जन्माष्टमी की पूजा कब करनी चाहिए? - janmaashtamee kee pooja kab karanee chaahie?

Krishna Janmashtami: इस साल 18 और 19 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा. इस दौरान सभी कृष्ण मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान कृष्ण को जन्मदिवस पर पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है, भक्त इस दिन व्रत रहकर भगवान की भक्ति करते हैं और रात 12 बजे भगवान के जन्म के बाद विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए व्रत खोलते हैं. जन्माष्टमी के व्रत की तारीख और पूजा की विधि को लेकर सभी के मन में कई सवाल हैं. इस वीडियो में पंडित जी से जानते हैं कि जन्माष्टमी का व्रत कब रखें और किस तरह से भगवान कृष्ण का पूजन करें.

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Janmashtami 2022: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का जन्मदिन हिंदू (Hindu) धर्म के लोग बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmotsav) सिर्फ भारत (India) ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में मनाया जाता है. लेकिन इस बीच लोगों के बीच ये कन्फ्यूजन है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन (Lord Shri Krishna Birthday) यानी जन्माष्टमी (Janmashtami) 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को. ऐसा इसलिए क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात से लग रही है और 19 अगस्त को रात 12 बजे से पहले खत्म हो जाएगी. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) का उत्सव किस दिन मनाया जाए- 18 अगस्ते को या 19 अगस्त को.

कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?

बता दें कि जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व हिंदी मास भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmotsav) को लेकर श्रद्धालुओं में एक अलग ही उत्साह दिखाई देता है. इस खबर में आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी की पूजा कब होगी और पूजा की विधि क्या है?

अष्टमी तिथि कब से शुरू हो रही है?

जान लें कि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस साल 18 अगस्त को रात 9 बजकर 20 मिनट से लग रही है और यह 19 अगस्त की रात 10 बजकर 59 मिनट तक जारी रहेगी. जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त की रात 12 बजकर 3 मिनट से अगले 44 मिनट यानी 12 बजकर 47 मिनट तक है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि कोई भी पर्व हो वो उदया तिथि से माना जाता है. ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को 19 अगस्त को मनाया जाना चाहिए. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे हुआ था तो ऐसे में अधिकतर लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी मना सकते हैं.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की विधि

गौरतलब है कि जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की आराधना की जाती है. जन्माष्टमी की रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्‍म के बाद दूध, दही, घी और पंचामृत से लड्डू गोपाल का अभिषेक करें. फिर उनका श्रृंगार करें. पूजा के दौरान लड्डू गोपाल का माखन, मिश्री और पंजीरी से भोग लगाएं. इसके साथ ही वस्त्र, तुलसी दल और फल-फूल भगवान को अर्पित करें. फिर भगवान लड्डू गोपाल को पालने में झुलाएं. अंत में जिस पंचामृत से लड्डू गोपाल का अभिषेक किया था उसका प्रसाद श्रद्धालुओं में बांटें और खुद भी ग्रहण करें.

खीरा, दही, शहद, दूध, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, पंचामृत, बाल कृष्ण की मूर्ति, सांहासन, गंगाजल, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत, माखन, मिश्री, भोग सामग्री, तुलसी का पत्ता आदि से पूजा करें.

Krishna Janmashtami 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat (Pic: iStock) 

  • भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर पड़ती है जन्माष्टमी। 

  • 18 और 19 अगस्त दोनों दिन मनाई जा रही है जन्माष्टमी।

  • भारत में धूमधाम से मनाया जाता है जन्माष्टमी का त्योहार।

Krishna Janmashtami 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra: भारत में कन्हैया का जन्म उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन हर कोई भगवान की भक्ति में डूबा रहता है। वहीं, कृष्ण मंदिर में भी भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है। हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है। जन्माष्टमी तिथि कब है इसका निर्णय दो संप्रदाय समार्त और वैष्णव लेते हैं। इन दोनों संप्रदाय का यह त्योहार मनाने का तरीका भी अलग होता है। ऐसे में यहां जानें इस वर्ष जन्माष्टमी तिथि कब मनाई जाएगी।

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जन्माष्टमी तिथि 2022 (Krishna Janmashtami 2022 Date, Time In Hindi) 

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त गुरुवार रात 9:21
अष्टमी तिथि समाप्त: 19 अगस्त शुक्रवार रात 10:59

इस वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9:21 से शुरू हो रही है। अष्टमी तिथि 19 अगस्त को रात 10:59 पर समाप्त हो जाएगी। भगवान श्री कृष्ण की रात के 12:00 बजे की जाती है। 19 अगस्त को उदया तिथि है इसलिए इस दिन प्रमुख रूप से जन्माष्टमी मनाई जा रही है। 18 अगस्त को भी कुछ जगह पर जन्माष्टमी मनाई गई है। पंडितों के अनुसार, इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं लगने वाला है। इस दिन भरणी नक्षत्र रात 11:35 तक रहेगा जिसके बाद कृत्तिका नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा

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कब है पूजा का मुहूर्त? (Krishna Janmashtami 2022 Puja Muhurat And Shubh Muhurat In Hindi)

  • जन्माष्टमी तिथि- 19 अगस्त 2022
  • अष्टमी तिथि आरंभ- गुरुवार 18 अगस्त रात्रि  09: 21 से 
  • अष्टमी तिथि समाप्त- शुक्रवार 19 अगस्त रात्रि 10:59 तक
  • अभिजीत मुहूर्त- 12:05 -12:56 तक 
  • अमृत काल- शाम 06:28 – 08:10 तक
  • पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी पर रात्रि 12:03 से 12:47 तक नीशीथ काल रहेंगा। ऐसे में श्रीकृष्ण की पूजा के लिए 44 मिनट का शुभ मुहूर्त होगा।

कैसे करें कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा? (Krishna Janmashtami Puja Vidhi In Hindi)

श्री कृष्ण की पूजा जन्माष्टमी पर विधि अनुसार करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। जन्माष्टमी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद अपने घर के मंदिर को सजाएं। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण के सामने व्रत करने का संकल्प लें और श्री कृष्ण का झूला सजाने के साथ उनका श्रृंगार करें। इस दिन श्रीकृष्ण का बांसुरी, मोर मुकुट, वैजयंती माला कुंडल, कुंडली, तुलसी दल आदि से श्रृंगार किया जाता है। इसके साथ उन्हें मक्खन, मिठाई, मेवे और मिश्री का भोग लगाया जाता है। 

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जन्माष्टमी की पूजा करने का शुभ समय कितने बजे का है?

जन्माष्टमी की पूजा ले लिए 18 अगस्त की रात 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजकर 05 तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है। पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की होगी। इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लग रहा है। माना जाता है कि वृद्धि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जन्माष्टमी की पूजा कब और कैसे करें?

जन्माष्टमी के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद कान्हा के लिए रखे जाने वाले व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद अपने मंदिर की सफाई करके सभी देवी-देवताओं के साथ भगवान कृष्ण का धूप-दीप दिखाकर पूजन करें. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और मन में कृष्ण के मंत्र मन में जपते रहें.

जन्माष्टमी का सही समय क्या है?

इस दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी 2022 लेकिन इस साल अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 19 अगस्त की रात को समाप्त होगी. ऐसे में कुछ विद्वानों का मानना है कि जन्माष्टमी का व्रत व पूजा 18 अगस्त को करना चाहिए क्योंकि कृष्ण भगवान का जन्म रात को हुआ था.

जन्माष्टमी का व्रत कब करना चाहिए?

भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था। इस बार भाद्रपद की अष्टमी दो दिनों तक है। अष्टमी तिथि का प्रवेश इस बार 18 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को रात्रि में हो रहा है। इस कारण कई लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे।