राजस्थान के कौन से भाग में स्टेपी जलवायु पाई जाती है? - raajasthaan ke kaun se bhaag mein stepee jalavaayu paee jaatee hai?

उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और[1] सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाएं देशांतर रेखाएं तथा देशांतर रेखाओं के अक्षीय कोण अथवा पृथ्वी के मानचित्र में पश्चिम से पूर्व अथवा भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं उन्हें अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार २३°३ उत्तरी अक्षांश से ३०°१२ उत्तरी अक्षांश तक है तथा देशांतरीय विस्तार ६९°३० पूर्वी देशांतर से ७८°१७ पूर्वी देशांतर तक है। [2]

कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण अर्थात बांसवाड़ा जिले के मध्य (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है इसलिए हर साल २१ जून को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पर सूर्य सीधा चमकता [3] है। राज्य का सबसे गर्म जिला चुरु जबकि राज्य का सबसे गर्म स्थल जोधपुर जिले में स्थित फलोदी है। इसी प्रकार राज्य में गर्मियों में सबसे ठंडा स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है इसलिए माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है। पृथ्वी के धरातल से क्षोभ मंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान कम होता है तथा [4] प्रति १६५ मीटर की ऊंचाई पर तापमान १ डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। राजस्थान का गर्मियों में सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला जैसलमेर है जबकि राज्य में गर्मियों में सबसे ज्यादा धूल भरी आंधियां श्रीगंगानगर जिले में चलती है राज्य में विशेषकर पश्चिमी रेगिस्तान में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है। [5]

राजस्थान में गर्मियों में स्थानीय चक्रवात के कारण जो धूल भरे बवंडर बनते हैं उन्हें भभुल्या कहा जाता है गर्मियों में राज्य के दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिणी भागों में अरब सागर में चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ चक्रवाती वर्षा भी होती है राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में गर्मियों[6] में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है फलस्वरूप महासागरीय उच्च वायुदाब की मानसूनी पवने आकर्षित होती है तथा भारतीय उपमहाद्वीप के ऋतु चक्र को नियमित करने में योगदान देती है। राजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। [7]

राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है। राज्य का दक्षिण पश्चिम दक्षिण तथा दक्षिणी पूर्वी भाग [8] सामान्यतया आर्द्र कहलाता है। जबकि पूर्वी भाग सामान्यतया उप आर्द्र कहलाता है जबकि पश्चिमी भाग शुष्क प्रदेश में आता है इसके अलावा राजस्थान का उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भाग सामान्यतया अर्ध अर्ध शुष्क प्रदेश में आता है।

राज्य में ग्रीष्मकाल ऋतु का समय मध्य मार्च से जून [9]तक है। यहां सबसे अधिक गर्मी मई और जून महीने में पड़ती है इस अवधि में यहां का तापमान विशेषकर पश्चिम भाग का 45 डिग्री सेल्सियस से ५१ [10] डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस काल में तापमान में वृद्धि का कारण सूर्य का उत्तरायण होना अर्थात इस समय सूर्य लंबवत स्थिति में चमकता है। वायु दबाव कम एवं तापमान [11]अधिक होना इस ऋतु की प्रमुख विशेषताएं [12]राज्य का वार्षिक तापांतर 14 डिग्री सेल्सियस से १७ डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है दोपहर के समय ३६ डिग्री तापक्रम रहता है तथा तीसरे पहर (दोपहर) के बाद का तापक्रम ४९ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। [13]पुर्वी राजस्थान का गर्म होने का कारण सेण्डस्टोन पत्थर है

इस प्रकार राजस्थान में वर्षा ऋतु जून से अक्टूबर के प्रथम तक राज्य में दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है। राज्य की सर्वाधिक वर्षा के मौसम में होती है। दक्षिणी पश्चिमी मानसून हिंद महासागर से उत्पन्न हो कर दो शाखाओं में बंगाल की खाड़ी की शाखा एवं अरब सागर की शाखा के रूप में राज्य में प्रवेश करती है राज्य को इस शाखा से केवल ५७.७ सेंटीमीटर वर्षा प्राप्त होती है इसका कारण अरावली श्रृंखला का दक्षिण पश्चिम विशाखा के समानांतर होना है।

राजस्थान में इस मौसम की अवधि नवंबर से मध्य मार्च तक है दिसम्बर व जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है इस काल में सूर्य की स्थिति उत्तरायण [14] और दक्षिणायन होने लगती है जिसके फलस्वरूप तापमान गिरने लगता है तथा वायु दाब बढ़ने लगता है वर्षा ऋतु में ना के बराबर होती है।[15]

राजस्थान के जलवायु प्रदेश[संपादित करें]

१. शुष्क जलवायु प्रदेश

जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर का पश्चिमी भाग जोधपुर का उत्तरी भाग एवं श्रीगंगानगर जिले के दक्षिणी भाग आदि इस प्रदेश के अंतर्गत आते हैं इन सभी क्षेत्रों के मरुस्थलीय होने के कारण कम वर्षा तथा गर्मी अधिक पड़ती है। वर्षा की मात्रा १० से २० सेंटीमीटर होती है शीतकाल में यहां तापमान ११ डिग्री सेल्सियस तथा दैनिक तापमान ३४ डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

२. अर्ध शुष्क जलवायु प्रदेश

वर्षा की अनिश्चितता अनियमितता एवं तूफानी तथा वर्षा की मात्रा २० से ४० सेंटीमीटर ग्रीष्म ऋतु का तापमान ३२ सेंटीमीटर से ३६ सेंटीमीटर आदि प्रदेश की विशेषताएं इस क्षेत्र के अंतर्गत बीकानेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर का अधिकांश भाग सीकर, झुंझुनू, चूरू, नागौर, जालौर और पाली जिला का पश्चिमी भाग आते हैं यहां वनस्पति विकास एवं कंटीली झाड़ियां प्रमुख है।

३. उप आर्द्र जलवायु प्रदेश

इस प्रदेश के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र जयपुर, अजमेर, अलवर एवं सीकर, झुंझुनू, पाली, जालोर आदि जिलों का पूर्व विभाग भीलवाड़ा, टोंक और सिरोही का उत्तर पश्चिमी भाग जाते हैं। यहां वर्षा का वार्षिक औसत ४० से ६० सेंटीमीटर है ग्रीष्म ऋतु का तापमान २८ डिग्री सेंटीमीटर से ३४ डिग्री सेंटीमीटर तक तथा शीत ऋतु में 18 डिग्री सेंटीमीटर से दक्षिण क्षेत्र में एवं उत्तरी क्षेत्र में १२ सेंटीमीटर रहता है यहां की वनस्पति सघन, विरल प्रकार की है।

४. आर्द्र जलवायु प्रदेश

धौलपुर, सवाई माधोपुर भरतपुर, कोटा, बूंदी जिले, टोंक का दक्षिणी पूर्वी क्षेत्र चित्तौड़गढ़ का उत्तरी क्षेत्र इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आते हैं। यहां वर्षा की मात्रा ७० से ८० सेंटीमीटर होती है गर्मियों का औसत तापमान ३२ डिग्री सेंटीमीटर से ३४ डिग्री सेंटीमीटर एवं शीतकाल में १४ डिग्री सेंटीमीटर से १७ डिग्री सेंटीमीटर तक जाती है अति आर्द्र जलवायु प्रदेश जलवायु प्रदेश के अंतर्गत बांसवाड़ा, झालावाड़, कोटा का दक्षिणी पूर्वी भाग उदयपुर का दक्षिणी पश्चिमी भाग एवं आबू पर्वत का सीमांत क्षेत्र आदि आते है। इस क्षेत्र में वर्षा ८० से १५० सेंटीमीटर तक होती है। अतः यहां की वनस्पति सघन एवं सदाबहार है।

स्टेपी जलवायु क्या है?

स्तॅप, स्तॅपी या स्टेपी (अंग्रेज़ी: steppe, रूसी: степь) यूरेशिया के समशीतोष्ण (यानि टॅम्प्रेट) क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है। यह पूर्वी यूरोप में युक्रेन से लेकर मध्य एशिया तक फैले हुए हैं।

राजस्थान की जलवायु कितने भागों में बांटा गया?

राजस्थान को जलवायु की दृष्टि से पांच भागों में बांटा है। शुष्क जलवायु प्रदेश(0-20 सेमी.) अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश(20-40 सेमी.) उपआर्द्र जलवायु प्रदेश(40-60 सेमी.)

राजस्थान की जलवायु कौन सी है?

उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान रहता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है।

राजस्थान कौन से कटिबंध में स्थित है?

Notes: राजस्थान का सर्वाधिक क्षेत्र उपोष्ण कटिबंध में स्थित है| उपोष्ण कटिबन्ध से अभिप्राय उस क्षेत्र से है, जहाँ कुछ महीने ताप अधिक और कुछ महीने ताप कम रहता है। यह क्षेत्र 30º से 45º उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों के बीच में स्थित है।