ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्काUpdated Thu, 25 Feb 2016 09:27 AM IST Show
ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्काभारतीय रेल के बारे में तो लोग बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन भारतीय रेल के 'भोलू' के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। भारतीय रेल का एक खास प्रतीक चिन्ह है, जिसे 'भोलू' कहा जाता है। यह प्रतीक चिन्ह एक हाथी का है जो एक ट्रेन गार्ड की तरह हाथ में हरा सिग्नल दिखाता हुआ लालटेन लेकर खड़ा रहता है। (टीम डिजिटल/अमर उजाला, नई दिल्ली) ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्कायह चिन्ह 16 अप्रैल 2002 को बेंगलुरु में पहली बार दिखाया गया था, जब भारतीय रेलवे 150 साल का हुआ था। इसके बाद 2003 में भारतीय रेलवे की तरफ से यह फैसला किया गया कि इस प्रतीक चिन्ह को स्थायी कर दिया जाए। ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्का24 मार्च 2003 को इस प्रतीक चिन्ह भोलू को भारतीय रेलवे का आधिकारिक चिन्ह घोषित कर दिया गया। भोलू को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन की तरफ से रेलवे मंत्रालय के साथ बातचीत के बाद डिजाइन किया गया था। ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्काहाथी की आकृति वाला भारतीय रेलवे का यह प्रतीक चिह्न भोलू भारत में काफी लोकप्रिय हो गया है। जब भारतीय रेलवे से कुछ लोगों ये पूछा कि आखिर रेलवे ने ऐसा प्रतीक चिह्न क्यों चुना तो भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि भोलू बहुत ही मददगार और मिलनसार है। ये है भारतीय रेलवे का 'भोलू', चलता है इसके नाम का सिक्काभारतीय सरकार के एक अधिकारी की तरफ से 2003 में जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार भोलू एक नैतिक, जिम्मेदार, नेक और हंसमुख प्रतीक चिह्न है।
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आप इस चित्र को ओवर्राइट नहीं कर सकते। चित्र का उपयोगनिम्नलिखित पन्ने इस चित्र से जुडते हैं : Railway का शुभंकर क्या है?इस गार्ड का नाम भोलू है ये भारतीय रेल के शुभंकर के रूप में जाना जाता है। भारतीय रेल के 150 साल पूरा होने के दौरान साल 16 अप्रैल 2002 को बंगलुरू में भोलू गार्ड का अनावरण किया गया। बाद में साल 2003 में भारतीय रेल ने भोलू को मैस्कॉट (सौभाग्य लाने वाला) के रूप में अधिकृत कर लिया।
भारतीय रेल का प्रतीक क्या है?24 मार्च 2003 को इस प्रतीक चिन्ह भोलू को भारतीय रेलवे का आधिकारिक चिन्ह घोषित कर दिया गया।
रेल को हिंदी में क्या कहा जाता है?हिन्दी में रेल या ट्रेन का अर्थ "लौह पथ गामिनी" है। यहाँ लौह पथ का मतलब लोहे का रास्ता और गामिनी का अर्थ है अनुगमन करने वाली या पीछे चलने वाली। इसका पूरा मतलब है एक ऐसी गाड़ी जो लोहे के रास्ते पर चलती है। इन शब्दों को मिलाने पर 'रेलगाड़ी या ट्रेन' को हिन्दी में 'लौह पथ गामिनी' कहा गया है।
भारत की पहली ट्रेन का नाम क्या था?(1) भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है. (2) आज ही के दिन साल 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी. यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी. (3) भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए.
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