मंगलवार का व्रत महिलाएं कैसे करें? - mangalavaar ka vrat mahilaen kaise karen?

मंगलवार के व्रत को लेकर ऐसी मान्‍यता है यह बल, साहस, सम्‍मान और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला माना जाता है। इस व्रत को करने से हनुमानजी की प्रसन्‍न होकर हमारे जीवन के सभी संकटों को दूर करते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस व्रत करने से हम सभी प्रकार की बुरी शक्तियों और नेगेटिव एनर्जी से दूर रहते हैं। कभी सोचा है कि हनुमानजी की व्रत मंगल को ही क्‍यों किया जाता है ? आज हम आपको बता रहे हैं कि किस वजह से हनुमानजी की पूजा मंगलवार को की जाती है।

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मंगलवार क्‍यों माना जाता है बजरंगबली का दिन ?

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार और स्‍कंदपुराण में बताए गए प्रसंग के अनुसार मंगलवार को बजरंगबली का जन्‍म हुआ था। इस वजह से ही उनकी पूजा के लिए यह दिन समर्पित होता है और उनका व्रत करने से जीवन से सभी प्रकार के कष्‍ट और संकट दूर होते हैं। इसी वजह से हनुमानजी को संकटमोचक भी कहा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमानजी से होता है तो इस वजह से भी मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने और सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।

मंगलवार का व्रत महिलाएं कैसे करें? - mangalavaar ka vrat mahilaen kaise karen?

मंगलवार के व्रत में करें इन नियमों का पालन

  • मंगलवार के व्रत में सबसे ज्‍यादा ध्‍यान पवित्रता का रखा जाता है।
  • पूजा के वक्‍त मन को इधर-उधर न भटकने दें। शांत मन से प्रभु का ध्‍यान करें।
  • मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं तो नमक का सेवन न करें। इसके साथ ही अगर किसी मीठी वस्‍तु का दान करते हैं तो उसे स्‍वयं ग्रहण न करें।
  • मंगलवार के व्रत में भूलकर काले या सफेद वस्‍त्र पहनकर हनुमानजी की पूजा न करें। इस दिन लाल कपड़े पहनना सबसे अच्‍छा होता है।
  • व्रत रखने वाले व्‍यक्ति को दिन भर में केवल एक बार भोजन करना चाहिए।

व्रत का आरंभ कब से करें

यदि आप रखना चाहते हैं मंगलवार का व्रत तो इसका आरंभ किसी भी महीने के शुक्‍ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना सबसे अच्‍छा माना जाता है। यदि मन में कोई मनोकामना लेकर आप यह व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। 21 या 45 मंगल व्रत करने के बाद आपको उद्यापन करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ ही दान पुण्‍य भी करना चाहिए।

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क्‍या महिलाएं कर सकती हैं यह व्रत

महिलाओं के मन में हनुमानजी की पूजा को लेकर अक्‍सर संदेह बना रहता है। लेकिन पुराणों में बताया गया है कि महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा कर सकती हैं और व्रत रख सकती हैं। किसी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि महिलाओं को हनुमानजी की पूजा नहीं करना चाहिए। बस महिलाओं द्वारा हनुमानजी को लाल वस्‍त्र या फिर चोला नहीं चढ़ाया जाना चाहिए, क्‍योंकि वह आजीवन ब्रह्मचारी थे। महिलाओं को मासिक धर्म के बीच में मंगलवार पड़े तो व्रत नहीं करना चाहिए।

Aarti ki jai Hanuman lala ki : हनुमान लला की आरती

हनुमानजी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

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मंगलवार का व्रत महिलाएं भी कर सकती हैं क्या?

महिलाओं के मन में हनुमानजी की पूजा को लेकर अक्‍सर संदेह बना रहता है। लेकिन पुराणों में बताया गया है कि महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा कर सकती हैं और व्रत रख सकती हैं

महिलाओं को हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए?

हनुमान जी की प्रतिमा पर महिलाओं को ना कभी जल और ना कभी भी वस्‍त्र चढ़ाने चाहिए. ऐसा करना ब्रह्मचारी का अपमान माना जाता है. महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में कभी सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही उनके चरण छुने चाहिए. हनुमान जी को कुछ भी अर्पित करते समय उनके सामने रखना चाहिए.

क्या औरतों को हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए?

3 . महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं। 4. महिलाएं हनुमान जी का भोग अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं

महिलाओं को कौन सा पाठ करना चाहिए?

Puja Path Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करने का विधान है. ऐसे में महिलाओं को भी बहुत से नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है. Puja Path Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करने का विधान है. ऐसे में महिलाओं को भी बहुत से नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है.