जंतुओं का वर्गीकरण (Classification of Animal Kingdom) – विश्व भर में पायी जाने वाली असंख्य जीव जंतुओं की जातियों व प्रजातियों को अध्ययन व विश्लेषण के लिए कुछ भागों में बाँटा गया है। जीव जंतुओं की तमाम जातियों व प्रजातियों के प्रमुख लक्षण, विशेषताओं और उनमें भेद को उदाहरण सहित इस पोस्ट में समझाया गया है। संसार के समस्त जीव-जंतुओं को 10 वर्गों में विभाजित किया गया है। सभी एक कोशिकीय जीवों को एक ही संघ कार्डेटा में रखा गया है। जबकि बहुकोशिकीय जीवों को 9 संघों में विभाजित किया गया है। Show
प्रोटोजोआ संघ –
आर्थोपोडा संघ –
उदाहरण – मक्खी, मच्छर, मधुमक्खी, टिड्डा, तिलचट्टा, खटमल, केकड़ा, झींगा मछली मोलस्का संघ –
उदाहरण – घोंघा, सीपी पोरिफेरा संघ –
उदाहरण – स्पंज, साईकन, मायोनिया प्लैटीहेल्मिन्थीज संघ –
उदाहरण – फीताकृमि, प्लेनेरिया एस्केल्मिन्थीज संघ –
उदाहरण – गोलकृमि जैसे – एस्केरिस, थ्रेडवर्म, वुचरेरिया एनीलिडा संघ –
उदाहरण – केंचुआ, जोंक इकाइनोडर्मेटा संघ–
उदाहरण – स्टार फिश, समुद्री अर्चिन, समुद्री खीरा, ब्रिटिल स्टार सीलेन्ट्रेटा (Coelenterata) –
उदाहरण – हाइड्रा, जेलीफिश, मूँगा कार्डेटा संघ –ऊपर जो जंतुओं का वर्गीकरण (Classification of Animalia) दिया गया है, इससे सम्बंधित कई प्रकार के प्रश्न बनते हैं। जगत (अंग्रेज़ी: kingdom, किंगडम) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में जीवों के वर्गीकरण की एक ऊँची श्रेणी होती है। आधुनिक जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में यह श्रेणी संघों (फ़ायलमों) से ऊपर आती है, यानि एक जगत में बहुत से संघ होते हैं और बहुत से संघों को एक जीववैज्ञानिक जगत में संगठित किया जाता है।[1] GANESH RANA आधुनिक काल में अमेरिकी पाठ्यक्रमों में सभी जीवों को छह जगतों में विभाजित किया गया है -
अलग देशों में अक्सर इन जगतों की परिभाषाएँ अलग होती हैं। उदाहरण के लिए ब्रिटेन में कभी-कभी केवल पाँच जगत माने जाते हैं। जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में जगत से ऊपर अधिजगत (डोमेन, domain) की श्रेणी आती है और इन छह जगतों को उनमें इस प्रकार संगठित किया जाता है - lifeअधिजगत युकार्या (Domain Eukarya)जीववैज्ञानिक जगतों के औपचारिक नाम अक्सर लातिनी भाषा में होते हैं क्योंकि जीववैज्ञानिक वर्गीकरण की प्रथा १७वीं और १८वीं सदियों में यूरोप में शुरू हुई थी और उस समय वहाँ लातिनी ज्ञान की भाषा मानी जाती थी। यह रिवायत अभी तक चलती आई है। आधुनिक काल में इस्तेमाल होने वाली वर्गीकरण व्यवस्था १८वीं शताब्दी में कार्ल लीनियस नामक स्वीडी वैज्ञानिक ने की थी। जंतु जगत में कौन से जीव आते हैं?जंतु जगत (Animal kingdom) जन्तु जगत के अन्तर्गत सभी प्रकार के यूकैरियोटिक बहुकोशिकीय तथा विषमपोषी (जो पोषण के लिए प्रत्यक्ष रूप से दूसरे जीवों पर निर्भर हो) जीव आते हैं। ... . प्रोटोजोआ (Protozoa) ... . अमीबा (Amoeba) ... . प्लाज्मोडियम (Plasmodium): मलेरिया परजीवी ... . पोरीफेरा (Porifera) ... . सीलेन्ट्रेटा (Coelenterata) ... . हाइड्रा (Hydra). जंतु जगत में क्या क्या आता है?प्राणी. प्राणी या जन्तु या जानवर ऐनिमेलिया या मेटाज़ोआ जगत के बहुकोशिकीय, जंतुसम पोषण प्रदर्शित करने वाले, और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। ... . अधिकांश जन्तु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे भोजन के लिए दूसरे जन्तु पर निर्भर रहते हैं।. जंतु जगत को कितने भागों में बंटा गया है?संसार के समस्त जीव-जंतुओं को 10 वर्गों में विभाजित किया गया है। सभी एक कोशिकीय जीवों को एक ही संघ कार्डेटा में रखा गया है। जबकि बहुकोशिकीय जीवों को 9 संघों में विभाजित किया गया है।
जंतु जगत का सबसे बड़ा अंग कौन सा है?सन्धिपाद (अर्थोपोडा) प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है।
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