बिहार राज्य सरकार के द्वारा अब आपसी सहमति के आधार पर भूमि विवाद (Land Dispute) सुलझाने की प्रकिया शूरु कर दी गई है। लोगो के भूमि विवाद का निपटारा करने के लिए बिहार सरकार कानून बना ने पर भी विचार कर रही है। आपको बता दें कि राजस्व एवं
भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के द्वारा भूमि विवाद निपटारे से संबंधित कुछ जानकारी प्राप्त हुई, उन्होंने बताया कि जिन भी मामूली बातों को लेकर भूमि विवाद हो रहा है, इससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। जमीन का उपयोग भी बाधित हो रहा है। बिहार सरकार इस विषय पर चर्चा कर रही है कि सहमति आधारित जमीन बंटवारा को कानूनी रूप दिया जाए। अभी के समय में इस नियम के प्रारूप पर विचार हो रहा है। बिहार राज्य में पुश्तैनी जमीन के बंटवारा में अड़चन विवाद का बेहद बड़ा कारण है। बिहार सरकार द्वारा ऐसा नियम
निकाला जा सकता है कि परिवार के बहुमत सदस्यों की राय को कानूनी रूप दिया जाए। किसी परिवार में 10 सदस्य हैं और उनमें से कम से कम छह सदस्य बंटवारा के किसी एक स्वरूप पर सहमत हैं। ऐसे मामलों में सहमति पत्र तैयार कर उसे कानूनी मान्यता दे दी जाएगी। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा जमीन संबंधी विवादों को कम करने के लिए रोज नया प्रयोग किया जा रहा है और इसीलिए अब हार राज्य में अगर किसी से परिवार में संपत्ति का बंटवारा
करवाना चाहते हैं तो उस संपत्ति का बंटवारा अब बहुमत के आधार पर भी हो सकता है। अर्थात अगर सरल भाषा में सुनते तो किसी परिवार में अगर 7 भाई है तो उसमे से 4 अगर बटवारा के लिए राजी होगा तो इस आधार पर किया गया बटवारा मान्य होगा। अतः अगर आधे से एक ज्यादा भाई ने बंटवारे के लिए सहमति प्रदान करते हैं तो इसके लिए परिवार में सर्वसम्मति बनाने की जरूरत नहीं होगी। बिहार राज्य के कानूनी बंटवारे में तो यह व्यवस्था पहले से है लेकिन सरकार अब खानगी (पंचायत आधारित) बंटवारे में यह व्यवस्था करने जा रही है। लेकिन
पंचायत आधारित बंटवारे में कुछ शर्तों का पालन करना होगा और यहां शर्त होगी कि पंचों में पंचायत प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर होना जरूरी होगा। बिहार
राज्य में पुश्तैनी जमीन का बंटवारा अब नई व्यवस्था के माध्यम से होगा | समय-समय पर भूमि एवं राजस्व विभाग बिहार द्वारा नए-नए प्रयासों के माध्यम से जमीन बंटवारा में होने वाले विवाद को कम करने और रोकने की कोशिश की जाती हैं इसीलिए प्रकार से यह नई व्यवस्था लागू की गई है | नई व्यवस्था में अगर पांच में से तीन भाई चाहेंगे तो बंटवारा मान्य होगा, लेकिन किसी की हकमारी नहीं होनी चाहिए। और इसी को ध्यान में रखते हुए पंचायत के लिए गठित समिति में मुखिया, हारे हुए मुखिया प्रत्याशी और वार्ड सदस्य का होना
जरूरी होगा इसके अतिरिक्त पंचों के साथ आधे से अधिक हिस्सेदार का भी पंच लाइन में पर हस्ताक्षर करना जरूरी है, और इसी प्रकार राजस्व व भूमि सुधार विभाग पूरी जमीन का शिड्यूल के अनुसार सभी भाइयों के नाम अलग-अलग जमाबंदी निर्धारित कर दिया जाएगा। बिहार में इस प्रकार से बंटवारे की प्रक्रिया को कानूनी मान्यता पहले ही प्राप्त हो चुकी है । इसके अंतर्गत परिवार का कोई सदस्य दूसरे को हिस्सा लेने से रोक नहीं सकेगा पंचायत प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर जरूरी होगा बंटवारे के दस्तावेज पर विवाद कम करने को सरकार
बनाने जा रही है नई व्यवस्था परिवार के बहुमत सदस्यों के अलावा पंचायत के मुखिया, मुखिया चुनाव के निकटतम प्रतिद्वंद्वी, वार्ड सदस्य और चकबंदी एवं राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी दस्तखत करेंगे। अतः इस प्रक्रिया के माध्यम से आप आसानी से अपने पुश्तैनी जमीन का बंटवारा बिना किसी विवाद के कर पाएंगे | बटवारा करने में लगने वाले कागजात
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जमीन बटवारा करने बाद दाखिल ख़ारिज कैसे करेंदाखिल खारिज के बारे में अगर आसान भाषा में समझे तो मान लीजिए कि अगर आपको कोई नहीं जमीन खरीदनी है तो आपको जमीन के लिए पुख्ता दस्तावेजों की जरूरत होती है, अर्थात की दाखिल खारिज दस्तावेज दस्तावेज होता है जिनके माध्यम से आप अपनी जमीन के मालिकाना हक की पुष्टि कर पाते है | ऑनलाइन दाखिल खारिज करने की प्रक्रिया के बारे में हमने विस्तार से एक पोस्ट में आपको सारी जानकारी दी है, इसलिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके सीधे उस पोस्ट को पढ़ सकते हैं और ऑनलाइन दाखिल खारिज के बारे में तमाम नियम तथा प्रक्रिया जान सकते हैं|
Jamin Ka Batwara Kaise Kre | जमीन का परिवारिक बंटवारा कैसे करेंदादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करेंअगर आप दादा परदादा की जमीन को अपने नाम पर करवाना चाहते हैं तो इसके लिए तीन प्रकार से आप आवेदन कर सकते हैं, दादा परदादा के जमीन को अपने नाम पर निम्न प्रक्रिया के माध्यम से करवा सकते हैं:-
चलिए अब इन तीनों प्रकार के बंटवारे के बारे में थोड़ा विस्तार से चर्चा कर लेते हैं | आपसी सहमती बटवाराआपसी सहमति बटवारा बंटवारे का सबसे कठिन और जटिल प्रकार है क्योंकि इसके माध्यम से होने वाले बंटवारे में जितने भी भाई होते हैं वह सभी एक जगह एकत्रित होकर आपस में बातचीत के माध्यम से अपनी जमीन के हिस्से कर लेते हैं | ऐसी स्थिति में बंटवारे के समय तो कोई समस्या नहीं होती लेकिन अगर मान लीजिए कि चार भाई हैं और जिनमें से एक को आगे चलकर आपत्ति होती है तो फिर तमाम भाइयों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाते हैं अतः हमें कभी भी इस प्रकार के बंटवारे का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका कोई वैल्यू नहीं होता है, और इसी बटवारे के वजह से आप कई लोगो को बड़ी से बड़ी मुशिबतो का सामना भी करना पड़ रहा है| अगर आप भी आगे चलकर किसी भी विवाद की स्थिति मैं नहीं पढ़ना चाहते तो इस प्रकार के बंटवारे का उपयोग ना करें| पंचायत सहमती बटवाराइस प्रकार के बंटवारे में जमीन के जितने भी हिस्सेदार हैं उनके अतिरिक्त पंचायत की भी उपस्थिति होती है | ये बटवारा भी आपसी सहमती बटवारा के सामान ही होता है, इसमें कुछ इस प्रकार से बंटवारा होता है कि आप के गाव के सरपंच या फिर मुखिया होते है उन्ही के देख रेख में बटवारा होता है, इस प्रकार के बंटवारे में भी कोई वैध दस्तावेज ना होने के कारण आगे चलकर समय में विवाद की स्थिति उत्पन्न होते हैं | रजिस्ट्री बटवारायह जमीन के बंटवारे का सबसे वैध एवं सटीक तरीका है, इसके माध्यम से किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है तथा अदालत के माध्यम से जमीन का बिल्कुल बराबर रूप से सभी भाइयों में बंटवारा होता है | तथा बंटवारा होने के पश्चात पावती एवं अन्य दस्तावेजों के माध्यम से आधिकारिक रूप से जमीन का मालिक भाइयों को सुनिश्चित कर दिया जाता है | दो भाइयों में जमीन का बंटवाराअगर दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ऊपर दी गई प्रक्रियाओं के माध्यम से गुजरना पड़ता है| अगर आप चाहते हैं कि आने वाले समय में जमीन से जुड़ा किसी भी प्रकार का विवाद सामने ना आए तथा भाइयों के बीच जमीन को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी इसके लिए आपको रजिस्ट्री बटवारा के माध्यम से जमीन के कुल इससे करवाने चाहिए| मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति के 2 पुत्र हैं, तथा अब मोहन दोनों पुत्र अपनी जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं तो वह अदालत की मदद ले सकते हैं| अदालत के द्वारा बिना किसी पक्षपात के दोनों भाइयों के नाम पर अपने पिता की कुल संपत्ति का आधा आधा हिस्सा प्रदान कर दिया जाएगा| आगे के समय में किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए अदालत के द्वारा जमीन से जुड़े सभी जमीनी दस्तावेज भी बनाकर तैयार कर दिए जाते है, अतः अगर दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा करवाना चाहते हैं तो इसके लिए रजिस्टर बंटवारे का सहारा लेना सबसे उचित है | अन्यथा आगे चलकर किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं | बिहार भूमि न्यायाधिकरण विभाग हेल्पलाइन
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Frequently Asked Questions FAQ1 Q घर का सरकारी बटवारा कैसे होता है?Ans अगर आप घर का बटवारा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कानून की मदद लेनी होगी इसके माध्यम से घर की कुल जमीन के जितने भी हिस्सेदार है उसके हिसाब से बंटवारा किया जाता है | 2 Q पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है?Ans पिता के नाम पर जितने भी संपत्ति है उस पर उस के कुल पुत्रों का बराबर अधिकार होता है अतः यदि किसी पिता के 3 पुत्र हेतु पिता की कुल संपत्ति पर तीनों का समान अधिकार रहेगा | 3 Q बिहार में जमीन का बंटवारा कैसे करें ?Ans अगर आप जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको रजिस्टर बटवारा विधि को फॉलो करना है, अर्थात की आपको अदालत के माध्यम से अपनी जमीन का कुल बराबर है इससे करवा लेने हैं जिससे आगे विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी | 4 Q पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे किया जा सकता है ?Ans अगर आप अपने पुश्तैनी जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आधे से एक अधिक भाई की सहमति होना जरूरी है, इसके बाद आप अदालत में कार्यवाही के माध्यम से अपनी जमीन का बंटवारा करवा सकते हैं | 5 Q जमीन का बंटवारा कितने प्रकार से हो सकता है ?Ans आप कोई तीन प्रकार की विधि के माध्यम से जमीन का बंटवारा कर सकते हैं :- आपसी सहमती बटवारा, पंचायत सहमती बटवारा, रजिस्ट्री बटवारा | 6 Q जमीन का बंटवारा करवाने के लिए सबसे सही तरीका क्या है ?Ans अगर आप जमीन का सबसे सही और बिना किसी पक्षपात के बटवारा करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको रजिस्ट्री बंटवारे की विधि का पालन करना चाहिए, अर्थात की आपको अदालत के माध्यम से अपने जमीन का बराबर भाइयों में बंटवारा करवा लेना चाहिए | ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम आपतक सबसे पहले अपने इस Website के माधयम से पहुँचआते रहेंगे biharonlineportal.com, तो आप हमारे Website को फॉलो करना ना भूलें । अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे Share जरूर करें । इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद,,, नीचे दिए गए सोशल मीडिया के आइकॉन पर क्लिक करके आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं जिससे आने वाली नई योजना की जानकारी आप तक पहुंच सके| जमीन का बंटवारा करने के लिए क्या करना पड़ेगा?बंटवारे का ऐसा सिविल सूट एसडीएम की कोर्ट में दर्ज होता है जिसे हिंदी में उपखंड अधिकारी कहा जाता है। यह आमतौर पर उस गांव की लगने वाली तहसील में बैठते हैं जहां वह जमीन स्थित होती है। यहां पर एक सिविल सूट दाखिल करना होता है जिसमें जो पक्षकार बंटवारा चाहता है वह उस जमीन में अपना हित साबित करता है।
पुश्तैनी घर का बंटवारा कैसे करें?यदि आप पुश्तैनी जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं, तो रजिस्ट्री करके बटवारा कर सकते हैं। क्योंकि अदालत में पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के बाद भविष्य में आपको किसी भी प्रकार के विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बटवारा कितने प्रकार का होता है?दादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करें. आपसी सहमती बटवारा. पंचायत सहमती बटवारा. रजिस्ट्री बटवारा. पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें Bihar?पुश्तैनी जमीन बेचने से पहले पारिवारिक बंटवारा करना होगा, जमीन की दाखिल-खारिज करानी पड़ेगी। जमीन निबंधन के दस्तावेज में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में बेटियों की हकमारी नहीं हो पाएगी। भाई अगर जमीन बेचना चाहते हैं तो बहनों का हिस्सा सुरक्षित रहेगा या उसकी रजामंदी जरूरी होगी।
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