योग शिक्षण के प्रमुख उद्देश्य कौन से हैं ?March 12, 2021 by Leave a Comment Show
योग शिक्षण के प्रमुख उद्देश्य कौन – कौन से हैं ?योग शिक्षण के उद्देश्य –योग शिक्षण का कार्य आज के शिक्षण के अनुकूल होना चाहिए | वर्तमान में बालको पर पढाई का अधिक दबाव है | यह दबाव न केवल स्कूल में बल्कि घर में भी माता – पिता इस दबाव को बनाए रखते हैं | राष्ट्र की वर्तमान आवश्यकता है कि हमारे ओदेश के भावी नागरिक मानसिक एवं शारीरिक रूप से बलशाली बनें | उनका चिंतन व्यक्तिगत , सामाजिक तथा राष्ट्रिय हित में होना चाहिए | शारीरिक , मानसिक एवं संवेगात्मक विकास की प्रक्रिया योग द्वारा सुगमता से अपनाई जा सकती है | व्यक्तिगत विकास के साथ – साथ सामाजिक विकास होना परम आवश्यक है | अतः हम शिक्षा में योग के शिक्षण के उद्देश्य पर इस प्रकार प्रकाश डाल सकते हैं | 1.मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य संगठन –योग आसनों तथा प्राणायाम आदि के द्वारा हम अपने तनाव को दूर तक मानसिक तथा शारीरिक दुर्बलता को दूर कर सकते हैं | 2.शारीरिक तथा मानसिक तीव्रता –इसका उद्देश्य बालको में क्रमशः शरीरिक तथा मानसिक विकास करना है | 3.योग के प्रति रूचि उत्पन्न करना –योग शिक्षण द्वारा हम योग के लाभों के द्वारा बालको में योग के प्रति रूचि उत्पन्न कर सकते हैं जिससे वे इसके महत्व को जान सके | 4.आत्म नियंत्रण , आत्मसंयम तथा मूल्यों को संरक्षण –योग हमें बताता है कि किस प्रकार हम अपने ऊपर आत्म नियंत्रण करें | किस प्रकार आत्म संयम के द्वारा समस्याओं के समाधान हो तथा किस प्रकार हम अपने आदर्श तथा मूल्यों के संरक्षण में अपना योगदान करे | 5.रोग का योग से निवारण –योग के द्वारा रोगों का निवारण भी योगाभ्यास द्वारा किया जा सकता है | यह उद्देश योग के प्रशिक्षण आदि के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है | 6.कार्य में दक्षता प्राप्ति –अपने कार्य में दक्षता ही योग कहा गया है | वास्तविकता यह है कि योग के द्वारा हम एकाग्र होकर वह कई ऐसे लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं जो सामान्यतः संभव नहीं है | 8.खेलों के विकास में योग –योग अभ्यास से खेलों में होने वाली थकान , चिंता तथा अन्य संवेगात्मक स्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं | कई खेलों की प्रक्रिया तो योग आसनों पर ही आधारित है | प्राणायाम आदि क्रियाँए कई प्रतियोगिता खेल आदि में सकारात्मक भूमिका तथा दूरगामी फल देती है |
Relatedयोग शिक्षा का क्या महत्व है?योग शिक्षा से सकारात्मक सोचने की शक्ति बढ़ती है। जिससे बच्चा अपने संवेगों पर नियंत्रण रखते हुए विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करने लगता है। इस तरह योग व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक ऊँचाईयों को छूने में भरसक सहायता प्रदान करता है।
विद्यार्थी के लिए योग का क्या महत्व है?योग बच्चों के मन-मस्तिष्क को उसके कार्य के प्रति जागरूक करता है। इसलिए विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही योग शिक्षा देना बहुत जरूरी है। योग से बच्चों की सहनशीलता बढ़ती है और मन शक्तिशाली होता है। योगाभ्यास से मन-मस्तिष्क का संतुलन बना रहता है, जिससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और बच्चें मन लगाकर पढ़ाई करते है।
शारीरिक शिक्षा में योग का महत्व क्या है?योग , जो एक शांत शरीर और मन को प्राप्त करने के लिए शारीरिक और मानसिक विषयों को जोड़ता है , तनाव प्रबंधन और विश्राम में सहायता करता है। यह लचीलेपन , मांसपेशियों की ताकत और समग्र शरीर की टोन के विकास में भी सहायता करता है। यह आपकी ऊर्जा , जीवन शक्ति और श्वसन को बढ़ाता है।
योग शिक्षा की प्रमुख विशेषताएं क्या है?योग एक मानस शास्त्र है जिसमें मन को संयत करना और पाशविक वृत्तियों से खींचना सिखाया जाता है। जीवन की सफलता, किसी भी क्षेत्र में संयत मन पर भी निर्भर करती है। मन:संयम का अभिप्राय है किसी एक समय में किसी एक ही वस्तु पर चित्त का एकाग्र होना। दीर्घकाल तक अभ्यास करने से मन का ऐसा स्वभाव बन जाता है।
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