दक्षिण एशिया में स्थित भौगोलिक दृष्टि से विश्व का 7वाँ सबसे बड़ा और आबादी के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश भारत विश्व के प्रमुख जैव विविधता वाले देशों में से एक है। भारत की पारिस्थितिक व भौगोलिक दशाओं में विविधता पायी जाती है। इसी विविधता के कारण यहां अनेक
प्रकार के जीव-जंतु भी पाये जाते हैं। संपूर्ण विश्व में कुल जीव-जंतुओं के 15,00000 ज्ञात प्रजातियों में से लगभग 81,000 प्रजातियां भारत में मिलती हैं। देश में स्वच्छ और समुद्री जल की मछलियों की 2500 प्रजातियां हैं। भारत में पक्षियों की 1200 प्रजातियां तथा 900 उप-प्रजातियां पायी जाती हैं। इन जीवों के संरक्षण के लिए भारत में 120 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान, 515 वन्यजीव अभयारण्य, 26 आद्र्भूमि (wetlands) और 18 बायोस्फीयर रिजर्व बनाए गए हैं। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। इस अध्याय में आप जानेंगे कि भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कौन-कौन सी प्रमुख परियोजनाएँ कब और कहा शुरू की गई है:- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: सन् 1972 ई॰ में भारत सरकार द्वारा भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 इस उद्देश्य से पारित किया था कि वन्यजीवों के अवैध शिकार तथा उसके हाड़-माँस और खाल के व्यापार पर रोक लगा सके। इसे सन् 2003 ई॰ में संशोधित किया गया है और इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया, जिसके तहत इसमें दण्ड तथा जुर्माने को कठोर कर दिया गया है। यह अधिनियम जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों को संरक्षण प्रदान करता है। यह अधिनियम जम्मू और कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू होता है, क्योकि जम्मू और कश्मीर का अपना अलग ही वन्यजीव क़ानून है। इसमें कुल 6 अनुसूचियाँ है जो अलग-अलग तरह से वन्यजीवन को सुरक्षा प्रदान करता है।
अपराध और दण्ड विधान: वन्य जीव (या उनके शरीर के अंश) इस अधिनियम की सूची 1 या सूची 2 के भाग 2 के अंतर्गत आते हैं। इस अधिनियम के तहत कम से कम 10,000 रु का जुर्माना और कम से कम 3 साल जेल (कारावास) का प्रावधान है जोकि 7 साल की अवधि के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। दूसरी बार इस प्रकार का अपराध करने पर यह दण्ड कम से कम 3 साल की कारावास का है जो कि 7 साल की अवधि के लिए बढ़ाया भी जा सकता है और कम से कम जुर्माना 25,000 रु. है। भारत की प्रमुख वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएं:
यह भी पढ़ें: भारत के प्रमुख राष्ट्रीय अभ्यारण्य व उद्यानों की सूची RELATED POSTS LATEST POSTS POPULAR POSTS 🙏 If you liked it, share with friends. वन्यजीव संरक्षण क्या है?जैव संरक्षण, प्रजातियां, उनके प्राकृतिक वास और पारिस्थितिक तंत्र को विलोपन से बचाने के उद्देश्य से प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता के स्तरों का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह विज्ञान, अर्थशास्त्र और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के व्यवहार से आहरित अंतरनियंत्रित विषय है।
वन्य जीवन संरक्षण से आप क्या समझते हैं संरक्षण के इसके विभिन्न तरीकों का वर्णन करें?लुप्तप्राय पौधें और जानवरों की प्रजातियों को उनके प्राकृतिक निवासस्थान के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन्यजीवों का संरक्षण महत्वपूर्ण है. सबसे प्रमुख चिंता का विषय यह है कि वन्यजीवों के निवासस्थान की सुरक्षा किस प्रकार की जाए ताकि भविष्य में वन्यजीवों की पीढ़ियां और यहां तक की इंसान भी इसका आनंद ले सकें.
वन्य जीवों के संरक्षण के उद्देश्य क्या है?Solution : (i) वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रखना तथा उन्हें लुप्त होने से बचाना। <br> (ii) लुप्त होने के कगार पर पहुँचे वन्य जीवों के नस्ल को सुरक्षित रखना। <br> (iii) प्राकृतिक वातावरण में जंतुओं और वनस्पतियों के बीच तथा उनकी अलग-अलग प्रजातियों के बीच के पारिस्थितियकी संबंधों को स्थापित रखना।
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भारत में क्या प्रयास किए गए हैं?भारत में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए 'पर्यावरण संरक्षण अधिनियम', 'वन संरक्षण अधिनियम', 'राष्ट्रीय वन्य जीव कार्य योजना', 'टाइगर परियोजना', 'राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य', 'जैव-क्षेत्रीय रिजर्व कार्यक्रम' आदि चल रहे हैं। इन योजनाओं के कारण कुछ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया गया है।
|