लव कुश ने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा? - lav kush ne yagy ka ghoda kyon pakada?

लव कुश ने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा? - lav kush ne yagy ka ghoda kyon pakada?

रामायण के पात्र लव व कुश भगवान श्रीराम व माता सीता के पुत्र थे जिनका जन्म महर्षि वाल्मीकि आश्रम में हुआ था। चूँकि ना वे अपने पिता भगवान श्रीराम के बारें में जानते थे (Luv Kush Ashwamedh Yudh) व ना ही अपनी माता सीता का असली नाम इसलिये श्रीराम उनके लिए केवल अयोध्या के राजा था। जब वे बड़े हो गए तब एक दिन उनकी माता सीता एक पूजा के लिए आश्रम से बाहर गयी थी। उनके गुरु वाल्मीकि जी भी आश्रम की सुरक्षा का भार लव कुश को सौंपकर (Luv Kush Ne Ghoda Pakda) उनकी माता के साथ गये थे।

उसी समय भगवान श्रीराम का अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा चारों दिशाओं के राज्यों के चक्कर लगाकर वापस अयोध्या आ रहा था किंतु मार्ग में वाल्मीकि आश्रम भी पड़ता था। जब लव व कुश ने उस घोड़े को देखा (Luv Kush Ne Ram Ka Ghoda Pakda) तो उन्होंने उसे पकड़कर श्रीराम के राज्य को चुनौती दी थी लेकिन यहाँ प्रश्न यह उठता है कि ना तो लव कुश किसी राज्य के राजा थे व ना ही उनकी भगवान श्रीराम से किसी प्रकार की दुश्मनी तो फिर उन्होंने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा था। इसके दो मुख्य कारण थे (Ramayan Luv Kush Kand In Hindi), आइए जानते हैं:

लव कुश के द्वारा अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा पकड़ने के कारण (Luv Kush Ne Ashwamegh Ka Ghoda Pakda)

#1. क्षत्रिय धर्म (Luv Kush Ka Shri Ram Se Yudh)

हालाँकि लव कुश अपनी माता का असली जीवन परिचय नही जानते थे लेकिन उन्हें अपने कुल का पता था। वे क्षत्रिय कुल से आते थे व क्षत्रियों का धर्म होता है शत्रु की चुनौती को स्वीकार करना व धर्म, देश व समाज की रक्षा करना। जब उन्होंने भगवान श्रीराम के अश्वमेघ घोड़े को देखा तो उस पर चुनौती लिखी हुई थी कि यह घोड़ा श्रीराम के अश्वमेघ यज्ञ का है व यह जहाँ-जहाँ से भी गुजरेगा वहां का राज्य श्रीराम के अधीन माना जायेगा। यदि किसी ने इस घोड़े को रोकने की चेष्टा की तो उसे श्रीराम की सेना से युद्ध करना होगा।

लव व कुश को इस चुनौती में अहंकार की झलक दिखी व साथ ही क्षत्रिय धर्म के अनुसार उन्हें युद्ध की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए था। हालाँकि उनके पास सेना नही थी लेकिन कुछ दिन पहले ही महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें दैवीय अस्त्र प्रदान किये थे जो बहुत शक्तिशाली व दिव्य थे। इसी के बल पर उन्होंने श्रीराम की चुनौती को स्वीकार करते हुए यह घोड़ा पकड़ लिया।

#2. भगवान राम से माता सीता के संबंध में प्रश्न पूछना (Luv Kush Ke Shri Ram Se Prashan)

लव व कुश के गुरु वाल्मीकि जी शुरू से ही उन्हें अयोध्या नरेश श्रीराम की कथा को सुना रहे थे व उन्हें संगीत के माध्यम से सिखा भी रहे थे ताकि एक दिन वे अयोध्या में जाकर वह कथा सभी को सुना सके। इसी कथा में उन्होंने माता सीता के त्याग व वनगमन के बारें में भी बताया। वाल्मीकि जी ने माता सीता के ऊपर अयोध्या की प्रजा के द्वारा किये गए अन्याय को विस्तारपूर्वक लव व कुश को बताया था।

लव कुश के मन में इसी को लेकर भगवान श्रीराम के प्रति रोष था कि आखिर क्यों उन्होंने सब सत्य जानते हुए भी अयोध्या की प्रजा के सामने झुककर अन्याय का साथ दिया व माता सीता को वन में भेज दिया। वे ऐसे ही कुछ प्रश्न श्रीराम से पूछकर उनका उत्तर जानना चाहते थे। इसी आशा में की भगवान श्रीराम स्वयं अपने अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को मुक्त करवाने उनके पास आयेंगे तो वे उनसे वही प्रश्न पूछेंगे, उन्होंने वह घोड़ा पकड़ लिया था।

तो लव-कुश के द्वारा श्रीराम के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ने के पीछे यही दो मुख्य कारण थे जिसके माध्यम से वे अपने मन की जिज्ञासा को शांत करना चाहते थे।

लव कुश ने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा? - lav kush ne yagy ka ghoda kyon pakada?

लव और कुश के गुरु महर्षि वाल्मीकि थे.

दोबारा प्रसारण के दौरान अब रामायण (Ramayana) की कहानी लव-कुश (Lav-Kush) के दिलचस्प प्रकरण पर पहुंच गई है. भगवान राम (Lord Rama) ने अश्वमेध यज्ञ किया था. इस यज्ञ में राम ने विजय के प्रतीक के रूप में घोड़ा छोड़ा था जिसे उनके पुत्रों लव और कुश ने पकड़ लिया था.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : April 28, 2020, 15:56 IST

    लॉकडाउन के बीच रामायण का प्रसारण लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है. 80 के दशक में पहली बार प्रसारित हुई रामायण से भारतीय जनमानस की कई यादें जुड़ी हुई हैं. यही वजह है कि जैसे-जैसे अभी रामायण की कहानी आगे बढ़ रही है सोशल मीडिया पर इससे संबंधित पोस्ट खूब देखने को मिल रहे हैं. लोग रामायण की कहानी पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. अब रामायण की कहानी लव-कुश के दिलचस्प प्रकरण पर पहुंच गई है. भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था. इस यज्ञ में राम ने विजय के प्रतीक के रूप में घोड़ा छोड़ा था जिसे उनके पुत्रों लव और कुश ने पकड़ लिया था.

    लव के जन्म की कहानी
    लंका से लौटने के  बाद एक धोबी की शिकायत पर राम ने सीता के त्याग का फैसला लिया था. इसके बाद सीता को लक्ष्मण वन में छोड़ने गए थे. लक्ष्मण के वन में छोड़ने के बाद सीता आत्महत्या के इरादे से एक पेड़ की ओर बढ़ती हैं. ठीक इसी समय वहां से गुजर रहे महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद वाल्मीकि सीता को अपने आश्रम में ले आते हैं. यहीं पर सीता ने लव को जन्म दिया था.

    लव कुश ने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा? - lav kush ne yagy ka ghoda kyon pakada?

    कुशा से हुआ कुश का जन्म
    एक दिन लव को कुटिया में सुलाकर सीता किसी काम से बाहर जाती हैं तो वाल्मीकि से लव का खयाल करने का आग्रह करती हैं. कुछ देर बाद लव भी कुटिया से बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में लव को कुटिया में न पाकर वाल्मीकि चिंतित हो जाते हैं. वो इस बात को सोच कर चिंतित हो जाते हैं कि अगर सीता वापस लौटेंगी और लव को कुटिया में नहीं पाएंगी तो क्या होगा. सीता को इस मुश्किल से बचाने के लिए महर्षि वाल्मीकि ने एक कुशा को मंत्रशक्ति के जरिए कुश बना दिया. जब सीता वापस लौटीं तो उनके साथ लव भी था जो उन्हें बाहर ही मिल गया था. बाद महर्षि ने सीता को सारी बात बताई.

    महर्षि वाल्मीकि थे गुरु
    महर्षि वाल्मीकि लव-कुश को शस्त्र विद्या का गहन प्रशिक्षण देते हैं. उधर, अयोध्या में भगवान राम अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा रवाना करते हैं. महर्षि वाल्मीकि के आश्रम के पास यज्ञ का घोड़ा पहुंचता है तो लव-कुश शत्रुघ्न को परास्त कर अश्वमेध का घोड़ा रोक देते हैं. दोनों वीर बालकों का लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न से युद्ध होता है. तीनों भाई युद्ध में पराजित हो जाते हैं. तब युद्ध के लिए भगवान राम पहुंचते हैं. लव-कुश बाण तानने लगते हैं..लेकिन महर्षि वाल्मिीकि उन्हें रोक देते हैं.

    लव कुश ने यज्ञ का घोड़ा क्यों पकड़ा? - lav kush ne yagy ka ghoda kyon pakada?

    सीता धरती में हो जाती हैं समाहित
    वाल्मीकि दोनों को बताते हैं कि ये तुम्हारे पिता हैं. इसके बाद लव-कुश और राम के बीच संवाद होता है. राम आग्रह करते हैं कि सीता वापस अयोध्या चलें लेकिन सीता इसके लिए तैयार नहीं होती हैं. सीता कहती हैं कि आपने मुझ निर्दोष को त्यागकर मेरे आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाई है. अंत में सीता धरती में समाहित हो जाती हैं.

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    Tags: COVID 19, Lockdown, Lord rama, Ramanand Sagar, Ramayan

    FIRST PUBLISHED : April 28, 2020, 15:25 IST

    लव कुश ने राम का घोड़ा क्यों पकड़ा था?

    हालाँकि उनके पास सेना नही थी लेकिन कुछ दिन पहले ही महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें दैवीय अस्त्र प्रदान किये थे जो बहुत शक्तिशाली व दिव्य थे। इसी के बल पर उन्होंने श्रीराम की चुनौती को स्वीकार करते हुए यह घोड़ा पकड़ लिया।

    लव कुश ने कौन सा घोड़ा पकड़ा?

    लव-कुश ने क्यों रोका था श्रीराम का अश्वमेध घोड़ा

    अश्वमेध का घोड़ा पकड़ने पर क्या होता है?

    इस अश्व के चुराने या इसे रोकने वाले नरेश से युद्ध होता था। यदि यह अश्व खो जाता तो दूसरे अश्व से यह क्रिया पुन: आरम्भ की जाती थी। 5. कहते हैं कि अश्वमेध यज्ञ ब्रह्म हत्या आदि पापक्षय, स्वर्ग प्राप्ति एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए भी किया जाता था।

    लव कुश का असली नाम क्या था?

    वहीं अब हम आपको बताने जा रहे हैं सियाराम के सुपुत्रों यानी लव-कुश (Luv-Kush) का किरदार निभाने वाले एक्टर्स यानी मयूरेश क्षेत्रमाडे (Mayuresh Kshetramade) और स्वप्निल जोशी (Swapnil Joshi) के बारे में.