चित्रकला में कौन सा तत्व संबंधित होता है? - chitrakala mein kaun sa tatv sambandhit hota hai?

चित्रकला के तत्व 

    एक चित्र के निर्माण के लिए कुछ आधारभूत तत्वों की आवश्यकता होती है जिन्हे हम चित्रकला के तत्व कहते हैं वैसे तो यह कोई मान्य सिद्धांत नहीं है कि इनका प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए पर सभी प्रकार के चित्रों का अवलोकन करने के पश्चात यह सिद्धि जाता है किसी न किसी रूप में यह सभी तत्व हमारे सृजन का अंग हो जाते हैं चित्रकला के 6 प्रमुख तत्व है

6 अंतराल Space

         उपरोक्त तत्व प्रत्येक चित्र में विद्यमान रहते हैं भले किसी तत्व का महत्व कम या अधिक हो सकता है आजकल कला की कई विधाएं है जिनमें इनका प्रयोग सुविधा के अनुसार कलाकार करते हैं कहीं पर कोई तत्व प्रधान होता है तो कहीं पर कोई अगर हम समग्र दृष्टिकोण से विचार करें तो पाएंगे कि चित्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व अंतराल है इसके अभाव में अन्य पांच प्रभावहीन हो जाते हैं इसीलिए यह सबसे महत्वपूर्ण है अंतराल का चुनाव कलाकार की इच्छा पर निर्भर करता है वह किस प्रकार का धरातल अपने चित्र सजन के लिए महत्वपूर्ण समझता है चित्रकार धरातल में मुख्य रूप से कागज, लकड़ी, ताड़पत्र, कपड़ा एवं दीवार, फर्श, छत आदि का प्रयोग करता है इसके अतिरिक्त वह धरातलओ को अपनी इच्छा के अनुसार भी निर्मित कर सकता है

         चित्र के निर्माण के लिए रेखा भी महत्वपूर्ण एक तत्व है बालक जब कला का अभ्यास प्रारंभ करता है कब हुआ रेखाओं की सहायता से कुछ रूप बढ़ता है धीरे-धीरे समय के साथ यह और अधिक अशक्त होती जाती हैं जिनके माध्यम से कलाकार भविष्य में अपने मनो विचारों को दर्शाता है

         वर्ण  या रंग चित्र की आत्मा कहा जाता है रंग चित्र को आकर्षक महत्वपूर्ण और भावनात्मक शुरू प्रदान करते हैं प्रत्येक रंग विशेष प्रकार की भावनाओं को उद्वेलित करने में सहायक होता है पर कलाकार यहां पर कोई मान्य या सैद्धांतिक दृष्टिकोण अपनाएं ऐसा नहीं है प्रत्येक कलाकार स्वतंत्र होकर इनका प्रयोग करता आया है किसी को कोई रंग भाता है तो किसी को कोई रंग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के अनुरूप सहज प्रतीत होता है

         चित्रकला में रूप का अपना महत्त्व है चित्र भूमि पर अंकन प्रारंभ करते ही रूप सक्रिय हो जाता है वह चित्र भूमि को जीवंत बना देता है एक कलाकार के लिए रुक का महत्व समझना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह निर्धारित करता है की कलाकृति कैसी होगी रूप दर्शक को अपनी तरफ आकर्षित करता है साथ ही कलाकार इनके माध्यम से अपने भावों को व्यक्त करता है 

          चित्र में हल्के गहरेपन घोतक है किसी भी चित्र को प्रभावशाली बनाने के लिए छाया प्रकाश का होना अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि कलाकार दो आयामी भूमि पर 3 आयामी प्रभाव मात्र तान के उचित प्रयोग के द्वारा ही दिखा सकता है

पोत सतह का गुण  है कलाकार जब किसी वस्तु का निर्माण करता है तो वह उसके साथ उसके धरातल पर व्याप्त पोत का भी अनुकरण करता है जिससे वह वस्तु का यथार्थ शुरू दिखा पाता है जैसे पत्थर को वह कठोर और ठोस चित्रित करता है 

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चित्रकला के छह मूल तत्वों से ही नाटक में हो पाता है प्रभावी मंचन, इसकी जानकारी जरूरी

नाटक मंचन में जितनी भूमिका अभिनय की रहती है, उतनी ही भूमिका चित्रकला की है। इसमें रंग सज्जा, वेशभूषा, स्टेज क्राफ्ट में रंगों का समायोजन इसके मूल तत्वों से होता है। इसलिए चित्रकला के मूल तत्वों का नाटक से महत्वपूर्ण संबंध है। चित्रकला के 6 मूल तत्व रेखा, रुप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल होते हैं।

यह बात राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया ने कही। वह रविवार को आर्टिस्ट कंबाइन इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की आेर से नाट्य कला मंदिर में आयोजित व्याख्यानमाला में बोल रही थीं। इसमें डॉ. योगेश्वरी ने चित्रकला के मूल तत्व एवं उनका नाटक से संबंध विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूल तत्व में सबसे पहले रेखा आती है। रेखाएं औपचारिक, अनौपचारिक, आड़ी, खड़ी और अन्य प्रकार की हो सकती हैं। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. संजय लघाटे, विलास भांड, प्रमोद पक्की, सुधीर सहित छात्र- छात्राएं मौजूद रहे। अंत में उन्होंने सवालों के जवाब भी दिए।

दाल बाजार स्थित नाट्य कला मंदिर में आयोजित व्याख्यानमाला में जानकारी देतीं डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया।

कला के मुख्य तत्वों में से कौन से तत्व का समाज नहीं होता है?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

पक्का पूछा गया प्रश्न है कि कला के मुख्य तत्वों में से कौन से तत्व समाज के नहीं होते हैं तो मैं बता दूं कि कला के जो मुख्य तत्व होते हैं जिसमें प्रतिभा अवधारणा माध्यम संदर्भ शैली मूल्य और सौंदर्यशास्त्र होता है और चित्रकला मूर्तिकला रंगमंच नृत्य साहित्य वास्तुकला जैसे कलात्मक सृजन मौजूद होते हैं

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चित्रकला में कौन सा तत्व संबंधित होता है? - chitrakala mein kaun sa tatv sambandhit hota hai?

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चित्रकला के प्रमुख तत्व कौन कौन से हैं?

चित्रकला के 6 मूल तत्व रेखा, रुप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल होते हैं। यह बात राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया ने कही।

कला के तत्व को क्या कहते हैं?

कला के तत्व: सात मौलिक कला घटक रंग, रेखा, रूप, आकार, स्थान, मान और बनावट हैं

चित्रकला के तत्वों से क्या अभिप्राय है?

कलात्मक अभिव्यक्ति के लिये व्यंजना के माध्यम जैसे भाषा, शारीरिक चेष्टाओं, रंगों, आकारों आदि का कलात्मक प्रयोग आवश्यक है। कला का मूल उद्देश्य एक ऐसे समानान्तर संसार का सृजन है जिसमें स्वचेतन मनुष्य अहं-भाव से मुक्त हो अपने को अनन्त रूपों में देख सके।

कला के तत्वों के कितने प्रकार होते हैं?

कला के प्रकार 5 तथा 2 भाग.
देखने योग्य ( दृश्य कला / Visual Art ) – वास्तुकला, मूर्तिकला और चित्रकला तीनों कला को हम देखते हैं । यह भौतिक है । जबकि.
सुनने योग्य ( Audible Art )- काव्यकला तथा संगीत कला को हम सुनते हैं । यह भौतिक नहीं है ।.