गोपियों के वाक्चातुर्य की क्या विशेषता नहीं थी? - gopiyon ke vaakchaatury kee kya visheshata nahin thee?

प्रश्न 1-11: गोपियों ने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर ज्ञानी उद्धव को परास्त कर दिया, उनके वाक्चातुर्य की विशेषताएँ लिखिए?

उत्तर 1-11: गोपियों के वाक्चातुर्य की विशेषताएँ इस प्रकार है -
• साहसी - गोपियों पूरी तरह से निडर हैं। वह उद्धव को कोसने से परहेज नहीं करतीं। वह उनके योग साधना के सन्देश को कड़वी ककड़ी और बिमारी बताती हैं।
• व्यंग्यात्मकता - गोपियों ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से व्यंग्य करती हैं। वे उद्धव को 'बड़भागी' कहती हैं चूँकि वह श्रीकृष्ण के पास रहकर भी प्रेम से अछूते रहे। यह कहकर वह उद्धव का उपहास करती हैं।
• स्पष्टता - वे स्पष्ट शब्दों में उद्धव को बताती हैं कि वे कृष्ण के प्रेम में पूरी तरह से लीन हैं इसलिए उनके योग सन्देश का उनपर कुछ असर नहीं पड़ने वाला है।

प्रश्न 1-12: संकलित पदों को ध्यान में रखते हुए सूर के भ्रमरगीत की मुख्य विशेषताएँ बताइये।

उत्तर 1-12: भ्रमरगीत की मुख्य विशेषताएँ हैं-
• निर्गुण और निराकार भक्ति से ज्यादा सगुण और साकार भक्ति को ज्यादा महत्व दिया गया है।
• योगसाधना का महत्व प्रेम की एकनिष्ठाता के सामने कम है।
• गोपियों विरह वेदना झेल रही हैं।
• गोपियों ने सरलता, मार्मिकता, उपालंभ, व्यगात्म्कथा, तर्कशक्ति आदि के द्वारा उद्धव के ज्ञान योग को तुच्छ सिद्ध किया है।
• गोपियों ने खुद को हारिल पक्षी व श्रीकृष्ण को लकड़ी की भाँति बताकर अनन्य प्रेम का परिचय दिया है।
• अनुप्रास, उपमा, दृष्टांत, रूपक, व्यतिरेक, विभावना, अतिशयोक्ति आदि अनेक अलंकारों का सुन्दर प्रयोग किया है।
• शुद्ध साहित्यिक ब्रजभाषा का प्रयोग हुआ है।
• इसमें भी संगीतात्म्कता का गुण सहज ही दृष्टिगत होता है।

गोपियों के वाक्चातुर्य की क्या विशेषता नहीं थी * 1 Point स्पष्टता भावुकता व्यंग्यात्मकता कठोरता?

(3) व्यंग्यात्मकता - गोपियों में व्यंग्य करने की अद्भुत क्षमता है। वह अपने व्यंग्य बाणों द्वारा उद्धव को घायल कर देती हैं। उनके द्वारा उद्धव को भाग्यवान बताना उसका उपहास उड़ाना था। (4) तीखे प्रहारों द्वारा - गोपियों ने तीखे प्रहारों द्वारा उद्धव को प्रताड़ना दी है।

गोपियों के वाक्चातुर्य की क्या विशेषता नहीं थी *?

गोपियों के वाक्‌चातुर्य के सामने किसी भी प्रकार टिक नहीं पाए थे। 1. गोपियों का एकनिष्ठ प्रेम-गोपियों के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति एकनिष्ठ गहरा प्रेम था। वे उन्हें पलभर भी भुला नहीं पाती थीं।

गोपियों के वाक् चातुर्य की मुख्य विशेषता क्या है?

Solution : गोपियाँ वाक्चतुर हैं। वे बात बनाने में माहिर हैं । यहाँ तक कि ज्ञानी उद्धव उनके सामने <br> गैंगे होकर खड़े रह जाते हैं। जिस प्रकार वे अपनी प्रीती को बचाने के लिए उद्धव को बातें <br> सुनाती हैं उनकी उलाहना कर, उनकी तुलना कमल के पत्ते, तेल की गागर से करती हैं यह <br> दर्शाता है उनका प्रेम श्री कृष्ण के लिए।

उद्धव और गोपियों में वैचारिक अंतर क्या है?

उद्धव के ज्ञान-अभिमान पर व्यंग्य प्रहार किया है। अहंकार रहित और सरल हृदय व्यक्ति ही श्रीकृष्ण के प्रेम का पात्र हो सकता है। 3. गोपियाँ व्यंग्य स्वरूप उद्धव को 'अति बड़भागी' कह रही हैं क्योंकि वे कृष्ण के समीप रहकर भी उनके प्रेम बंधन में नहीं बँध सके और न ही उनके प्रेम में व्याकुल हुए।