जिमनास्टिक खेल में ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन है - jimanaastik khel mein olampik khelon mein bhaag lene vaalee pratham bhaarateey mahila kaun hai

हेलसिंकी 1952 का ओलंपिक खेल भारतीय खेल इतिहास के लिए एक ऐतिहासिक इवेंट था।

उस साल पहलवान केडी जाधव ने कांस्य जीता और भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले व्यक्ति बन गए। केडी जाधव अपने कांस्य और भारतीय हॉकी टीम ने लगातार पांचवें ओलंपिक खेलों में गोल्ड जीतकर भारत को हर अखबार की सुर्खियों में ला दिया था। लेकिन इसके अलावा जो इस बार हुआ वो और भी उल्लेखनीय था।

पहली बार भारतीय महिलाओं को क्वाड्रेनियल इवेंट में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। हेलसिंकी में चार महिलाओं के साथ 60 पुरुषों की टीम ओलंपिक के लिए गई थी।

चार महिलाओं में से एक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट नीलिमा घोष ने ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा दिया।

ओलंपिक में नीलिमा घोष का प्रदर्शन

15 जून 1935 को जन्मीं नीलिमा घोष 17 साल की भी नहीं थीं, जब उन्हें 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल किया गया था। वहां वो दो इवेंट्स में भाग लेने वाली थीं - 100 मीटर स्प्रिंट और 80 मीटर बाधा दौड़।

21 जुलाई, 1952 को नीलिमा घोष आधिकारिक तौर पर ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जब उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर की पहली रेस में भाग लिया। हालांकि, 13.8 सेकंड का समय निकलने वाली नीलिमा अगले दौर में नहीं जा सकीं। लेकिन भारतीय महिला ट्रैक एथलीट ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया।

दो दिनों के बाद, नीलिमा घोष ने महिलाओं की 80 मीटर बाधा दौड़ में भाग लिया। इस इवेंट की वो सबसे कम उम्र की एथलीट थीं, जिन्होंने 13.07 सेकंड का समय निकाला और अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रहीं।

खेलों में नीलिमा घोष के साथ एक और महिला एथलीट थीं, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में भाग लिया था, वो थीं मैरी डिसूजा सेकीरा, जिन्होंने महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर की स्पर्धाओं में भाग लिया था।

20 वर्षीय डिसूजा भी अगले दौर के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकीं, लेकिन अगले कुछ सालों में वो एशिया की सबसे तेज धावक बनकर उभरीं।

2013 में मैरी डिसूजा को ध्यानचंद पुरस्कार (खेल में जीवन भर की उपलब्धि के लिए भारत का सर्वोच्च पुरस्कार होता है।) से सम्मानित किया गया।

दो धावकों के साथ दो अन्य महिला तैराक डॉली नजीर और आरती साहा ने भी हेलसिंकी 1952 ओलंपिक में भाग लिया था।

हालांकि ये चार महिलाएं अंतरराष्ट्रीय लेवल के प्रदर्शन से बहुत दूर थीं, फिर भी ये भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि भारत 1900 से ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर रहा था और अब तक किसी महिला एथलीट ने भारत के लिए ओलंपिक में भाग नहीं लिया था।

ओलंपिक में भारतीय महिला पदक विजेता

भारतीय महिला खिलाड़ियों ने एक लंबा सफर तय किया है, जब से उन्होंने पहली बार ओलंपिक में भाग लिया है, तब से उन्होंने न सिर्फ क्वालिफाइंग इवेंट्स में नियमित रूप से शामिल होती हैं, बल्कि देश के लिए पदक भी जीतती हैं।

सिडनी 2000 खेलों में कर्णम मल्लेश्वरी ने इतिहास रच दिया। उन्होंने महिलाओं के भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता। इसी के साथ वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।

साइना नेहवाल और मैरी कॉम ने 2012 के लंदन ओलंपिक में क्रमशः बैडमिंटन और मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवांवित किया।

रियो 2016 में भारतीय महिलाएं ही देश के सम्मान को बचाने में सफल रहीं क्योंकि रियो ओलंपिक में किसी भी पुरुष एथलीट ने पदक नहीं जीता था। यहां पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में रजत पदक और साक्षी मलिक ने कुश्ती में कांस्य जीता था।

1952 के खेलों में भले ही नीलिमा घोष ने 100 मीटर की दौड़ में कोई पदक नहीं जीता या किसी भी रिकॉर्ड को नहीं तोड़ा, लेकिन उन्होंने एक रास्ता दिखाया जिससे आगे चलकर साइना, सिंधु और कर्णम और मैरी कॉम ने भारत के लिए पदक जीता।

ओलंपिक जाएं। यह सब पायें।

मुफ्त लाइव खेल आयोजन | सीरीज़ के लिए असीमित एक्सेस | ओलंपिक के बेमिसाल समाचार और हाइलाइट्स

ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला कौन है?

ओलंपिक में नीलिमा घोष का प्रदर्शन 21 जुलाई, 1952 को नीलिमा घोष आधिकारिक तौर पर ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जब उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर की पहली रेस में भाग लिया।

पहली महिलाओं को ओलंपिक खेलों में भाग लेने की अनुमति कहाँ और कब दी गई थी?

1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, जो आधिकारिक तौर पर पहले ओलम्पियाड खेल के रूप में जानी जाती है, एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो यूनान की राजधानी एथेंस में 6 अप्रैल से 15 अप्रैल 1896 के बीच आयोजित हुई थी। यह आधुनिक युग में आयोजित होने वाली पहली अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता थी

भारतीय महिलाओं ने ओलंपिक में कब भाग लिया?

महिलाओं ने साल 1900 के पेरिस ओलंपिक में हिस्‍सा लिया. ये पहले आधुनिक ओलंपिक के चार साल बाद आयोजित हुए थे.

महिलाओं ने प्रथम बार कौन से ओलंपिक में भाग लिया?

1900 में पहली बार महिलाओं ने ओलंपिक में भाग लिया। वह पेरिस ओलंपिक था।