पेट की गैस का तुरंत इलाज Yoga - pet kee gais ka turant ilaaj yog

क्या आपको हमेशा अपना पेट फूला हुआ महसूस होता है? जाहिर है पेट का फूलना ये पेट में गैस बनना आपको बेहद असहज महसूस करा सकती है। इससे आपका पाचन स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। सूजन और गैस्ट्रिक समस्याओं के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे दूषित भोजन, तनाव और गलत खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन आदि।

कई बार, जब आंत के बैक्टीरिया भोजन को ठीक से नहीं तोड़ पाते हैं, तो गैस्ट्रिक समस्या उत्पन्न होती है। ज्यादातर मामलों में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करके आप इस समस्या से बच सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं।

योग एक्सपर्ट मानसी गुलाटी के अनुसार, योग को लंबे समय से सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से कुछ को दूर करने के बेहतर तरीकों में से एक माना जाता है। वज्रासन और पवनमुक्तासन जैसे आसन पाचन को मजबूत बेहतर बनाने में मदद करते हैं। योग गैस, सूजन और गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। आपको इस समस्या से बचने के लिए पवनमुक्तासन करना चाहिए।

गैस की समस्याओं का इलाज है पवनमुक्तासन

पेट की गैस का तुरंत इलाज Yoga - pet kee gais ka turant ilaaj yog

पवनमुक्तासन जो विशेष रूप से सूजन और गैस्ट्रिक परेशानियों को कम करने में फायदेमंद है। कोई भी योग आसन या व्यायाम जिसमें आपके निचले शरीर और रीढ़ की हड्डी में मरोड़ शामिल है, गैस्ट्रिक बीमारियों और सूजन में सहायता करेगा, जबकि पवनमुक्तासन ऐसी स्वास्थ्य समास्याओं के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

पवनमुक्तासन के फायदे

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पवनमुक्तासन (द विंड रिलीविंग पोज) के कई लाभ हैं। यह आंतों के कामकाज को बढ़ावा देकर उन्हें अधिक सक्रिय बनाने में मदद करता है। यह लीवर के कामकाज में भी सुधार करता है। इस आसन से आपको रीढ़ को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है।

पवनमुक्तासन करने का तरीका

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सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों और बाहों को फैलाएं। अपने घुटनों को एक साथ लाएं और अपने दोनों हाथों से पकड़ें। बाएं पैर को छोड़ दें और इसे फर्श पर फैलाकर रखें। 30 सेकंड के लिए मुद्रा में रहें। अब अपने बाएं पैर को वापस लाएं, दोनों पैरों को पकड़ें। और अपने दाहिने पैर को छोड़ दें। एक मिनट के लिए दोहराएं, तीन बार करें।

पवनमुक्तासन करते समय इस बात का रखें ध्यान

पेट की गैस का तुरंत इलाज Yoga - pet kee gais ka turant ilaaj yog

जिन लोगों को गर्दन या रीढ़ की हड्डी की समस्या है उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए। एक यह भी है कि जब भी आपके घुटने छाती से मिलते हैं तो आपको अपनी गर्दन को आगे की ओर झुकाना होगा। आप पैरों को बारी-बारी से बदले बिना भी आसन का प्रयास कर सकते हैं।

Gas, Acidity, Constipation और बदहजमी के लिए आसान

एक्सपर्ट्स की देखरेख में करें योगासन

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मानसी का कहना है कि सभी योग मुद्राओं को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। हालांकि अगर आप पहले से योग करते हुए आ रहे हैं, तो आप इसे ट्राई कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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एसिडिटी या गैस की समस्या पाचन से जुड़ी एक आम समस्या है। ऐसा तब होता है जब पेट अतिरिक्त एसिड का उत्पादन करता है। आम तौर पर, पेट में एसिड का उत्पादन भोजन को तोड़कर पचाने के लिए होता है लेकिन कभी-कभी पेट में एसिड का अतिरिक्त स्राव होता है जिसके कारण पेट में गैस बनने की समस्या होती है।

एसिडिटी होने का एक संभावित कारण खाना खाने के तुरंत बाद आराम करना या सो जाना भी हो सकता है। अधिक मसालेदार, ऑयली भोजन करना भी एसिडिटी का कारण बन सकता है। जीवन में अतिरिक्त तनाव होने के साथ-साथ ये सभी आदतें भी एसिडिटी के बढ़ने का कारण बनती हैं।

एसिडिटी और पेट गैस के लिए योग

एसिडिटी के कारण पेट में बेचैनी, असहजता और अत्यधिक जलन हो सकती है। इस समस्या के दौरान आप ना सही से खा पाते हैं और ना ही खाना सही से पच रहा होता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि योग आपको इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है। हम यहां ऐसे ही कुछ योगासन बता रहे हैं तो गैस और एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाते हैं-

1. वज्रासन

वज्रासन पेट गैस की समस्या को दूर लिए योगासन(pet ki gas ke liye yoga) मे प्रमुख हैं। यह आसन पेट और आंत में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और भोजन को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करता है जिससे एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्याएं नहीं होती। अगर आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर है, तो इस आसन का अभ्यास आपको हर रोज करना चाहिए। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

2. पश्चिमोत्तानासन

 पश्चिमोत्तानासन या फॉरवर्ड बेंड पोज़ पेट के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए एक लाभकारी योगासन है। यह मुद्रा न केवल अंगों को ठीक तरह से काम करने और पाचन समस्याओं का इलाज करने में मदद करती है बल्कि मासिक धर्म चक्र को भी विनियमित करने में कारगर है। इसके नियमित अभ्यास से आपको टमी फैट को कम करने में भी मदद मिल सकती हैं। यह आसन कमर, कूल्हे, बाजू, कंधों और एब्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।

3. बालासन

 बालासन एक रेस्टिंग पोज़ है। यह पाचन प्रणाली को आराम देता है और एसिडिटी से राहत देने में मदद करता है। जब आप इस आसन में होते हैं, तो आपके पेट के अंगों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है और ये मजबूत होते हैं। बालासन तनाव और थकान को कम करके कूल्हों, जांघों और टखनों को स्ट्रेच करता है।

4. पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास बोवेल मूवमेंट्स को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों और पूरे एब्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करने में मदद करता है। भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करने के अलावा यह डाइजेस्टिव सिस्टम से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालने में मदद करता है।

5. अर्धमत्स्येन्द्रासन

 शरीर को ट्विस्ट करना डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए सबसे अच्छा डिटॉक्स है। यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। साथ ही यह आपके पाचन तंत्र में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है और एसिडिटी को कम करता है। 

6. कपाल भाती प्राणायाम

 यह प्राणायाम मोटापा, पेट से जुड़ी समस्या, पाचन विकार और पेट से संबंधित कई अन्य विकारों को ठीक करने के लिए अच्छा है। इसमें आप अपनी ब्रीदिंग और इंद्रियों पर फोकस करते हैं। यह प्राणायाम शरीर को शांत करता है और पाचन मे सुधार करता है।

हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप किसी विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें आपके सवालों के जवाब देने में खुशी होगी। आप हमें अपने सवाल कमेंट बॉक्स में लिख सकती हैं।


पेट में बहुत ज्यादा गैस बनने पर क्या करें?

- खाना खाते समय ध्यान रहें कि बात ना करें. इससे शरीर में हवा को जाने से रोका जा सकता है. - ऐसी चीजों का सेवन बिल्कुल भी ना करें जिनसे पेट में गैस बनती है जैसे ब्रोकली और बीन्स आदि. - बहुत से लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से भी गैस बनने की समस्या का सामना करना पड़ता है, ऐसे में इन चीजों से दूर ही रहें.

पेट में गैस बन जाए तो कौन सा योग करना चाहिए?

एसिडिटी और पेट गैस के लिए योग.
वज्रासन.
पश्चिमोत्तानासन.
बालासन.
पवनमुक्तासन.
अर्धमत्स्येन्द्रासन.
कपाल भाती प्राणायाम.

गैस के लिए कौन सी एक्सरसाइज करें?

पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana / Wind Relieving Pose) पवनमुक्तासन, आसन पेट के पाचन तंत्र (Digestive Tract) से अनावश्यक गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।

पेट में गैस बनती है तो क्या नहीं खाना चाहिए?

जिन लोगों को अक्सर गैस बनती है, उन्हें कटहल (Gas Banane Wali Sabji) का सेवन बिल्कुन नहीं करना चाहिए। कटहल बादी प्रकृति का माना जाता है। कटहल शरीर में गैस बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। कमजोर पाचन तंत्र में कटहल (Jackfruit in Hindi) के सेवन से बचना चाहिए