हीरा और मोती को कौन लेकर गया था? - heera aur motee ko kaun lekar gaya tha?

विषयसूची

  • 1 गया कौन था हीरा और मोती को वह अपने घर क्यों ले गया?
  • 2 हीरा मोती खेत में कौन सी फसल करने लगे?
  • 3 गया बैलों को अपने साथ क्यों ले गया?
  • 4 हीरा और मोती में ज्यादा सहनशील कौन था?
  • 5 सीप की खेती कैसे करे?

गया कौन था हीरा और मोती को वह अपने घर क्यों ले गया?

इसे सुनेंरोकेंहीरा मोती झूरी के घर आराम से रह रहे थे। वह पूरी मेहनत से झूरी के सारे काम किया करते थे तथा जो मिलता था खा लेते थे। उन्होंने झूरी को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया था। झूरी का साल आ गया ले जाने लगा तो उन्हें लगा कि उसे झूरी ने गया के हाथों बेच दिया है।

हीरा मोती कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकहानी का नाम है-दो बैलों की कथा. यह कहानी थी हीरा और मोती नाम के दो बैलों की. इन बैलों में ही इनके मालिक झूरी की जान बसती थी. ये बैल भी अपने स्वामी को उतना ही अधिक प्यार करते थे.

हीरा मोती खेत में कौन सी फसल करने लगे?

इसे सुनेंरोकेंहीरा-मोती को उस पर दया आ गई। उन्होंने उसे छोड़ दिया। जीत की खुशी में मोती फिर मटर के खेत में मटर खाने लगा।

हीरा और मोती ने सांड को कैसे हराया?

इसे सुनेंरोकेंहीरा और मोती ने सांड का मुकाबला मिलकर किया। उन्होंने सांड को दो ओर से घेर लिया। सांड जिस भी बैल को मारने जाता, दूसरा साथी बैल पीछे से उस पर वार करता। इस प्रकार दोनों ने उसे बहुत देर तक छकाया।

गया बैलों को अपने साथ क्यों ले गया?

इसे सुनेंरोकेंदोनों बैलों (हीरा-मोती) का अपमान गया ने किया था। अपने घर ले जाकर गया ने उन्हें मोटी रस्सियों से बाँध दिया औऱ नांद में सूखा भूसा डाल दिया। अपने बैलों को उसने खली चुनी सब दिया । ऐसा उसने हीरा मोती को सबक़ सिखाने के उद्देश्य से किया था।

गया ने दोनों बार हीरा मोती को रुखा भूसा खाने को क्यों दिया है?

इसे सुनेंरोकेंSolution. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि – वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।

हीरा और मोती में ज्यादा सहनशील कौन था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer:हीरा मोती की अपेक्षा अधिक सहनशील था । क्योंकि मोती को बहुत जल्द ही गुस्सा आ जाता था । जब गया दोनों बैलों को गाड़ी से जोत कर ले जा रहा था तब मोती ने गया को गड्ढे में गिराना चाहा लेकिन हीरा ने संभाल लिया इस प्रकार हीरा मोती की अपेक्षा अधिक सहनशील था।

हीरा और मोती को कौन ले गया था *?

इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं।

सीप की खेती कैसे करे?

इसे सुनेंरोकेंमोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है. इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है. तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है. डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की मोती को हम अपनी इच्छा के अनुसार आकार, रंग और रूप दे सकते हैं.

हीरा मोती दोनों अपने से ज्यादा शक्तिशाली सांड से लड़ाई में कैसे जीत गए?

इसे सुनेंरोकेंहल में जोते जाते समय दोनों की यही कोशिश रहती थी कि ज्यादा से ज्यादा भार वे अपनी ओर करें. गया द्वारा हीरा की पिटाई से दुखी मोती हल लेकर भागा जिससे हल, जोत, जुआ सब टूट गए. सांड से लड़ते समय दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से लड़ाई की और अंत में विजयी हुए.

विषयसूची

  • 1 हीरा और मोती एक दूसरे के मन की बात कैसे समझ जाते थे?
  • 2 कांजीहौस क्या था और वहाँ हीरा मोती के साथ कैसा व्यवहार किया गया?
  • 3 काजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?
  • 4 हीरा एवं मोती को मृतक बैल कब और क्यों कहा गया?
  • 5 हीरा मोती खेत में कौन सी फसल सर ने लगे?

हीरा और मोती एक दूसरे के मन की बात कैसे समझ जाते थे?

इसे सुनेंरोकें(क) हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। प्रायः वे एक-दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे। यद्यपि मनुष्य स्वयं को सब प्राणियों से श्रेष्ठ मानता है किंतु उसमें भी यह शक्ति नहीं होती। (ख) हीरा और मोती गया के घर बँधे हुए थे।

कांजीहौस क्या था और वहाँ हीरा मोती के साथ कैसा व्यवहार किया गया?

इसे सुनेंरोकेंकांजीहौस में उन लावारिस जानवरों को बंद किया जाता है जो दूसरों की फसलों को चर जाते हैं या अन्य तरीके से नुकसान पहुँचाते हैं। वहाँ बंद जानवरों के साथ अत्यंत ही क्रूर व्यवहार किया जाता है, जो संवेदनाशून्य होता है । उन्हें केवल पानी के सहारे जिंदा रखा जाता है और वह भी इतना ही दिया जाता है कि वे मरे नहीं।

बैलों को कहाँ कैद किया गया?

इसे सुनेंरोकेंExplain:- मटर के खेत से पकड़कर बैलों को कांजी हाउस में बंद कर दिया गया ।

हीरा और मोती को मालकिन ने आकर उनके माथे को क्यों चुन लिया?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: हीरा और मोती जब पहली बार गया के घर से लौटकर आए थे तो मालकिन ने उन्हें नमकहराम कहां और उनकी खली – चुनी भूसी आदि बंद करवा दिया, पर दूसरी बार हीरा-मोती के घर आने पर मालकिन हर्षित हुई और बैलों के माथे को चूम लिया।

काजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?

इसे सुनेंरोकें1. कांजीहौस में क़ैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी? उत्तर:- कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती है। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती है ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

हीरा एवं मोती को मृतक बैल कब और क्यों कहा गया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं।

हीरा मोती को कौन अपने साथ ले गया?

इसे सुनेंरोकें➲ गया हीरा मोती के मालिक झूरी का साला था। एक बार जब गया झूरी गया के घर आया तो हीरा मोती को अपने साथ ले गया, क्योंकि उसे हीरा मोती से कुछ काम कराना था। इसलिए झूरी ने हीरा मोती को अपने साले के घर भेज दिया, लेकिन हीरा मोती नई जगह पर टिके नहीं और उसके साले द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से भी तंग आकर वे वहाँ से भाग निकले।

दूसरे दिन गया बैलों को कैसे लेकर गया?

इसे सुनेंरोकेंदूसरे दिन गया ने बैलों को हल में जोता, पर इन दोनों ने जैसे पांव न उठाने की कसम खा ली थी. वह मारते-मारते थक गया, पर दोनों ने पांव न उठाया. एक बार जब उस निर्दयी ने हीरा की नाक पर खूब डंडे जमाये तो मोती को गुस्सा काबू से बाहर हो गया. हल लेकर भागा.

हीरा मोती खेत में कौन सी फसल सर ने लगे?

इसे सुनेंरोकेंहीरा-मोती को उस पर दया आ गई। उन्होंने उसे छोड़ दिया। जीत की खुशी में मोती फिर मटर के खेत में मटर खाने लगा।

हीरा और मोती दोनों कौन थे?

झूरी क पास दो बैल थे- हीरा और मोती. देखने में सुंदर, काम में चौकस, डील में ऊंचे. बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाईचारा हो गया था. दोनों आमने-सामने या आस-पास बैठे हुए एक-दूसरे से मूक भाषा में विचार-विनिमय किया करते थे.

हीरा और मोती को रास्ते में कौन मिला था?

मित्र हीरा और मोती को रास्ते में साँड मिला। साँड सेे दोनों की भिड़ंत हुई। दोनों ने मिलकर उसे हरा दिया।

हीरा और मोती की दोस्ती कैसे हुई?

मिल-जुलकर रहने की भावना-हीरा-मोती बलशाली साँड़ को हराकर 'एकता में शक्ति' की कहावत चरितार्थ करते हैं। निःस्वार्थ परोपकार की भावना-हीरा और मोती कांजीहौस की दीवार गिराकर अधमरे जानवरों को भगाकर निःस्वार्थ परोपकार करते हैं। ऐसा करते हुए वे स्वयं बंधन में पड़े रह जाते हैं।

झूरी के बैल हीरा और मोती कैसे थे?

झूरी काछी के दो बैल थे, जिनका नाम था- हीरा और मोती. पछाई जाति की दोनों बैल ऊंची डॉल वाले, देखने में सुंदर तथा काम में चौकस थे . दोनों में इतनी घनिष्ठता थी कि एक दूसरे के मन की बातों का अनुमान लगा लेते थे. वे साथ साथ रहते, खाते और विनोद के भाव में कभी-कभी सींग भी मिला लिया करते थे.