प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया क्या होती है? - pratham preranaarthak kriya kya hotee hai?

  • Prernarthak Kriya
  • प्रेरणार्थक क्रिया कौन सी होती है?
  • प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण
  • प्रेरणार्थक क्रिया के कितने प्रकार है?
  • प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?
  • प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण
  • द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?
  • द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण
  • प्रेरणार्थक क्रिया बनाने के नियम
  • प्रेरणार्थक क्रिया के कितने रूप होते है उदाहरण के साथ लिखिए?
  • प्रेरणार्थक क्रिया कैसे पहचाने?
  • लेटना शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक रूप कौन सा है?
  • पीना की प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?
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  • समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • वाक्य की परिभाषा, भेद एवं उदहारण
  • विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण
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प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया क्या होती है? - pratham preranaarthak kriya kya hotee hai?
Prernarthak Kriya

प्रेरणार्थक क्रिया कौन सी होती है?

मूल धातु का वह विकृत रूप जिससे क्रिया के व्यापार में कर्ता (प्रेरित कर्ता) पर किसी (प्रेरक कर्ता) की प्रेरणा का बोध हो तो उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। प्रेरणार्थक क्रिया की रचना सकर्मक एवं अकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं से हो सकती है, लेकिन प्रेरणार्थक क्रिया बन जाने के पश्चात वह सदैव सकर्मक ही होगी। प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • प्रेरक कर्ता – वह कर्ता जो क्रिया करने के लिए प्रेरणा देता है.
  • प्रेरित कर्ता – वह कर्ता जो क्रिया करने के लिए प्रेरणा देता है.

प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण

  • वह सबसे चालान भरवाता है.
  • महेश बच्चों को रुलाता है.
  • गीता बच्चों को हिंदी पढ़ाती है.
  • सुरेश आज नौकर से गाड़ी धुलवाना।
  • आज तुम विजय से चाय बनवाना।

प्रेरणार्थक क्रिया के कितने प्रकार है?

प्रेरणार्थक क्रिया के दो प्रकार हैं- प्रत्यक्ष या प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया और अप्रत्यक्ष या द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया है.

  1. प्रत्यक्ष या प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया
  2. अप्रत्यक्ष या द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया

प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?

क्रिया का वह रूप जिसमें कर्ता स्वयं भी कार्य में सम्मिलित होता हुआ कार्य करने की प्रेरणा देता है तो क्रिया के उस रूप को प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे: मोहन सबको भजन सुनाता है. इस वाक्य में मोहन द्वारा भजन गाए जाने पर सुनने का कार्य किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा किया गया है.

प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण

  • वह सबको भजन सुनाता है.
  • पिता पुत्र से पत्र लिखवाता है.
  • माँ बच्चे को खाना खिलाती है.
  • राम श्याम से कपड़े धुलवाता है.
  • शीला मीना से चाय बनवाती है.
  • महेश बच्चों को रुलाता है.
  • गीता बच्चों को हिंदी पढ़ाती है.

द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?

क्रिया का वह रूप जिसमें कर्ता स्वयं कार्य न करके दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है उसे द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे: श्याम अध्यापक से बच्चों को पाठ पढ़वाता है. इस वाक्य में श्याम अध्यापक को प्रेरणा दे रहा है की वह बच्चों को पाठ पढ़ाए, इसलिए इस वाक्य में प्रेरणार्थक क्रिया का द्वितीय प्रेरणार्थक रूप होगा।

द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण

  • वह महेश से बच्चोँ को हँसवाता है.
  • माँ आज खाने में दाल बनवाना।
  • वह अध्यापक से बच्चों को हिंदी सिखवाता है.
  • सुरेश आज नौकर से गाड़ी धुलवाना।
  • आज तुम विजय से चाय बनवाना।

प्रेरणार्थक क्रिया बनाने के नियम

  1. मूल धातु के अन्त में आना जोड़ने से प्रथम प्रेरणार्थक रूप एवं मूल धातु के अन्त में वाना जोड़ने से द्वितीय प्रेरणार्थक रूप बनता है।
मूल धातुप्रथम प्रेरणार्थक रूपद्वितीय प्रेरणार्थक रूप
उठ उठाना उठवाना
गिर गिराना  गिरवाना
कट काटना  कटवाना
पढ़ पढ़ाना  पढ़वाना
सुन सुनाना  सुनवाना
चल चलाना  चलवाना
Prernarthak Kriya
  1. दो अक्षरों वाली मूल धातु में और को छोड़कर सभी स्वर मात्राओं के लघु रूप का दीर्घ रूप हो जाता है।
मूल धातु प्रथम प्रेरणार्थक रूप द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
ओढ़णा  उढ़ाणा  उढ़वाणा
जागना  जगाना  जगवाना
जीतना  जिताना  जितवाना
डूबना  डुबाना  डुबवाना
बोलना  बुलाना  बुलवाना
Prernarthak Kriya
  1. एक अक्षर वाली घातु के अन्त में ला और लवा जोड़कर दीर्घ स्वर मात्रा को लघु मात्रा कर दिया जाता है।
मूल धातु प्रथम प्रेरणार्थक रूप द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
खाना खिलाना खिलवाना
देना दिलाना दिलवाना
पीना पिलाना पिलवाना
सीना सिलाना सिलवाना
सोना सुलाना सुलवाना
Prernarthak Kriya

प्रेरणार्थक क्रिया के कितने रूप होते है उदाहरण के साथ लिखिए?

प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप होते हैं. पहले रूप को प्रथम प्रेरणार्थक एवं दूसरे रूप को द्वितीय प्रेरणार्थक रूप कहते हैं.

प्रेरणार्थक क्रिया कैसे पहचाने?

प्रेरणार्थक क्रिया को पहचानने के लिए वाक्य में प्रेरणा का भाव एवं प्रेरित कर्ता एवं प्रेरक कर्ता को देखना चाहिए। यदि वाक्य में किसी को प्रेरणा देने का भाव और प्रेरित कर्ता एवं प्रेरक कर्ता हों तो वहा प्रेरणार्थक क्रिया होगी।

लेटना शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक रूप कौन सा है?

लेटना शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक रूप लिटाना एवं द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया रूप लिटवाना होता है.

पीना की प्रेरणार्थक क्रिया क्या है?

पीना की प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया पिलाना एवं द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया पिलवाना होता है.

व्यंजन की परिभाषा, भेद और वर्गीकरण

  1. उत्क्षिप्त व्यंजन
  2. संघर्षहीन व्यंजन
  3. प्रकम्पित व्यंजन
  4. संघर्षी व्यंजन
  5. स्पर्श व्यंजन
  6. नासिक्य व्यंजन
  7. स्पर्श संघर्षी व्यंजन
  8. पार्श्विक व्यंजन

विराम चिह्न की परिभाषा, भेद और नियम

  1. योजक चिह्न
  2. अवतरण चिह्न
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  4. पूर्ण विराम चिह्न

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  1. भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
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सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण

  1. प्रत्यय
  2. उपसर्ग
  3. शब्द-विचार
  4. कारक
  5. विलोम शब्द
  6. पर्यायवाची शब्द
  7. तत्सम और तद्भव शब्द
  8. संधि और संधि-विच्छेद
  9. सम्बन्धबोधक अव्यय
  10. अयोगवाह
  11. हिंदी वर्णमाला
  12. वाक्यांश के लिए एक शब्द
  13. समुच्चयबोधक अव्यय
  14. विस्मयादिबोधक अव्यय
  15. हिंदी लोकोक्तियाँ
  16. हिंदी स्वर
  17. संज्ञा उपवाक्य
  18. भाव वाच्य
  19. कर्तृ वाच्य
  20. कर्म वाच्य

प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कौन सी है?

प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया क्या है? क्रिया का वह रूप जिसमें कर्ता स्वयं भी कार्य में सम्मिलित होता हुआ कार्य करने की प्रेरणा देता है तो क्रिया के उस रूप को प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे: मोहन सबको भजन सुनाता है.

प्रेरणार्थक क्रिया का उदाहरण क्या है?

ऐसी क्रियाएं जिनके प्रयोग से वाक्य मे यह पता चलता है कि कर्ता स्वयं किसी कार्य को ना करके किसी और से कार्य को करवाता है अथवा किसी और को कार्य करने की प्रेरणा देता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे – करवाना, पिलवाती, पिलवाता, कटवाना, पिलवाना, सुनाना, लिखवाना, खिलवाना, बोलवाना इत्यादि।

प्रेरणार्थक क्रिया के कितने रूप हैं?

प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप होते हैं

प्रेरणार्थक क्रिया से आप क्या समझते हैं?

(3)प्रेरणार्थक क्रिया (Causative Verb)-जब कर्ता किसी कार्य को स्वयं न करके किसी दूसरे को कार्य करने की प्रेरणा दे तो उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे- काटना से कटवाना, करना से कराना। मालिक नौकर से कार साफ करवाता है। अध्यापिका छात्र से पाठ पढ़वाती हैं