मंगल अशुभ हो तो क्या होता है? - mangal ashubh ho to kya hota hai?

हाइलाइट्स

  • मंगल के शुभ होने पर जीवन में आती है खुशहाली

  • मंगल के अशुभ होने पर इंसान हो जाता है कंगाल

ज्योतिष में मंगल ग्रह को काफी महत्वपूर्ण मना गया है. कुंडली में मंगल दोष हो तो शादी विवाह में अड़चन शुरू हो जाती है. मंगल नीच का हो तो धन की हानि और दुर्घटनाएं शुरू हो जाती हैं. मंगल अशुभ हो तो जीवन में ऐसे संकट सामने आ खड़े होते हैं, जो पहाड़ से लगने हैं. लेकिन इन सब परेशानियों का हल भी उन छोटी छोटी पूजा उपासना और उपायों में छिपा है, जो न केवल आपका विश्वास बढ़ाती हैं. बल्कि आपके जीवन में खुशियां भी बरसाती हैं.

मंगल के अशुभ परिणाम-
सूर्य के बाद सबसे प्रमुख ग्रह मंगल माना गया है. जिसे लाल ग्रह भी कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि आपकी कुंडली में अगर आपका मंगल अशुभ है. नीच का है. या फिर दूसरे ग्रहों के साथ अशुभ संयोग बना रहा है तो आपके जीवन में अशुभ परिणाम होते हैं.

  • क्रोध लगातार बढ़ता जाता है
  • व्यापार में घाटा शुरू हो जाता है
  • छोटी छोटी परेशानियां बड़ी होने लगती हैं
  • चिंताएं लगातार बढ़ती जाती हैं
  • सेहत पर बुरा असर पड़ता है
  • जमीन जायदाद में घाटा लगता है
  • आत्म विश्वास में कमी आती है

मंगल का प्रभाव-
आखिरकार मंगल ऐसा दुष्प्रभाव देते क्यों हैं, इसे जानने के लिए मंगल की विशेषता जाननी होगी.

  • ग्रहों मे सेनापति हैं मंगल
  • शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास के स्वामी हैं मंगल
  • मंगल का मुख्य तत्व अग्नि है
  • मंगल का मुख्य रंग लाल है
  • मंगल की धातु तांबा मानी गई है
  • जौ को मंगल का अनाज माना गया है
  • जमीन और जमीन से निकलने वाली चीजों पर मंगल का प्रभाव रहता है
  • मेष और वृश्चिक मंगल की राशियां हैं
  • मंगल मकर राशि में सबसे मजबूत रहता है
  • कर्क राशि का मंगल सेबसे कमजोर होता है

हनुमान दूर करेंगे कुंडली का मंगल दोष-
ज्योतिष के आचार्यों की मानें तो कुंडली का अशुभ मंगल जातक के जीवन को तहस नहस कर सकता है. कुंडली में मंगलदोष हो तो केवल एक व्रत आपके इस दोष का अमंगल काट सकता है. आपकी कुंडली के मंगल दोष को वीर बजरंगी हनुमान अपनी शक्ति से काट सकते हैं.

  • रोज सुबह शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें
  • मंगलवार को सिंदूर और लाल फूल चढ़ाएं
  • मंगलवार के दिन उपवास रखें

भात पूजन और मंगल दोष-
मंगल दोष की शांति के लिए भात पूजा मध्य प्रदेश के उज्जैन में की जाती है, क्योंकि इसे ही मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है.

  • पके चावल से शिवलिंगरूपी मंगलदेव की पूजा की जाती है
  • सर्वप्रथम गणेशजी और माता पार्वतीजी का पूजना होता है
  • इसके बाद नवग्रह पूजन होता है फिर कलश पूजन करते हैं
  • भात से बने भगवान मंगलनाथ का पंचामृत से अभिषेक करते हैं
  • इसके बाद भगवान शिव को भात भी चढ़ाते हैं और मंगल जाप करते हैं

सप्ताह में मंगलवार के दिन की गई उपासना मंगलदेव को शांत तो करती है. साथ ही सोमवार को भगवान शिव की आराधना भी कुंडली में मंगल के शुभ प्रभाव देती है.

शिव शांत करेंगे मंगल को-
सृष्टि का आदि अंत सभी शिव ही हैं. इसीलिए शिव देवों के देव महादेव हैं. तभी तो शिव की आराधना से सभी अमंगल मंगल में बदल जाता है. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि भगवान शंकर की आराधना आपको कुंडली में मंगल देव की शुभता कैसे दिलाती है. 

  • रोजाना जल में लाल पुष्प डाल कर शिव जी को चढ़ाएं
  • लाल आसन पर बैठ कर शिवमंत्र का जप करें
  • लगातार 15 दिन प्रयोग करें
  • क्रोध पर नियंत्रण मिलेगा

शिव उपासना से शांत करें मंगल-
मंगल की अशुभता आपकी सेहत पर भी असर डालती है. रोग घर कर जाते हैं. बीमारियों की वजह से धन की हानि होने लगती है. इसलिए शिव उपासना से मंगल को शांत किया जा सकता है.

  • शिव जी को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें
  • जल अर्पण के बाद ऊं हौं जूं स: का जप करें
  • थोड़ा सा जल लोटे में बचा लें
  • बचे जल को प्रसाद के तौर पर लें
  • बीमारी और रोग में जल्द लाभ दिखेगा

मंगल शुभ हो तो होता है फायदा-

मंगल ग्रह एक उग्र ग्रह जरूर है. लेकिन ये आपको रंक से राजा भी बना सकता है. कुंडली में मंगल शुभ हो तो लक्ष्मी योग, रूचक योग जैसे योग बनाता है जो अपार सफलता के साथ साथ बेशुमार शोहरत और धन दिलाता है. कुंडली में अगर मंगल मजबूत स्थित में बैठा हो तो कुंडली में दो ऐसे योग बनाता है जो इंसान की जिंदगी बदल कर रख देता है.

  • चंद्रमा मंगल के संयोग से बनता है लक्ष्मी योग
  • लक्ष्मी योग इंसान को मालामाल बना देता है
  • अपार धन संपत्ति का मालिक बनाता है लक्ष्मी योग
  • मंगल के पंच-महापुरुष को रूचक योग कहते हैं
  • रूचक योग बड़ा पद, सेनाध्यक्ष, प्रशासक बनाता है
  • रूचक योगो में असहायों की मदद जरूर करनी चाहिए

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लाल किताब के अनुसार मंगल के अशुभ होने की कुछ निशानियां होती हैं फिर भले ही मंगल कुंडली में कैसी भी स्थिति में बैठा हो, जबकि वैदिक ज्योतिष में मंगल के शुभ या अशुभ प्रभाव जातक की कुंडली या जन्मपत्री की दशा, अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा दशा के दौरान देखने को मिलते हैं। मान्यता है कि जब मंगल अपना अशुभ प्रभाव देने लगता है तो उसके पूर्व संकेत मिलने लगते हैं। आओ जानते हैं दोनों ही तरीकों से मंगल के अशुभ होने के पूर्व संकेत को और जानते हैं नुकसान से बचने के तरीके को।


लाल किताब के अनुसार मंगल के अशुभ होने के संकेत

* उच्च रक्तचाप।

* वात रोग।

* गठिया रोग।

* फोड़े-फुंसी होते हैं।

* जख्मी या चोट।

* बार-बार बुखार आता रहता है।

* शरीर में कंपन होता रहता है।

* गुर्दे में पथरी हो जाती है।

* आदमी की शारीरिक ताकत कम हो जाती है।

* एक आंख से दिखना बंद हो सकता है।

* शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं।

* मंगल से रक्त संबंधी बीमारी होती है। रक्त की कमी या अशुद्धि हो जाती है।

* बच्चे पैदा करने में तकलीफ। हो भी जाते हैं तो बच्चे जन्म होकर मर जाते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार चन्द्र के अशुभ होने के पूर्व संकेत

1. भूमि या भवन का कोई भाग टूट-फूट जाता है।

2. घर में कहीं भी आग लग जाती है।

3. मंगल की कारक वस्तु खो जाती है या नष्ट हो जाती है।

4. हवन की अग्नि का अचानक बन्द हो जाती है।

6. अग्नि जलाने के अनेक प्रयास करने पर भी अग्नि का नहीं जलना या अग्नि का बन्द हो जाना।

7. वात-जन्य विकार अकारण ही शरीर में प्रकट होने लगना ।

8. किसी प्रकार से छोटी-मोटी दुर्घटना हो सकती है ।

मंगल अशुभ हो तो क्या होता है? - mangal ashubh ho to kya hota hai?

कैसे होता मंगल खराब?

* घर का पश्‍चिम कोण यदि दूषित है तो मंगल भी खराब होगा।

* हनुमानजी का मजाक उड़ाने या अपमान करने से।

* धर्म का पालन नहीं करने से।

* भाई या मित्र से दुश्मनी मोल लेने से।

* निरंतर क्रोध करते रहने से।

* मांस खाने से।

* चौथे और आठवें भाव में मंगल अशुभ माना गया है।

* किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो पिंजरे में बंद शेर की तरह है।

* सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं।

* मंगल के साथ केतु हो तो अशुभ हो जाता है।

* मंगल के साथ बुध के होने से भी अच्छा फल नहीं मिलता।

मंगल को शुभ करने के उपाय

हनुमानजी की भक्ति करें। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि पढ़ें।

* मंगल खराब की स्थिति में सफेद रंग का सूरमा आंखों में डालना चाहिए।

* गुड़ खाना चाहिए।

* भाई और मित्रों से संबंध अच्छे रखना चाहिए। क्रोध न करें।

* लाल वस्त्र में सौंफ बांधकर शयन कक्ष में रखें।

* बंधुजनों को मिष्‍ठान्न का सेवन कराएं।* बंदरों को गुड़ और चने खिलाना चाहिए।

* गाय को चारा व जल पिलाकर सेवा करें।

* गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं।

* मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।

* अपने आप पर नियंत्रण रखें, आपा न खोएं।

* किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।

* किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए।* तांबा, गेहूं एवं गुड़, लाल कपड़ा और माचिस का दान करें।

* तंदूर की मीठी रोटी दान करें।

* बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहाएं।

* मसूर की दाल दान में दें।

* हनुमान मंदिर में ध्वजा और चले दान करें।

नोट : इनमें से कुछ उपाय विपरीत फल देने वाले भी हो सकते हैं। कुंडली की पूरी जांच किए बगैर उपाय नहीं करना चाहिए। किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।

मंगल अशुभ कब होता है?

जन्मकुंडली में कब अशुभ फलदाई होता है: – यदि सूर्य 5 या 9 में केतु के साथ हो तो मंगल अशुभ हो जाता है। यदि सूर्य 6 या 12 में राहु के साथ सातवें हो। यदि सूर्य, शुक्र के साथ सातवें घर में हो। यदि सूर्य 10वें भाव में शनि के साथ हो।

मंगल कैसे खराब होता है?

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार कई बार जातकों के अनुच‍ित व्‍यवहार और कार्य से भी मंगल खराब हो जाता है। कहा जाता है क‍ि अत्‍यध‍िक क्रोध करने, मांस-मद‍िरा का सेवन करने, पवनपुत्र हनुमानजी का अपमान करने वाले जातकों का मंगल खराब हो जाता है। वहीं म‍ित्रों और भाईयों के साथ छल करने वाले जातकों का भी मंगल खराब हो जाता है।

मंगल दोष के लक्षण क्या है?

मंगल दोष के लक्षण.
मंगल की स्थिति खराब होने के कारण जातक को अधिक गुस्सा आता है। ... .
जब मंगल कुंडली में द्वादश भाव में होता है तो व्यक्ति की विवाह में कई तरह की मुश्किल आती हैं।.
मंगल दोष के कारण संतान प्राप्ति में दिक्कत आने लगती हैं।.
कुंडली में मंगल दोष होने से बड़े भाई से किसी न किसी कारण लड़ाई होती रहती है।.

मंगल शांति के लिए क्या करें?

मंगलवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बंदरों को मीठी लाल वस्तु जैसे- इमरती, शक्करपारे आदि खिलाएं। शिवजी या हनुमान जी के नित्यदर्शन करें और हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र की रोजाना कम से कम एक माला का जाप करें। हनुमान जी के मंदिर में दीपदान करें तथा बजरंग बाण का प्रतिदिन या कम से कम प्रत्येक मंगलवार को पाठ करें