विवाह से आप क्या समझते हैं विवाह की विशेषता एवं उद्देश्य को बताइए? - vivaah se aap kya samajhate hain vivaah kee visheshata evan uddeshy ko bataie?

विषयसूची

  • 1 विवाह से आप क्या समझते विवाह के प्रकार बताइए?
  • 2 समाज में विवाह का क्या महत्व है?
  • 3 विवाह से आप क्या समझते है?
  • 4 अंतर्विवाह क्या है?
  • 5 बाल विवाह कितने प्रकार के होते हैं?
  • 6 मुस्लिम विवाह के कितने प्रकार है?
  • 7 विवाह से आप क्या समझते हैं विवाह की विशेषता एवं उद्देश्य को बताइए?
  • 8 अंतर विवाह और बहिर विवाह में क्या अंतर है?
  • 9 शादी में कौन कौन सी रस्में होती है?

विवाह से आप क्या समझते विवाह के प्रकार बताइए?

इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार विवाह आठ प्रकार के होते हैं। विवाह के ये प्रकार हैं- ब्रह्म, दैव, आर्य, प्राजापत्य, असुर, गन्धर्व, राक्षस और पिशाच। नारद पुराण के अनुसार, सबसे श्रेष्ठ प्रकार का विवाह ब्रह्म ही माना जाता है। इसके बाद दैव विवाह और आर्य विवाह को भी बहुत उत्तम माना जाता है।

समाज में विवाह का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंविवाह भारतीय समाज में परम्परा के रूप एक महत्वपूर्ण और पवित्र हिस्सा रहा है। बल्कि ये कहिये कि विवाह एक जन्म का नहीं बल्कि सात जन्मों का पवित्र बंधन भी माना जाता रहा है। विवाह एक नवयुवक एवं एक नवयुवती के साथ रहने जीने आगे बढ़ने का रिश्ता नहीं बल्कि यह दो परिवारों के बीच बहुमूल्य सम्बन्ध भी स्थापित करता चला आ रहा हैं।

हिंदू विवाह और मुस्लिम विवाह में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- हिन्दू विवाह और मुस्लिम विवाह में निम्न अन्तर हैं- (1) हिन्दुओं में विवाह एक धार्मिक संस्कार है, जबकि मुसलमानों में विवाह को एक सामाजिक समझौता माना जाता है । (2) हिन्दू विवाह एक स्थायी सम्बन्ध है जिसे तोड़ना हिन्दू संस्कृति के विरुद्ध समझा जाता है। इसी कारण परम्परागत हिन्दू विधवा पुनर्विवाह को अच्छा नहीं समझते।

विवाह से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंविवाह, जिसे शादी भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक मान्यता प्राप्त मिलन है जो उन लोगों के बीच, साथ ही उनके और किसी भी परिणामी जैविक या दत्तक बच्चों तथा समधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है। एक विवाह के समारोह को विवाह उत्सव (वेडिंग) कहते है। 1.

अंतर्विवाह क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअंतर्विवाह का तात्पर्य है एक व्यक्ति अपने जीवन-साथी का चुनाव अपने ही समूह में से करें। इसे परिभाषित करते हुए डॉ. रिवर्स लिखते हैं, अन्त:विवाह से अभिप्राय है उस विनिमय का जिसमें अपने समूह में से जीवन-साथी का चुनाव अनिवार्य होता है।

विवाह संस्कार में कौन कौन से कर्मकाण्ड किये जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसभी के सामने आचमनी, पंचपात्र आदि उपकरण हों। पवित्रीकरण, आचमन, शिखा-वन्दन, प्राणायाम, न्यास, पृथ्वी-पूजन आदि षट्कर्म सम्पन्न करा लिये जाएँ। वर-सत्कार- (अलग से द्वार पूजा में वर सत्कार कृत्य हो चुका हो, तो दुबारा करने की आवश्यकता नहीं है।) अतिथि रूप में आये हुए वर का सत्कार किया जाए।

बाल विवाह कितने प्रकार के होते हैं?

विवाह के प्रकार | विवाह कितने प्रकार के होते हैं?

  • 2 दैव विवाह
  • 3 आर्ष विवाह
  • 4 प्राजापत्य विवाह
  • 5 असुर विवाह
  • 6 गन्धर्व विवाह
  • 7 राक्षस विवाह
  • 8 पैशाच विवाह
  • अनुलोम विवाह

मुस्लिम विवाह के कितने प्रकार है?

इसे सुनेंरोकेंमुसलमानों में दो प्रकार के विवाहों की व्यवस्था है – 1. निकाह “स्थायी विवाह” और 2. मुताह निकाह “अस्थायी विवाह” ।

विवाह से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषताओं तथा विवाह के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंविवाह संस्था के आधार पर लैंगिक या यौन सम्बन्धों को मान्यता प्राप्त होती है। विवाह यौन इच्छाओं की पूर्ति के साथ-साथ सन्तानोत्पत्ति एवं समाज की निरन्तरता को बनाये रखने की आवश्यकता की पूर्ति भी करती है। व्यक्तित्व के विकास की जैविकीय, मनोवैज्ञानिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।

विवाह से आप क्या समझते हैं विवाह की विशेषता एवं उद्देश्य को बताइए?

इसे सुनेंरोकेंविवाह पुरुषों और स्त्रियों को परिवार में प्रवेश देने की संस्था है। विवाह के द्वारा स्त्री और पुरुष को यौन सम्बन्ध बनाने की सामाजिक स्वीकृति और कानूनी मान्यता प्राप्त हो जाती है। विवाह परिवार का प्रमुख आधार है, जिसमें संतान के जन्म और उसके पालन-पोषण के अधिकार एवं कर्त्तव्य निश्चित किये जाते हैं।

अंतर विवाह और बहिर विवाह में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंबहिर्विवाह का तात्पर्य किसी जाति के एक छोटे समूह से तथा निकट संबंधियों के वर्ग से बाहर विवाह का नियम है। समाज में अंतर्विवाह को असगोत्रता का तथा बहिर्विवाह को असपिंडता का नियम कहते हैं। असगोत्रता का अर्थ है कि वधू वर के गोत्र से भिन्न गोत्र की होनी चाहिए।

गन्धर्व विवाह कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंइस विवाह में वर-वधू को अपने अभिभावकों की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। युवक युवती के परस्पर राजी होने पर किसी श्रोत्रिय के घर से लाई अग्नि से हवन करने के बाद हवन कुंड के तीन फेरे परस्पर गठबंधन के साथ कर लेने मात्र से इस प्रकार का विवाह संपन्न मान लिया जाता था।

शादी में कौन कौन सी रस्में होती है?

इसे सुनेंरोकेंदूल्हा व बाराती जब विवाह स्थल पर पहुंचते हैं तो दरवाजे पर कन्या पक्ष के लोग बारात का स्वागत करते हैं. इसके बाद दुल्हन के पिता व पंडित और उनके रिश्तेदार सभी गणेश जी की पूजा करते हैं. गणेश पूजा के बाद से ही कन्या के घर में सभी रस्मे शुरू की जाती हैं और इस रस्म के बाद वर पक्ष को मिलनी व उपहार दिया जाता है.

विवाह से आप क्या समझते हैं विवाह के उद्देश्य क्या है?

विवाह का शाब्दिक अर्थ है, 'वधू को वर के घर ले जाना । ' • विवाह स्त्री-पुरुष के पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने की संस्था है। मरडॉक के अनुसार सभी समाजों में विवाह के तीन उद्देश्य हैं - यौन संतुष्टि, आर्थिक सहयोग, संतानों का समाजीकरण एवं लालन-पालन। हिन्दू धर्म में विवाह को एक संस्कार माना गया है।

विवाह क्या है विवाह की विशेषताएं बताइए?

विवाह की प्रमुख विशेषताएँ इतना अवश्य है कि कहीं एक पुरुष का एक या अधिक स्त्रियों के साथ और कहीं एक स्त्री का एक पुरुष या अधिक पुरुषों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित होता है, परन्तु आजकल एक-विवाह (Monogamy) की प्रथा का चलन ही पाया जाता है। विवाह को मान्यता उसी समय प्राप्त होती है जब उसे समाज की स्वीकृति मिल जाती है।

शादी का उद्देश्य क्या है?

विवाह-संगति, सहयोग, और आपसी सहायता और सांत्वना का प्राथमिक उद्देश्य है। समाज में व्यवस्था बनाए रखने में शादी का महत्वपूर्ण योगदान है। एक पुरुष को एक स्त्री और उस स्त्री को वह पुरुष शादी द्वारा समस्त समाज के सामने नामित कर दिए जाने से उनके अंतरंग संबंधो से उत्पन्न संतान व उनके उत्तराधिकार मान्य होजाते है।

विवाह से आप क्या समझते विवाह के प्रकार बताइए?

शास्त्रों के अनुसार विवाह आठ प्रकार के होते हैं। विवाह के ये प्रकार हैं- ब्रह्म, दैव, आर्य, प्राजापत्य, असुर, गन्धर्व, राक्षस और पिशाच। नारद पुराण के अनुसार, सबसे श्रेष्ठ प्रकार का विवाह ब्रह्म ही माना जाता है। इसके बाद दैव विवाह और आर्य विवाह को भी बहुत उत्तम माना जाता है।