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कबीर जी ने तलवार का उदाहरण देकर क्या स्पष्ट किया है?इसे सुनेंरोकेंकबीर ने तलवार और म्यान के माध्यम से अत्यंत गूढ़ और रोचक बात कही है। उनके अनुसार हमें वस्तु को महत्व देना चाहिए न की वस्तु के डिब्बे को, कबीर इसी प्रकार गुणों को महत्व देने की बात करते हैं । वे शरीर को म्यान मानते हैं । उनके अनुसार व्यक्ति का अपना कोई अस्तित्व नहीं है जब तक कि उसमें गुणों का संचार न हो । मनुष्य क्या देखकर तलवार खरीदता है?इसे सुनेंरोकें’तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’ इस उदाहरण से कबीर कहना चाहते हैं कि महत्त्व सदा मुख्य वस्तु का होता है जैसे हम तलवार लेना चाहें तो उसकी धार देखकर उसका मोल भाव करेंगे उसका म्यान कितना भी सुंदर क्यों न हो उसकी ओर हम ध्यान नहीं देते। िलवार का म त्व ोिा ै म्याि का ि ीीं ‘- उदा रण से कब र क्या क िा चा िे ैं? इसे सुनेंरोकेंSolution. तलवार तथा म्यान के उदाहरण द्वारा ‘कबीर दास’ ने जाति-पाति का विरोध किया है। कबीर दास कहते हैं कि किसी मनुष्य की जाति मत पूछो क्योंकि उसके व्यक्तित्व की विशेषता उसके ज्ञान से होती है। ज्ञान के आगे जाति का काई अस्तित्व नहीं है। महत्व किसका होता है * तलवार का म्यान का दोनो का तीनों का? इसे सुनेंरोकेंAnswer: तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं । अर्थात् असली चीज़ की कद्र की जानी चाहिए। तिवार का महत्व होता हैम्यान का नही उक्त उदारहण से कबीर क्या कहना चाहता है स्पष्ट्ि कीजजये?इसे सुनेंरोकेंस्पष्ट कीजिए। ‘तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’ इस उदाहरण से कबीर कहना चाहते हैं कि महत्त्व सदा मुख्य वस्तु का होता है जैसे हम तलवार लेना चाहें तो उसकी धार देखकर उसका मोल भाव करेंगे उसका म्यान कितना भी सुंदर क्यों न हो उसकी ओर हम ध्यान नहीं देते। हमें तलवार का मोल क्यों करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंतलवार का ही मोल-भाव क्यों करना चाहिए? क्योंकि म्यान मुफ्त मिलती है। क्योंकि तलवार की धार काम आती है म्यान नहीं। तलवार के आधार पर म्यान का मूल्य होता है। कामचोर पाठ में बच्चों ने घर की क्या दशा की? इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- अम्मा ने बच्चों द्वारा किए गए घर के हालत को देखकर ऐसा कहा था। जब पिताजी ने बच्चों को घर के काम काज में हाथ बँटाने को कहा तब उन्होंने इसके विपरीत सारे घर को तहस-नहस कर दिया। जिससे अम्मा जी बहुत परेशान हो गई थीं। इसका परिणाम ये हुआ कि पिताजी ने घर की किसी भी चीज़ को बच्चों को हाथ ना लगाने कि हिदायत दे डाली। बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई? इसे सुनेंरोकेंबच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई? Solution: बच्चों के उधम मचाने से घर अस्त-व्यस्त हो गया। मटके-सुराहियाँ इधर-उधर लुढक गए। घर के सारे बर्तन अस्त-व्यस्त हो गए। म्यान का महत्व क्यों नहीं माना जाता स्पष्ट करें *?इसे सुनेंरोकेंAnswer : ‘तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं’- इस उदाहरण के माध्यम से कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमें असली चीज की कद्र करनी चाहिए। अगर हम तलवार खरीद रहे हैं तो हम उसकी कीमत मयान(तलवार रखने का कोष) देखकर नहीं लगाते। युद्ध के लिए हम तलवार की मजबूती और उसकी धार देखते है न कि उसकी मयान। तलवार का महत्व अधिक होता है म्यान का नहीं पाठ कबीर की साखियाँ में दिए गए दोहे के आधार पर लिखिए I?इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- ‘तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं’ से कबीर यह कहना चाहता है कि असली चीज़ की कद्र की जानी चाहिए। दिखावटी वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होता। इसी प्रकार किसी व्यक्ति की पहचान अथवा उसका मोल उसकी काबलियत के अनुसार तय होता है न कि कुल, जाति, धर्म आदि से। उसी प्रकार ईश्वर का भी वास्तविक ज्ञान जरुरी है। कबीर किस भक्ति धारा के संत कवि है? इसे सुनेंरोकें15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत कबीर दास हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी निर्गुण शाखा की काव्यधारा केप्रवर्तक थे। निर्भय होने पर क्या नहीं व्यापता? इसे सुनेंरोकेंकबीर ने स्वयं को दीवाना इसलिए कहा है, क्योंकि वह निर्भय है। उसे किसी का कुछ भी कहना व्यापता नहीं है। वह ईश्वर के सच्चे स्वरूप को पहचानता है। वह ईश्वर का सच्चा भक्त है, अत: दीवाना है। इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- ‘तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं’ से कबीर यह कहना चाहता है कि असली चीज़ की कद्र की जानी चाहिए। दिखावटी वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होता। इसी प्रकार किसी व्यक्ति की पहचान अथवा उसका मोल उसकी काबलियत के अनुसार तय होता है न कि कुल, जाति, धर्म आदि से। तलवार का महत्व होता है — म्यान का नहीं — उि उदाहरण सेकवि क्या कहना चाहतेहैं?इसे सुनेंरोकेंमनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेनेवाले दोष होते हैं। यह भावार्थ किस दोहे से व्यक्त होता है? जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय। या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय।। तलवार का मह व होता है यान का नह ं उd उदाहरण के माSयम सेकबीर Gया कहना चाहतेह?इसे सुनेंरोकेंकबीर ने तलवार और म्यान के माध्यम से अत्यंत गूढ़ और रोचक बात कही है। उनके अनुसार हमें वस्तु को महत्व देना चाहिए न की वस्तु के डिब्बे को, कबीर इसी प्रकार गुणों को महत्व देने की बात करते हैं । कबीर की साखी की प्रासंगिकता को जीवन प्रसंगों से उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए? इसे सुनेंरोकेंकबीर की साखी में कबीर जी यह समझाना चाहते है : हमे ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वाले का मन भी प्रसन्न हो उठे। हमें कटुर वचन नहीं बोलने चाहिए | हमेशा सबसे प्यार से और हंस के बात करनी चाहिए | खुद को भी सुख की अनुभूति होती है। कवि के अनुसार असली सुमिरन कैसे होता है? इसे सुनेंरोकेंकवि सच्चा सुमिरन किसे नहीं मानता है? Answer: हाथ में माला लेकर राम नाम जपते रहना ही सुमिरन का सही तरीका नहीं है। जीभ और सुमिरन शब्दों का तत्सम रूप होगा। कबीर घास न नीदिए, जो पाऊँ तलि होइ। बच्चों ने घर के कौन कौन से काम किए और उनका क्या परिणाम हुआ कामचोर कहानी के आधार पर लिखिए?इसे सुनेंरोकेंकामचोर पाठ सार प्रस्तुत पाठ ‘कामचोर’ में भी जब बच्चों को घर के कुछ काम जैसे गन्दी दरी को झाड़ कर साफ करना, आँगन में पड़े कूड़े को साफ़ करना, पेड़ों में पानी देना आदि बताए गए और कहा गया कि अगर वे यह सब काम करेंगे तो उन्हें कुछ-न-कुछ ईनाम के तौर पर मिलेगा। ईनाम के लालच में बच्चों ने घर के काम करने की ठान ली। हमें म्यान का मोल क्यों नहीं करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंहमें म्यान का मोल क्यों नहीं करना चाहिए? Answer: असली काम हमें तलवार से करना है न कि म्यान से इसलिए म्यान का मोल नहीं करना चाहिए। तलवार के समक्ष म्यान का महत्त्व क्यों नहीं होता? Answer: तलवार के समक्ष म्यान का कोई महत्त्व नहीं होता है क्योंकि जब कभी भी तलवार खरीदी जाती है तो उसकी धार देखी जाती है न कि म्यान। तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं उदाहरण के माध्यम से कबीर क्या कहना चाहते हैं?'तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं'- इस उदाहरण के माध्यम से कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमें असली चीज की कद्र करनी चाहिए। अगर हम तलवार खरीद रहे हैं तो हम उसकी कीमत मयान(तलवार रखने का कोष) देखकर नहीं लगाते। युद्ध के लिए हम तलवार की मजबूती और उसकी धार देखते है न कि उसकी मयान।
कवि तलवार के लिए मोलभाव करने के लिए क्यों कहता है म्यान के लिए क्यों नहीं?कबीर ने तलवार और म्यान के माध्यम से अत्यंत गूढ़ और रोचक बात कही है। उनके अनुसार हमें वस्तु को महत्व देना चाहिए न की वस्तु के डिब्बे को, कबीर इसी प्रकार गुणों को महत्व देने की बात करते हैं । वे शरीर को म्यान मानते हैं । उनके अनुसार व्यक्ति का अपना कोई अस्तित्व नहीं है जब तक कि उसमें गुणों का संचार न हो ।
कबीर घास की निंदा करने से क्यों मना करते हैं पढ़े हुए दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिए solution?क्योंकि एक छोटी से छोटी वस्तु भी हमें नुकसान पहुँचा सकती है। घास के माध्यम से कबीर दास जी ने इसे स्पष्ट किया है। यदि घास का एक तिनका भी उड़कर हमारी आँखों में पड़ जाए तो हमें पीड़ा होती है। इसलिए हमें इस घमंड में नहीं रहना चाहिए कि कोई हमसे छोटा या हीन है।
कबीर की साखियाँ पाठ की भाषा कौन सी है 2 points?कबीर की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है। इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं। राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता है। ऐसा माना जाता है की रमैनी और सबद में ब्रजभाषा की अधिकता है तो साखी में राजस्थानी व पंजाबी मिली खड़ी बोली की।
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