Advertisement Remove all ads Show Advertisement Remove all ads One Line Answer हीरा-मोती एक-दूसरे के प्रति प्रेम और मित्रता कैसे प्रकट करते थे? Advertisement Remove all ads Solutionहीरा और मोती एक-दूसरे को चाट-चूटकर और सँघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। वे अपनी दोस्ती प्रकट करने के लिए कभी-कभी सींग भी मिला लेते थे। उनके ऐसा करने में विग्रह का भाव नहीं बल्कि मनोविनोद और आत्मीयता का भाव रहता था। Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 1: दो बैलों की कथा - अतिरिक्त प्रश्न Q 6Q 5Q 7 APPEARS INNCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1 Chapter 1 दो बैलों की कथा Advertisement Remove all ads These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 1 दो बैलों की कथा. प्रश्न-अभ्यास (
पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. ‘ही निपात
भी’ निपात
प्रश्न 14.
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) मिश्र वाक्य
(ङ) मिश्र वाक्य
प्रश्न 15. Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions try to provide online tutoring for you. हीरा और मोती अपनी मित्रता कैसे प्रकट करते थे?प्रश्न: हीरा-मोती एक-दूसरे के प्रति प्रेम और मित्रता कैसे प्रकट करते थे? उत्तर: हीरा और मोती एक-दूसरे को चाट-चूटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। वे अपनी दोस्ती प्रकट करने के लिए कभी-कभी सींग भी मिला लेते थे। उनके ऐसा करने में विग्रह का भाव नहीं बल्कि मनोविनोद और आत्मीयता का भाव रहता था।
हीरा और मोती के स्वभाव में क्या अंतर है?मोती के स्वभाव में उग्रता अधिक थी। वह तो घर की मालकिन को भी सींग मारने की बात करता है जबकि हीरा में अधिक सहनशीलता थी। कई ऐसे अवसर आए जब उसने धैर्य का परिचय दिया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हीरा में अधिक धैर्य था।
हीरा और मोती दोनों कौन थे?झूरी क पास दो बैल थे- हीरा और मोती. देखने में सुंदर, काम में चौकस, डील में ऊंचे. बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाईचारा हो गया था. दोनों आमने-सामने या आस-पास बैठे हुए एक-दूसरे से मूक भाषा में विचार-विनिमय किया करते थे.
हीरा और मोती एक दूसरे के मन की बात कैसे समझ जाते थे?हीरा और मोती गहरे मित्र थे। वे एक-दूसरे से बिना कुछ कहे एक-दूसरे के भावों को समझ जाते थे। उनके पास अवश्य कोई ऐसी शक्ति थी, जिससे ऐसा होता था। मनुष्य स्वयं को प्राणियों में श्रेष्ठ मानता है पर उसके पास यह शक्ति नहीं है कि वह दूसरों के मनोभावों को समझ सके।
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