के खतियान के अंतिम प्रारूप प्रकाशित

बेगूसराय सदर के थाना संख्या 232 बड़ी सांख, 229 विनोद पुर 225 चकिया सीन , 226 चक बेगान , 367 चकफरीद, 366 हमीर चक मिल्की , 368 चकफरीद , 528 बहदरपुर , 522 समसुद्दीनपुर , 236 चकपरना , वीरपुर अंचल के थाना संख्या 466 फाजिलपुर , 452 राजापुर, मटिहानी अंचल के थाना संख्या 421 रामदीरी , गढ़पुरा अंचल के थाना संख्या 126 गढ़पुरा गढ़,125 जगदीशपुर नरोत्तम

फेज 2 के विशेष सर्वेक्षण का काम में लाई जाएगी तेजी

बेगूसराय में फेज 2 के तहत कुल 8 अंचलों में विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। इन अंचलों में 26 विशेष सर्वेक्षण शिविर में विभागीय टीम प्रपत्र दो एवं 3(1) में स्वघोषणा और वंशावली पत्र जमा करा रहे हैं। फेज 2 में खतियान विवरणी प्रपत्र पांच में तैयार की जा रही है। वहीं रैयतों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाकर प्रचार प्रसार व ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

440 राजस्व ग्राम में परिसीमन के निर्धारण जोरों पर

बताते चलें कि फेज वन के तहत विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य बेगूसराय, मटिहानी, वीरपुर, साहेबहपुरकमाल, डंडारी, गढ़पुरा, चेरिया बरियारपुर, खोदावंदपुर, मंसूरचक और शाम्हो अकहा कुरहा में विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य अंतिम कार्य प्रगति पर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त अंचलों में 19 विशेष सर्वे शिविर के माध्यम से 440 राजस्व ग्राम में 1389 त्रिसीमा निर्धारित किया जाना है।

जिसमें से 1193 परिसीमन का निर्धारण कर लिया गया है। जबकि 308 राजस्व ग्रामों के ग्राम सीमा का भी सत्यापन किया गया है। वर्तमान में 202 राजस्व ग्राम में किश्तवार ( प्लाटिंग ) का काम चल रहा है। 162 राजस्व ग्राम में प्लाटिंग पूर्ण हो गया है।

दावा आपत्ति के लिए मिलेगा तीन मौका

किसी कारण से जो रैयत भूमि सर्वेक्षण के बारे में जानकारी से वंचित रह जाते हैं। उनको दावा आपत्ति के लिए तीन चरणों में मौका मिलेगा। पहला मौका (नक्षा में जमीन का डिटेल भरे जोन के बाद) खानापूरी पर्चा वितरण के बाद प्रपत्र 8 में, प्रारूप प्रकाशन के बाद प्रपत्र 14 में दूसरा मौका व अंतिम प्रकाशन के बाद प्रपत्र 21 में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

क्या कहते हैं बंदोबस्त पदाधिकारी

'जिला बंदोबस्त पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने कहा कि विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य बेगूसराय के 10 अंचलों में अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। फेज 2 में 8 अंचलों में सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है।'

हिंदी न्यूज़ बिहार1950 के बाद पहली बार बिहार के 20 जिलों में जमीन सर्वे का काम शुरू

बिहार के 20 जिलों में जमीन के सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। अब जीवित रैयत यानी जमीन के वर्तमान मालिक के नाम पर ही नया खतियान बनेगा। यह खतियान सर्वे कार्य के साथ बनेगा। विदित हो कि कई जिलों...

बिहार में सबसे पहले सर्वे कब हुआ था? - bihaar mein sabase pahale sarve kab hua tha?

Abhishek Tiwariहिन्दुस्तान,पटनाSun, 06 Sep 2020 08:47 PM

बिहार के 20 जिलों में जमीन के सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। अब जीवित रैयत यानी जमीन के वर्तमान मालिक के नाम पर ही नया खतियान बनेगा। यह खतियान सर्वे कार्य के साथ बनेगा। विदित हो कि कई जिलों में 1950 के बाद पहली बार सर्वे हो रहा है। इस सर्वे के पूरा होने से भूमि विवाद में काफी कमी आएगी। जमीन के मालिकों की परेशानी भी कम होगी। सर्वे कार्य के लिए सर्वे निदेशालय के अफसरों की छह टीमें मुख्यालय से रवाना हो गई हैं।

वहीं, सभी जिलों में अमीन, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों, कानूनगो, लिपिकों की पदस्थापना का काम भी पूरा हो गया है। संबंधित जिलों के चिन्हित अंचलों में ही सर्वे का काम शुरू किया गया है। शिवहर के तीन अंचलों- डुमरी, कटसरी, पिपराही, पूरनहिया में भूमि सर्वेक्षण शुरू किया गया है। इसके लिए जिला बंदोबस्त कार्यालय और संबंधित प्रखंडों में शिविर भी बनाए गए हैं। बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त नियमावली 2012 के तहत सर्वे का काम हो रहा है।

सर्वे में गांव की सीमा, भूखंडों का सीमांकन एवं जमीन संबंधी तथ्यों की जांच पड़ताल की जाएगी। सर्वे के मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर से नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं। वे इन शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं।

इन जिलों में हो रहा सर्वे

नालंदा, जहानाबाद, मुंगेर, लखीसराय, सुपौल, अररिया, अरवल, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, जमुई, शिवहर, सहरसा, सीतामढ़ी, चंपारण, पूर्णिया, बांका, शेखपुरा, बेगूसराय और मधेपुरा।

बिहार में सबसे पहले जमीन का सर्वे कब हुआ?

इस सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए बिहार के भू-राजस्व विभाग के उप सचिव मनोज कुमार झा कहते हैं कि यह वस्तुत: बिहार में होने वाला तीसरा भू-सर्वेक्षण है. पहला भू-सर्वेक्षण अंग्रेजों के राज में 1890 में शुरू हुआ था, जो लगभग 1920 तक चला.

बिहार में जमीन का सर्वे कितने बार हुआ है?

390 गांवों में प्रारूप अधिकार अभिलेख और 152 गांव में अंतिम अधिकार अभिलेख एवं मैप प्रकाशित किया जा चुका है। इनमें जमीन का सर्वे अंतिम रूप से इस वर्ष दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा 4861 गांवों में अगस्त 2023 तक सर्वे पूरा करने का अनुमान है। बिहार में राजस्व ग्राम की संख्या 40 हजार से अधिक है।

पुराना सर्वे कब हुआ था?

1905 ई. में इस समस्या की जाँच के लिये इंडियन सर्वे कमेटी नामक समिति गठित हुई। इस प्रकार भारत में आधुनिक सर्वेक्षण का प्रारंभ 1905 ई. में हुआ

बिहार में खतियान कब बना था?

वैसे गिरिडीह जिले में युद्ध स्तर पर डाटा तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि 1908 में अंग्रेज जमाने में जमीन का सर्वे हुआ था। इसके बाद 1911 में खतियान बना था।