धर्म डेस्क, अमर उजला, नई दिल्ली Published by: आशिकी पटेल Updated Tue, 12 Jul 2022 11:10 AM IST Show
Guru Purnima 2022 Date, Puja Muhurat, Importance : आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। शिवपुराण के अनुसार, वेद व्यास जी भगवान विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं। ऐसे में पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। महर्षि वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए उन्हें सृष्टि के पहले गुरु का दर्जा प्राप्त है। यही वजह है कि प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के मनाया जाता है। इस मौके पर आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि... गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि गुरु पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा का महत्व हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा करने की परंपरा है। शास्त्रों में गुरु को भगवान से ऊपर का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं की पूजा और उनका सम्मान करते हुए उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा पूजा विधि आषाढ़ पूर्णिमा 13 जुलाई दिन बुधवार को है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) के दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन व्यास जयंती मनाते हैं और व्यास पूजा करते हैं. व्यास जी ने वेदों का विभाजन किया, पुराणों की रचना की, इस वजह से आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) मनाते हैं. इस दिन गुरुजनों की पूजा करने का विधान है. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिटते हैं और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा के स्नान-दान मुहूर्त और पूजा के महत्व के बारे में. यह भी पढ़ें: कब है आषाढ़ पूर्णिमा व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त और चंद्र दोष उपाय आषाढ़ पूर्णिमा
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पूर्णिमा 2022 स्नान-दान मुहूर्त आषाढ़ पूर्णिमा पर पूजा पाठ 2. इस दिन आप वेद व्यास जी की पूजा करें. उन्होंने सृष्टि को ज्ञान प्रदान करने के लिए पुराणों की रचना की. 3. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा है. इस दिन आपको अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए. इससे आपकी उन्नति होगी. यदि कोई गुरु नहीं हैं, तो भगवान विष्णु की आराधना करें. 4. पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, सुख, वैभव आदि में वृद्धि होती है. 5. आज की रात चंद्र देव की पूजा करने से कुंडली में व्याप्त चंद्र दोष दूर होता है. 6. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन करने से सुख और शांति में बढ़ोत्तरी होती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Guru Purnima, Lord vishnu FIRST PUBLISHED : July 08, 2022, 10:02 IST Guru Purnima 2022 Date: गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) इस बार 13 जुलाई को है. हममें से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. कह सकते हैं कि माता और पिता के अलावा, गुरु बच्चे के पालन-पोषण और जीवन को आकार देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. खासतौर पर भारत में, गुरु को ऐसे व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है जो न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि अपने शिष्यों
में मूल्यों को भी विकसित करता है और जीवन के जरूरी सबक सिखाते हैं. इसलिए, उन लोगों को सम्मानित करने के लिए समर्पित एक दिन है जिनका आशीर्वाद हमें ज्ञान, शिक्षा या कौशल के रूप में मिलता है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. यह दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई में पड़ता है. गुरु पूर्णिमा 2022 (Guru Purnima 2022) से संबंधित पूरी डिटेल आगे पढ़ें. इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4:00 बजे से 14 जुलाई को दोपहर 12:06 बजे तक प्रभावी रहेगी. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन कई शुभ योग बनने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को पड़ रही है. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इस
दिन शश, हंस, भद्र और रुचक नामक 4 राज योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेंगे. जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है. शुक्र ग्रह मित्र ग्रहों के साथ हैं. जिसे बहुत शुभ माना जा रहा है. ज्योतिष के अनुसार इस दौरान लिए जाने वाले गुरु मंत्र और दीक्षा व्यक्ति के लिए बेहद शुभ साबित होंगे. गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima Importance)वेद व्यास का जन्म आषाढ़ माह पूर्णिमा तिथि को हुआ था. वह ऋषि पाराशर और देवी सत्यवती के पुत्र थे. वेद व्यास ने ही महाभारत महाकाव्य की रचना की थी. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश ने इसे सुनाया था जिसे वेद व्यास ने लिखा. कहा जाता है कि वेद व्यास ने वेदों को चार वर्ग में वर्गीकृत किया है - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. उनकी विरासत को उनके शिष्यों पैला, वैशम्पायन, जैमिनी और सुमंतु ने आगे बढ़ाया. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में वेद व्यास की जयंती मनाई जाती है. भगवान शिव - आदियोगी और सप्तऋषि (Lord Shiv)दिलचस्प बात यह है कि योगिक संप्रदाय के अनुसार, भगवान शिव पहले गुरु या योगी हैं जिन्होंने सप्तऋषियों (सात ऋषि) को ज्ञान प्रदान किया. कहा जाता है कि उन्होंने ऋषियों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने और उन्हें योगिक ज्ञान का आशीर्वाद देने के लिए एक योगी का रूप धारण किया था. और चूंकि वे पहले गुरु हैं, इसलिए उन्हें आदियोगी कहा जाता है. महावीर और इंद्रभूति गौतम (Lod Mahavir)जैन धर्म का पालन करने वालों के लिए भी गुरु पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है. ऐसा इसलिए है क्योंकि 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर ने कैवल्य प्राप्त करने के बाद गणधर इंद्रभूति गौतम को अपना पहला शिष्य बनाया था. गौतम बुद्ध का पहला उपदेश (Gautam buddha)बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु पूर्णिमा तिथि महत्वपूर्ण है क्योंकि बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. इसलिए, बौद्ध गौतम बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरु पूर्णिमा मनाते हैं. Follow Us:
Share Via :Published Date Tue, Jul 12, 2022, 3:38 PM IST 2022 में जुलाई के महीने में पूर्णिमा कितनी तारीख की है?गुरु पूर्णिमा 2022 तारीख, समय (Guru Purnima 2022 Date)
पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4:00 बजे से 14 जुलाई को दोपहर 12:06 बजे तक प्रभावी रहेगी.
जुलाई के महीने में पूर्णिमा कब है?13 जुलाई (बुधवार) : आषाढ़ पूर्णिमा रात्रि 4.08 बजे तक उपरांत श्रावण कृष्ण प्रतिपदा।
2022 में आषाढ़ की पूर्णिमा कब है?उदया तिथि के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा।
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