यह तो सब जानते हैं कि हमारी हड्डियों का 70 प्रतिशत हिस्सा कैल्शियम फॉस्फट से बना है इसलिए तो डाइट में कैल्शियम लेना जरूरी होता है लेकिन महिलाओं के शरीर में अक्सर इसकी कमी होने लगती हैं खासकर जब वह 30 की उम्र पार करती हैं। कई बार 30 से पहले भी लड़कियां कैल्शियम की कमी से जूझती हैं जिसकी वजह अच्छा खान-पान ना लेना, पीरियड्स, प्रैग्नेंसी हो सकती है वहीं जो महिलाएं मेनोपॉज पीरियड तक पहुंच जाती है उनके शरीर में भी कैल्शियम कम होने लगता है लेकिन महिलाएं इस कमी को लेकर अवेयर नहीं है और ना ही सही समय पर इसका इलाज निकालती हैं। नतीजा वह गठिया, जोड़ों के दर्द, हाईपोकैल्शिमिया जैसी परेशानियों की चपेट में आ जाती हैं। Show
जब शरीर में कैल्शियम कम होने लगते हैं तो...चिड़चिड़ापन और थकान हर समय बनी रहती हैं। आपको छोटी-छोटी बातें भूलने लगती हैं क्योंकि कैल्शियम की कमी दिमाग पर भी असर डालती हैं। हाथ-पैर सोने लगते हैं, झुनझुनाहट-घबराहट महसूस होती है, शरीर में एनर्जी कम रहती है मांसपेशियों में ऐंठन- अकड़न सी रहती है। जोड़ों में दर्द, दांत कमजोर, नाखून कच्चे और सफेद निशान होने लगते हैं। बाल टूटने लगते हैं और स्किन ड्राई हो जाती है। बार-बार मिसकैरेज भी हो सकता है। अगर आपके शरीर में बहुत ज्यादा कैल्शियम की कमी हो गई है तो इसका कारणआपका हैल्दी आहार की बजाए बाहर का जंकफूड, फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड खाना हो सकता है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो भी कैल्शियम शरीर में नहीं टिकेगा। अगर आपको वैजाइना डिस्चार्ज की समस्या रहती है तो इससे भी कैल्शियम की कमी होगी बल्कि दूसरे जरूरी तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। बहुत हैवी पीरियड्स फ्लो, स्तनपान करवाने, प्रेग्नेंसी के कारण भी कैल्शियम की कमी हो जाती है। मेनोपॉज के कारण और एस्ट्रोजेन हॉर्मोन कम होने के चलते भी कैल्शियम की कमी हो सकती हैं। इस कमी को दूर कैसे करना है?पहले तो यह बात जानें कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है कितनी जो कि आपको टेस्ट के द्वारा ही पता चलेगी। डाक्टरी सलाह लें अगर प्रेग्नेंसी और स्तनपान करवा रही महिला को कैल्शियम की कमी हो रही हैं तो वह आपको कुछ सप्लीमेंट्स खाने को देंगे। वहीं पीरियड्स व पोषक तत्वों की कमी के चलते अगर कैल्शियम कम हो रहा है तो भी वह आपको आपकी स्थिति के अनुसार ही गोली लेने का सुझाव देंगे। लेकिन जो काम कैल्शियम युक्त आहार करेंगे वो आपको किसी अन्य चीजों से नहीं मिलेंगे इसलिए कैल्शियम से भरपूर आहार जैसे दूध,पनीर, दही, टोफू, सोयाबीन, सोया मिल्क लें। हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। भिंडी, पालक, ब्रोकली आदि का सेवन करें। चिया सीड्स, अलसी और तिल के बीज खाएं। रोजाना करीब 20 मिनट ताजी धूप लें इससे शरीर को विटामिन डी मिलेगा जो कैल्शियम अवशोषित करने के लिए बहुत जरूरी है। याद रखिए, महिलाओं को 30 के बाद कैल्शियम जरूर लेना चाहिए क्योंकि कैल्शियम की कमी आपके शरीर को कई ओर नई बीमारियों से घेर लेती है। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करना ना भूलें।
प्रेग्नेंसी के दौरान चक्कर आना, अंगुलियों में अकड़न, मूड डिसआॅर्डर यानी पोटैशियम की कमी
हेल्थ डेस्क. गर्भावस्था में खानपान को लेकर सतर्कता बरतना ज़रूरी होता है। इस दौरान शरीर को खनिज, प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों की बराबर मात्रा में आवश्यकता होती है। इन्हीं में से एक है पोटैशियम जिसे लेकर कई बार जानकारी का अभाव होने के कारण इसकी कमी का पता ही नहीं चल पाता। पोटैशियम खनिज है जो शरीर के लिए ज़रूरी है। ये क्यों ज़रूरी है और इसकी कमी को दूर कैसे किया जाए,स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. तरूणा दुआ और डॉ. शालू कक्कड़ से जानते हैं। क्यों
ज़रूरी है पोटैशियम ?
क्यों होती है शरीर में पोटैशियम की कमी
पोटैशियम का स्तर बढ़ना
गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम के लिए क्या खाना चाहिए?ऐसे में डाइट में ऐसी चीजें जरूर खानी चाहिए जिससे कि गर्भवती को कैल्शियम की पूर्ति हो सके.. संतरा संतरा विटामिन सी का मुख्य स्रोत होता है और इसके सेवन से कैल्शियम की कमी पूरी की जा सकती है। ... . पालक पालक में 250 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। ... . खजूर ... . बादाम ... . मसूर की दाल ... . दूध और इससे बनी चीजें ... . सोयबीन ... . ब्रोकली. प्रेगनेंसी में कौन सा कैल्शियम लेना चाहिए?गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी होने या शरीर की रोजाना कैल्शियम की आवश्यकता को खाद्य पदार्थों से पूरा किया जा सकता है। दूध, चीज, दही, ब्रोकली, सोयाबीन, बींस, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों, तिल, किशमिश, टोफू आदि में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है।
कैल्शियम की कमी से क्या दिक्कत हो सकती है?बिना किसी दोराय कैल्शियम की कमी हड्डियों को प्रभावित करती है. हड्डियों में कैल्शियम स्टोर होता है जो उन्हें मजबूती देता है. कैल्शियम की कमी होने पर शरीर हड्डियों से कैल्शियम सोख लेता है जिससे वे कमजोर हो जाती हैं और उनमें चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही, उठने-बैठने और चलने में दर्द महसूस होता है.
प्रेगनेंसी में कितने कैल्शियम की जरूरत होती है?सप्लीमेंट कैल्शियम की क्यों होती है जरूरत
इसलिए आपको इसे आपको संतुलित आहार और कुछ सप्लीमेंट से इसकी पूर्ति करनी होती है. जब आप गर्भवती हों, तो हर दिन कम से कम 1000 मिलीग्राम कैल्शियम लेने की आवश्यकता होती है. यदि आप 18 वर्ष या उससे कम उम्र की हैं, तो प्रतिदिन कम से कम 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है.
|