नारियल के फायदे (Coconut benefits) Coconut benefits, Nariyal ke fayde, Coconut oil, Coconut milk, Coconut chutney Show
सभी फलों में नारियल (Coconut or Nariyal) सबसे ज्यादा उपयोगी और फायदेमंद फल है. नारियल का इस्तेमाल तो हमारे देश में बहुत प्राचीन समय या हमेशा से ही होता आ रहा है, क्योंकि इसका इस्तेमाल हमारे देश के हर त्योहारों, पूजा या शुभ कार्यों में होता है. कोई भी बड़ी पूजा या शुभ कार्य बिना नारियल के होते ही नहीं, इसीलिए इसे ‘श्रीफल’ (Shriphal) यानी लक्ष्मी जी का फल या ‘शुभफल’ भी कहा जाता है. नारियल केवल शुभ फल ही नहीं देता, शुभ सेहत यानी अच्छा स्वास्थ्य भी देता है. नारियल भूख के साथ-साथ प्यास भी बुझाता है. नारियल का एक पेड़ होने का मतलब है- परिवार के लिए खाना-पीना, ईंधन, बर्तन, कपड़े और मकान का इंतजाम होना. नारियल की गिरी, पानी, तेल, दूध, जड़, छाल, खोपरा आदि सब चीजों का औषधीय इस्तेमाल है. यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है… और शायद इसीलिए भगवान ने इसे हर धार्मिक कार्यों का अनिवार्य हिस्सा बनाया है, ताकि किसी न किसी रूप में ये हर घर में पहुंच जाए और इसके लाभ लोगों को मिलते रहें. आज हम यहां नारियल के पेड़, नारियल के गुण, इस्तेमाल और फायदे, नारियल का दूध और नारियल का तेल बनाने की तरीके और उनके फायदों आदि सबके बारे में जानेंगे- नारियल का पेड़ (Coconut Tree)नारियल के पेड़ (Coconut tree or Nariyal Tree) करीब-करीब खजूर के पेड़ की तरह दिखते हैं, लेकिन खजूर के पेड़ सीधे खड़े रहते हैं, वहीं नारियल के पेड़ किसी भी तरह (सीधे या टेढ़े) खड़े हो जाते हैं. नारियल के पेड़ों के लिए सामान्य तापमान और समुद्र के किनारे की नरम भुरभुरी जमीन ज्यादा अनुकूल होती है. ऐसी जमीन को ‘गझनी’ जमीन कहा जाता है. बिना निथार वाली बंद, काली या चिकनी मिट्टी में इसके पेड़ नहीं उगते हैं. नारियल की खेती में कीटनाशकों और महंगे खाद की भी जरूरत नहीं होती. नारियल के बीज को नारियल फोड़ने के बाद एक-दो महीने घर की खुश्क हवा में रखने के बाद जमीन में गाड़ा जाता है. अंकुर फूटने पर उसे ठंडी या साधारण बरसात के समय कायमी स्थान में लगा दिया जाता है. नारियल की बोआई होने के लिए लगभग 4 से 7 सालों बाद उस पर फल आने लगते हैं. इसके पेड़ 60 से 90 फीट ऊंचे हो जाते हैं. इनके पत्तों की लंबाई 15 से 20 फीट होती है और पत्ते शिखर पर रहते हैं. नारियल के पेड़ पर मोटी पंखुड़ियों वाले बारहमासी फूल आते हैं. अच्छा उत्पादन और अच्छी कमाई- जमीन में बोया गया नारियल करीब 4-5 सालों में फल देने लगता है और 25-30 सालों तक बहुत अच्छा उत्पादन देता है. अच्छे नारियल के पेड़ों पर एक बार में लगभग 150 से 200 नारियल आते हैं. नारियल के पेड़ करीब 80 सालों तक फल देते रहते हैं. खारी जमीन में उगा हुआ नारियल का पेड़ करीब 6-7 सालों में फल देने लगता है और उसका उत्पादन हमेशा एक जैसा रहता है. नारियल की कई प्रजातियां ऐसी हैं, जिन पर पूरे साल फल लगे रहते हैं. नारियल के उत्पादन में भारत दुनिया में सबसे आगे रहता है. केरल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र और गोवा में ये अच्छी मात्रा में होते हैं. नारियल के गुण, इस्तेमाल और फायदे (Coconut Benefits)नारियल के गुण-नारियल पर कई रिसर्च हो चुकी हैं और सभी में यही सामने आया है कि नारियल पोषक तत्वों का खजाना है. नारियल में एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन-C, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम प्रचुर मात्रा में होते हैं. नारियल में अच्छा वाला प्रोटीन पाया जाता है. एक नारियल 27 प्रतिशत विटामिन-सी, 23 प्रतिशत मैंगनीज, 9 प्रतिशत पोटेशियम, 4 प्रतिशत मैग्नीशियम, एक प्रतिशत कैल्शियम की रोजाना जरूरत को पूरा कर सकता है. नारियल के 250 मिलीलीटर पानी में 44 कैलोरी, 10 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.5 ग्राम प्रोटीन होता है. नारियल से दूध, तेल आदि बनाने के साथ-साथ इससे बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन, मिठाइयां, दवाइयां और कॉस्मेटिक्स बनाए जाते हैं. इसके खोपरों और जटाओं से बहुत तरह की जरूरी, औषधीय और सजावट की चीजें बनती हैं. नारियल के फायदे- नारियल की सबसे अच्छी बात कि इसमें दूसरे फलों-सब्जियों की तरह मिलावट नहीं की जा सकती है. खुद प्रकृति ने ही इसकी सुरक्षा इतने अच्छे से की है कि इसमें किसी तरह के केमिकल या इंजेक्शन आदि का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. ♦ नारियलकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इनका सेवन बहुत फायदेमंद होता है. आयुर्वेद के अनुसार, नारियल खून और मूत्राशय (Bladder) को साफ करता है, शरीर की गर्मी को दूर करता है, बल और शक्ति और इम्युनिटी को बढ़ाता है. यह आंतों में चिकनाहट पैदा करता है और पेट को साफ करने में मदद करता है. ♦ ताजे नारियल की गिरी (Nariyal ki Giri) खाने से पाचन शक्ति अच्छी होती है. बवासीर, डायबिटीज, गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर में यह बहुत फायदेमंद है. नारियल की गिरी अच्छे से चबाने से दांत और मसूढ़े भी स्वस्थ रहते हैं. नारियल की गिरी में मिश्री मिलाकर खाने से आंखों की सामान्य समस्याएं दूर होती हैं. ♦ नारियल के पानी (Coconut water or nariyal ka pani) को अमृत के समान माना गया है. इसे पीने से शरीर की प्यास तो बुझती ही है, साथ ही शक्ति भी मिलती है. ग्लूकोज की जगह नारियल के पानी का इस्तेमाल करना ज्यादा अच्छा होता है. गर्मियों में नारियल का पानी हृदय के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. ♦ नारियल पानी पचने में भी हल्का होता है, पेट की गंदगी साफ करता है, पित्त को मिटाता है, यूरिन को साफ करता है, शरीर की गर्मी दूर करता है और दिमाग को स्वस्थ बनाता है. नारियल दिमाग की कमजोरी को दूर करता है. नारियल पानी पीने से शक्ति बढ़ती है और मोटापा दूर होता है. ♦ अमेरिकी शोध पत्रिका जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, उन्हें गर्मियों में करीब एक हफ्ते तक दो नारियल का पानी पीना चाहिए. इसमें पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर से सोडियम को बाहर निकलने की दर को बढ़ाता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन के दौरान धमनियों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल में कमी लाकर हृदय रोगों से भी बचाता है. नारियल का दूध (Coconut Milk)नारियल दूध के फायदे-आजकल कई रिसर्च में नारियल के दूध (Coconut milk or Nariyal ka doodh) को गाय के दूध से भी ज्यादा गुणकारी बताया जा रहा है, वो इसलिए क्योंकि गाय या भैंस का दूध पचने में काफी भारी होता है. हर कोई नहीं पचा पाता, वहीं कुछ लोगों को जानवरों के दूध से एलर्जी भी होती है…. ऐसे में नारियल के दूध का इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह पचने में हल्का होता है, साथ ही इससे किसी तरह की कोई एलर्जी भी नहीं होती है. सबसे बड़ी एक समस्या ये भी है कि आजकल गाय-भैंस के दूध में बेहद मिलावट की जा रही है, जो फायदों की जगह कई बड़ी बीमारियों की वजह बन रहा है. नारियल का दूध (Nariyal milk) बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह कुपोषण दूर करता है लेकिन वजन नहीं बढ़ाता. नारियल के दूध से शरीर को बहुत शक्ति मिलती है और इसीलिए इसका इस्तेमाल कुपोषण को दूर करने के लिए किया जाता है. यह वजन या एक्स्ट्रा फैट घटाने में भी मददगार है. इसी के साथ, नारियल का दूध पीने से त्वचा की भी समस्याएं दूर होती हैं और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसका इस्तेमाल मुंह के छालों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. नारियल का दूध बनाने की विधि-जटाओं वाले एक अच्छे नारियल को फोड़कर उसकी गिरी निकाल लें. एक कप गिरी में दो या तीन कप पानी डालकर मिक्सर से अच्छी तरह पीस लें. फिर इसे किसी साफ सफेद कपड़े से किसी बर्तन में अच्छी तरह छान लें. नारियल का दूध तैयार है. आप इसे उसी समय पी लें या एक दिन फ्रिज में भी रख सकते हैं…. और दूसरे दिन फ्रिज से निकालकर, करीब एक-डेढ़ घंटे ऐसे ही रखकर पी सकते हैं. फ्रिज में रखने पर इसमें ऊपर-ऊपर इसकी गाढ़ी मलाई या क्रीम (Nariyal cream) इकट्ठा हो जाती है. तो आप चाहें तो इस मलाई और नीचे बचे पानी को अलग-अलग भी खा-पी सकते हैं या इस्तेमाल कर सकते हैं, या दोनों को फिर मिलाकर (दूध) पी सकते हैं. सावधानी- नारियल के दूध को गर्मियों में ही पिया जाना चाहिए. नारियल के दूध को गर्म करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे गर्म करने पर यह कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा सकता है. नारियल के दूध से आप बनाना शेक (Banana shake) जैसी चीजें तो बना सकते हैं, लेकिन चाय या कॉफी नहीं बना सकते. नारियल के दूध को घर पर ही बनाकर एक दिन में पी लें. बाजार का नारियल का दूध पीने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि उसमें प्रिजर्वेटिव या केमिकल्स मिले रहते हैं. नारियल का दूध बहुत महंगा नहीं पड़ता है. अगर आप इसे घर पर ही बनाएंगे तो इसकी कीमत गाय-भैंस के दूध की कीमत के बराबर ही होती है, या उससे भी कम हो सकती है. नारियल का तेल (Coconut Oil)नारियल का तेल (Coconut oil or Nariyal oil) भी खाना बनाने और दूसरे बहुत से कामों में इस्तेमाल किया जाता है. नारियल तेल बालों के लिए तो बहुत अच्छा होता ही है, साथ ही यह त्वचा के लिए भी किसी चमत्कारिक औषधि से कम नहीं. यह त्वचा से जुड़ीं लगभग सभी तरह की समस्याओं या बीमारियों को दूर करने में सहायक है. नारियल का तेल बनाने की विधि-आपने जो नारियल का दूध बनाया है, उसे रातभर के लिए फ्रिज में रख दें. सुबह तक इसमें ऊपर-ऊपर इसकी गाढ़ी मलाई इकट्ठा हो जाएगी. उसी मलाई को एक स्टील की कढ़ाई या मोटी तली वाले किसी बर्तन में डालकर रबड़ी की तरह आग पर तब तक पकाते रहें, जब तक तेल न दिखाई देने लगे. फिर जब पकाते-पकाते बर्तन में छोटी-छोटी गुठलियां बन जाएं और तेल अलग दिखाई देने लगे, तो आग पर से उतारकर और इसे छानकर तेल को अलग कर लें. नारियल का शुद्ध तेल तैयार है. (ऊपर का चित्र देखें) नारियल तेल के फायदे-शुद्ध नारियल के तेल में खाना बनाकर खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है और दिमाग की कमजोरी दूर होती है. यह पचने में भी हल्का होता है. नारियल तेल में एंटी-आक्सीडेंट गुण होते हैं. ♦ हाथ-पैरों में रोज नारियल तेल की मसाज करने से त्वचा नर्म और मुलायम बनती है, झुर्रियां कम होती हैं और निखार बढ़ता है. एग्जिमा में भी नारियल तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. ♦ अगर किसी भी तरह के कॉस्मेटिक्स का या किसी घरेलू उपाय का, चेहरे या कहीं पर भी इस्तेमाल करने से कोई साइड इफेक्ट सामने आता है, जैसे- दाने या खुजली या एलर्जी… तो पानी से धोकर उस पर तुरंत नारियल तेल लगाने से आराम होता है. (जैसे- कुछ लोगों को दही-बेसन के पेस्ट से (चेहरे पर लगाने से) एलर्जी या लाल दाने निकलने या खुजली की समस्या हो जाती है. ऐसे में चेहरे को धोकर उस पर तुरंत नारियल तेल लगाने से तुरंत आराम होता है). ♦ नींबू का रस और नारियल तेल बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से किसी भी तरह की दाद-खाज-खुजली में आराम होता है. यह त्वचा की अच्छे से सफाई भी करता है. ♦ नारियल का तेल नाभि में डालने और उसके आसपास उसी से पेट की मसाज करने से पेट दर्द में राहत मिलती है, अपच, उल्टी, गैस दूर होती है, साथ ही आंखों की सामान्य समस्याओं में आराम होता है. बालों के लिए नारियल तेल के फायदे- नारियल तेल में नींबू का रस मिलाकर उसे गरम करें और गुनगुना होने पर इससे बालों की हल्के हाथों से मसाज करें. एक-दो घंटे बाद बालों को शैंपू कर लें. बालों को स्वस्थ रखने का यह सबसे कारगर तरीका है. इससे बाल लंबे, घने, काले और मजबूत बनते हैं, साथ ही सिर की कई समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.
पढ़ें- सूर्य-चिकित्सा : बिना दवाइयों के केवल सूर्य से इस तरह कर सकते हैं इन गंभीर बीमारियों का इलाज
गाय का दूध बढ़ाने के लिए क्या देना चाहिए?अगर आप गाय के दूध देने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं, तो उसे लोबिया घास खिलाएं। लोबिया घास में काफी ज्यादा औषधीय गुण होते हैं, जिससे पशु के दूध देने की मात्रा मिल जाती है। इसके साथ ही दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है। लोबिया घास से गाय को किसी भी तरह का कोई गलत असर नहीं होता है।
गाय को मोटा कैसे करें?पशुओं को मोटा करने के लिए सबसे अच्छा चारा (Best feed for fattening animals) क्या है? मवेशियों को चारा खिलाने के लिए जौ सबसे अच्छा अनाज है, लेकिन गेहूं, ट्रिटिकल, ज्वार, मक्का और जई का इस्तेमाल किया जा सकता है.
गाय को ब्याने से पहले क्या देना चाहिए?गाभिन गाय या भैंस को साधारणतया 25 से 30 किलोग्राम हरा चारा, दो से चार किलोग्राम सूखा चारा, दो से तीन किलोग्राम दाना एवं 50 ग्राम नमक रोज दें। } गाभिन पशु के ब्याने के करीब दो सप्ताह पहले अन्य पशुओं से अलग कर दें। अच्छी गुणवत्ता के शीघ्र पाचक चारों में चोकर अलसी मिलाकर दें।
गाय को गाभिन होने के लिए क्या दें?यदि गाय या भैंस सुबह में गर्म होती है तो उसी दिन शाम में गर्भाधान कराना चाहिए। अगर कोई गाय या भैंस एक दिन से ज्यादा गर्म रहती है तो उसे करीब बारह घंटे के अंतर पर दो बार गर्भाधान कराना लाभदायक होता है।
|