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CONGRATULATIONS! on completing the Assessment Lokbharti Solution for Class 9 Hindi Chapter 4 - किताबेंText Book SolutionsMaharashtra IX - Hindi This content is available for subscribed users only.OR OR Let us get in touch with you Sign up to get FREE access to
We're sorry, but this browser is not supported by TopperLearning. Enter your valid mobile number belowPlease Select Your Board First एक सरकारी स्कूल में एनसीईआरटी की रीडिंग सेल द्वारा छापी गयी किताबें पढ़ते बच्चे। शफदर हासमी साहब की कविता ‘किताबें करती हैं बातें’ बच्चों को पढ़कर सुनाई। इसके बाद बच्चों से किताब और दोस्ती के रिश्ते पर बात हो रही थी। बच्चे किताबों के साथ दोस्ती वाले रिश्ते को पढ़ने की क्षमता के विकास और किताबों तक पहुंचने के अवसर के रूप में देख रहे थे। उनका कहना था कि किताबों के साथ ज्यादा वक्त बिताने से हमारी पढ़ाई और अच्छी हो जाएगी। आखिर में बच्चों ने कहा, “किताबें हमारी दोस्त हैं। उनसे दोस्ती करने के लिए हमें पढ़ना सीखना होगा। उनके साथ ज्यादा वक्त बिताना होगा।” अब पढ़िए शफ़दर हाशमी साहब की कविता। किताबें करती हैं बातें खुशियों की, ग़मों की, क्या तुम नहीं सुनोगे किताबों में चिडियाँ चहचहाती हैं, किताबों में रॉकेट का राज
है, किताबें कविता का उद्देश्य क्या है?इस कविता मैं कवि ने कोयल और एक कैदी के माध्यम से हमारे मन को दुविधा का वर्णन किया है। यह कविता हैं गांव के सौंदर्य का साक्षात अनुभव करवाती है।
किताबें कविता के रचनाकार कौन है?रचनाकार : सपना भट्ट प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका
किताबें कुछ कहना चाहती हैं इस कविता के कवि कौन है?प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता 'किताबें कुछ कहना चाहती हैं' के माध्यम से कवि हाश्मी जी ने किताबों के द्वारा मन की बातों का मानवीकरण करके प्रस्तुत किया है। सारांश : कवि कहते हैं कि किताबें पुराने समय से लेकर आज तक के संसार के सुख और दुख की बातें हमें बताती हैं।
पुस्तकों के लिए कवि ने क्या किया?कवि किताबों के संपर्क के बारे में बताते हुए कहते हैं कि किताबें पढ़ते समय वे किताब को कभी छाती पर रख कर लेट जाते थे, कभी उसे गोद में रख लेते थे। कभी अपने घुटनों को 'रिहल ' की तरह बना कर पुस्तक उस पर रखकर आधा माथा टेक कर पढ़ते थे । उसे माथे पर चढ़ाते थे, ताकि भविष्य में भी उससे ज्ञान प्राप्त होता रहे ।
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