वचन chhattisgarhi grammar gk in hindi Show (हीरालाल काव्योपाध्याय के अनुसार) परिभाषा – शब्द के जिस रूप से एक या अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का ज्ञान होता है, उसे ‘वचन’ कहते हैं। वचन के प्रकार (02) एकवचन जिस शब्द से एक व्यक्ति या वस्तु का ज्ञान होता है, उसे एक वचन कहते हैं। जैसे – टूरा (लड़का), बइला (बैल), छेरी (बकरी), में (मैं), वो (वह) आदि। बहुवचन जिस विकारी शब्द से दो या दो से अधिक व्यक्ति या वस्तु का ज्ञान होता है उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे – बइला मन, पतो मन, टूरा मन, लइका मन, ओमन, तुमन हा, कुकुरमन हर |CG PSC (Pre) 2013,(ACF) 2017] वचन के रूपांतरण (A) छत्तीसगढ़ी में संज्ञाओं का बहुवचन रूप ‘मन’ परसर्गवत् लगाने से होता है। अतः संज्ञा विकारी होता है। [CG PSC(Main)2012][CGPSC(Pre)2013][CGPSC(Main)2014-18]
(B) ‘परतेक’ (प्रत्येक), ‘हर’ (सभी) और ‘हरेक’ (हर एक) का प्रयोग सदा एक वचन में होता है। जैसे – परतेक मनखे ला जेवन मिलना चाही। (प्रत्येक व्यक्ति को भोजन मिलना चाहिए) – परतेक मनखे मिहिनत करही। (प्रत्येक व्यक्ति मेहनत करेगा) – हर घर खुसहाल होही -(हर घर खुशहाल होगा) {C} कई बार बहुवचन का निर्माण शब्द के पहले सब या सबो या सब्बो या जमो या जम्मों या अड़बड या अब्बड़ लगाने से हो जाता है, इन सब का अर्थ सब होता है। [CGPSC(Mains)2013] [CGPSC(Mains)2014][CGPSC(Pre)2012] जैसे
कई बार सब, सबो, सब्बो, जम्मा, जम्मो के अतिरिक्त मन भी लगाना पड़ता है Chhattisgarhi Grammar छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण व्याकरण Click Now महत्वपूर्ण: छत्तीसगढ़ी व्याकरण [CGPSC (PRE & MAINS) Vyapam में पूछे जाने वाले प्रश्न
(A) हावा (B) रद्दा (C) जंगल (D) समुंदर उत्तर-(A) [CG Vyapam(FCPR)2016] 2. छत्तीसगढ़ी भाषा में मनखे’ का बहुवचन होता हैr
(A) तेहा (B) तोर (C) तोला (D) तुमन हा (E) उपरोक्त में कोई नहीं उत्तर-(D) [CG PSC(Pre)2013]
(A) बछरू (B) पान (C) जात (D) कुकुर-मन-हर (E) इनमें से कोई नहीं उत्तर-(D) [CG PSC(ACF)2017]
(A) डंडे (B) डंडा (C) डंडा मन (D) बहुत सारे डंडे उत्तर-(B) [CG PSC(Pre)2018]
(A) सबो छेरी (B) सब्बो छेरी (C) जमो छेरी (D) जम्मो छेरी (E) इनमें से कोई नहीं उत्तर-(E) [CG PSC(Pre)2016]
(A) घोड़ा (B) घोड़े (C) घोड़ा मन (D) घोड़े मन (E) इनमें से कोई नहीं उत्तर-(C) [CG PSC(ADH)2018]
(A) सब्बो (B) खाल्हे (C) अब्बड़ (D) जम्मो (E) बड़ उत्तर-(B) [CG PSC(Pre)2012
(A) ओहा गे रहिस (B) ओ मन हा गे रहिस (C) ओ गे रहिन (D) ओमन गे रहिन (E) ओमन गे रहिस उत्तर-(D) [CG PSC(Pre)2012
(A) तन (B) मन (C) धन (D) इनमें से कोई नहीं (E) उपरोक्त सभी उत्तर-(B) [CG PSC(Pre)2013
(A) गंज (C) मन (D) उपरोक्त सभी उत्तर-(D)
(A) चरूमन (B) लोगन (C) भांटोमन (D) ओमन उत्तर-(B)
(A) खूब (B) बढ़ियन (C) निचट (D) उपरोक्त सभी उत्तर-(D)
(A) ओमन (B) मनखे (C) बइला मन (D) नोनी मन उत्तर-(B) छेरी-च-छेरी का हिन्दी अनुवाद है – (A) बकरे व बकरियां (B) बकरी व बकरी (C) बकरी ही बकरी (D) बकरियां ही बकरियां उत्तर-(D) छ.ग. राज्य लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों के मॉडल उत्तर छ.ग. लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा -2012(M) प्र-1. छत्तीसगढ़ी के एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाइए – (अंक-02)
छ.ग. लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा -2012 प्र-2. ‘मन’ और ‘गंज’ लगाकर बहुवचन बनाने के एक-एक उदाहरण दीजिए। (अंक-02) उत्तर- नोनी-नोनीमन, घोड़ा – गंजघोड़ा छ.ग. लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा -2013 प्र-3. ‘न’ और ‘जमो’ लगाकर एकवचन से बहुवचन बनाने के एक-एक उदाहरण दीजिए। (अंक-02) उत्तर- लोगन, जम्मो पतो मन छ.ग. लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा -2014 प्र-4. ‘मन’ और ‘सबो’ लगाकर एकवचन से बहुवचन बनाने के एक-एक उदाहरण दीजिए : (अंक-02) उत्तर- नोनीमन, सबो बइला छ.ग. लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा -2018 प्र-5. ‘टूरी मन’ कौन-सा वचन है ? उत्तर- बहुवचन(अंक-02) प्र-6. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द बहुवचन है? (A) परतेक (B) हर (C) हरेक (D) गंज तर-(D) प्र-7. छत्तीसगढ़ी में “खेत’ शब्द का बहुवचन है : (A) खेत मन (B) खेत-खार (C) खेती (D) सब्बो खेत तार ANS: (D) [CGPSC(Pre.)2019] छत्तीसगढ़ी में वचन कौन सा है?पर सफल से करने करें ।
छत्तीसगढ़ में बहुवचन कैसे बनाए जाते हैं?टाइप करें। प्राप्त विषय-वस्तु की सूची से चाही गई विषय-वस्तु पर क्लिक करें।
छत्तीसगढ़ की मातृभाषा क्या है?छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है। यह पूर्वी हिन्दी की प्रमुख बोली है और छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख भाषा है। राज्य की ८२.५६ प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में तथा शहरी क्षेत्रों में केवल १७ प्रतिशत लोग रहते हैं। यह निर्विवाद सत्य है कि छत्तीसगढ़ का अधिकतर जीवन छत्तीसगढ़ी के सहारे गतिमान है।
छत्तीसगढ़ी बोली क्या है?विकासक्रम में 'अपभ्रंश' से 'अर्द्धमागधी', अर्द्धमागधी से पूर्वी हिन्दी की उपभाषाओं अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी का विकास हुआ है । 'मागधी' और 'शौरसेनी' के बीच का क्षेत्र 'अर्द्धमागधी' का है इसलिये 'अर्द्धमागधी' में 'मागधी' एवं 'शौरसेनी' दोनों की विशेषताएँ पाई जाती हैं किंतु ज्यादा प्रभाव 'मागधी' का ही है ।
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