रोम का इतिहास, यूनान के इतिहास से भिन्न है। यूनान में सभ्यता के अनेक केन्द्र थे, जैसे- स्पार्टा, एथेंस, मैसीडोनिया इत्यादि परंतु इटली में रोम जैसा दूसरा नगर नहीं था।रोम के इतिहास के अध्ययन के स्रोतदो भागों में विभक्त -1. साहित्यिक स्रोत 2. पुरातात्विक स्रोत साहित्यिक स्रोतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है समकालीन इतिहास जिसे वर्ष-वृतांत कहा जाता है, जो प्रतिवर्ष लिखे जाते थे। - समकालीन इतिहासकारों - लिवि और टैसियस के ग्रंथ अत्यंत उपयोगी है। - लिवि ने 'रोमन जनतंत्र का इतिहास' लिखा तथा टैसियस ने 'एनल्स और हिस्ट्रीज'। - टैसियस की विख्यातकृति जर्मेनिया है। प्लूटार्क ने रोम के छियालीस विख्यात नायकों का जीवन-वृतांत लिखा। राजतंत्र से जनतंत्र 'गणतंत्र'- समाज के दो प्रमुख वर्ग पेट्रिशियन और प्लेबियन थे। - पेट्रिशियन धनी, शक्ति और राजनीतिक अधिकार प्राप्त वर्ग था। - प्लेबियन निर्धन और राजनीतिक अधिकारों से वंचित वर्ग था। इन पर अनेक प्रकार के अत्याचार किए जाते थे। अतः वे राजतंत्र विरोधी बन गए। - पेट्रिशियन भी राजा की निरंकुशता से क्षुब्ध थे। अतः दोनों वर्गों ने 509 ई. पू. में राजसत्ता का अंत कर दिया। अब राजतंत्र के स्थान पर जनतंत्र की स्थापना रोम में की गई। रोम में प्रजातंत्र की स्थापना हुई? 1. 509 ईसा पूर्व में 2. 753 ईसा पूर्व में 3. 44 ई. पू. में 4. 1 ईसा पूर्व में उत्तर- 1 रोम साम्राज्य की प्रमुख भाषा थी? 1. स्पेनिश 2. अंग्रेजी 3. लैटिन 4. रूसी उत्तर- 3 - दोनों को एक समान अधिकार प्राप्त थे। इन्हें एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता था। - वे अपने हाथ में एक विचित्र प्रकार का डंडा लिए चलते थे, जो इनकी शक्ति और अधिकार का प्रतीक था। इस डंडे को फैसेज कहा जाता था। जिससे फासिस्ट शब्द की उत्पत्ति हुई। - राष्ट्रीय विपत्ति के समय 6 महीनों के लिए डिक्टेटर बहाल किया जाता था। वह सर्वशक्ति संपन्न होता था। - कॉन्सल के दुर्व्यवहारों से नागरिकों को बचाने तथा शासन की देखभाल के लिए दो विशेष अधिकारियों को नियुक्त किया गया जो ट्रिब्यून कहलाते थे। प्रतिवर्ष इनका निर्वाचन होता था। - रोमन जनतंत्र की एक महत्वपूर्ण संस्था सीनेट थी। यह कुलीन बुजुर्ग पुरूषों की संस्था थी। इसके सदस्य सिनेटर कहलाते थे और आजीवन अपने पद पर बने रहते थे। - पूरे रोमन साम्राज्य के शासनकाल में सीनेट का प्रभाव बना रहा। इसकी तुलना में असेंबली या आमसभा कम प्रभावशाली थी। सीनेट में पेट्रिशियनों का प्रभाव था। - रोम में जिस प्रकार की जनतांत्रिक व्यवस्था स्थापित की गई वह सही अर्थो में जनतांत्रिक न होकर कुलीनतंत्री थी। - सारे राजनीतिक अधिकार पेट्रिशियनों को ही प्राप्त थे, प्लेबियनों को इनसे वंचित रखा गया था। - पेट्रिशियन प्लेबियनों को सताते भी थे। - प्लेबियनों ने संगठित होकर राजनीतिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए पेट्रिशियनों से संघर्ष आरंभ कर दिया। यूनानी कानूनों का अध्ययन कर 449 ई.पू. (पांचवी शताब्दी ई.पू.) में कानून की बारह तख्तियां "Twelve Tablets of Law" प्रकाशित कर सभी नागरिकों को कानून की दृष्टि में समान दर्जा दिया गया।प्लेबियन्स एवं पेट्रीशियन्स में समानता स्थापित करने वाला अधिनियम कब बनाया गया? 1. 509 ई. पू. में 2. 450 ई. पू. में 3. 31 ई. पू. में 4. 367 ई. पू. में उत्तर- 2- प्लेबियनों पर से राजनीतिक और सामाजिक प्रतिबंध हटा दिये गये। रोम और कार्थेज युद्ध- अफ्रीका के उत्तरी तट पर स्थित कार्थेज फिनशिया का एक उपनिवेश था।- कार्थेजवासी व्यापारी थे, वे भूमध्यसागर पर रोम का अधिकार होने देना नही चाहते थे, क्योंकि इससे उनकी व्यापारिक गतिविधियों को क्षति पहुंचती। - दूसरी ओर व्यापारिक और सामरिक दृष्टिकोण से रोम भी कार्थेज पर अधिकार करना चाहता था, अतः आपसी स्वार्थों की टकराहट ने रोम और कार्थेज में संघर्ष अनिवार्य कर दिया। - दोनों शक्तियों में 264 से 146 ई.पू. के मध्य लंबा संघर्ष चला जिसे प्यूनिक युद्ध कहा जाता है। तीन प्यूनिक युद्ध हुए - पहला युद्ध 264-241 ई.पू. - दूसरा युद्ध 218-201 ई.पू. - तीसरा युद्ध 149-146 ई.पू. के मध्य हुआ तीनों युद्धों में रोम विजयी हुआ। - तृतीय युद्ध के बाद रोम ने कार्थेज नगर को पूरी तरह नष्ट कर दिया और वहां के निवासियों को गुलाम बना लिया। आंतरिक रूप से रोम में सैन्य प्रवृत्ति का विकास हुआ। 'प्यूनिक युद्ध' किन के मध्य लड़े गए- 1. रोम व फारस के मध्य 2. एथेन्स व स्पार्टा के मध्य 3. रोम व कार्थेज के मध्य 4. रोम व ट्राय के मध्य उत्तर- 3 निम्नलिखित प्यूनिक युद्धों में से सही सुमेलित नहीं है- 1. पहला युद्ध - 264-241 ई.पू. 2. दूसरा युद्ध - 218-201 ई.पू. 3. तीसरा युद्ध - 149-146 ई.पू. 4. तीसरा युद्ध - 100-86 ई.पू. उत्तर- 4 प्यूनिक युद्धों में वीरता दिखाने वाला हैनीबाल सेनापति था? 1. रोम का 2. फारस का 3. कार्थेज का 4. क्रीट का उत्तर- 3 जनतंत्र से सैनिक शासन- रोमन सेना अजेय बन गई।- मैसोडोनिया, कोरिंथ रोमन साम्राज्य में मिला लिए गए। - सेना ने क्रीट, साइलेसिया, सीरिया, साइप्रस, मिस्र और स्पेन पर भी अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। - प्रथम शताब्दी के आरंभ तक रोम एक विशाल साम्राज्य में परिणत हो गया। - उसका स्तिार पश्चिम में स्पेन से पूर्व में फुरात नदी तक और दक्षिण में सहारा रेगिस्तान से उत्तर- पश्चिम में ब्रिटेन तक हो गया। - आर्थिक और सामाजिक विषमता बढ़ गई। इसे दूर करने का प्रयास ग्रेकाई बंधुओं - ‘टाइबेरियस और कायस ग्राकस‘ ने किया। - सेनापति मेरियस और सुल्ला। - मेरियस सारी सत्ता अपने हाथों में केंद्रित कर सैनिक तानाशाह बन गया। - पुनः गृहयुद्ध 87-79 ई.पू. - 79 ई.पू. में पांपे के हाथों में सत्ता आई, उसने सीनेट की शक्ति को कम कर असेंबली ‘आमसभा‘ के अधिकारों को बढाने का प्रयास किया। रोम साम्राज्य का मुख्य भाषा क्या थी?रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था।
रोम के राजा का नाम क्या था?रोम का राजा कालिगुला ( Julius Caesar Augustus Germanicus) सबसे अजीब और काफी ऐशोआराम से जीने वाले राजा के तौर पर जाना जाता है. AD 12–AD 41 के बीच शासक रहे कालिगुला के पास एक घोड़ा था.
रोमन साम्राज्य का प्रमुख धर्म क्या है?रोमन धर्म प्राचीन रोम नगर और इटली देश का सबसे मुख्य और राजधर्म था। रोमन धर्म सामी धर्म बिलकुल नहीं था। वो एक भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) धर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था।
रोम साम्राज्य के पश्चिमी भाग में लोग कौन सी भाषा बोलते थे?यूरोप के एक नगर रोम में केन्द्रित रोमन साम्राज्य बहुत ही शक्तिशाली सभ्यता थी। यहाँ इस सभ्यता के लोग मुख्य रूप से लैटिन भाषा बोलते थे लेकिन बहुत से ऐसे राज्य भी थे जहाँ यूनानी भाषा का भी प्रयोग करते रहे थे।
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