Show गृहस्थी में पूजा कैसे करें ? बहुत ही सरल एवं सुन्दर विधि ?पूजा तो सब करते हैं परन्तु यदि इन नियमों को ध्यान में रखा जाये तो उसी पूजा पाठ का हम अत्यधिक फल प्राप्त कर सकते हैं, वे नियम कुछ इस प्रकार हैं ? 1 सूर्य, श्रीगणेश, दुर्गा, शिवजी एवं श्रीविष्णु ये पांच देव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में गृहस्थ आश्रम में नित्य होनी चाहिए। इससे धन, लक्ष्मी और सुख प्राप्त होता है। वैसे ये पात्र और भी अनेक हैं जिनके नाम संस्कृत भाषा में श्लोकबद्ध हैं जिन्हें कुछ भाई-बहिन शुद्ध उच्चारण नहीं कर पाते इसलिए मैनें हिन्दी के दोहों में मुख्य पात्र और पञ्च कन्याओं के नामों की रचना की है इनके नाम प्रातःकाल लेने से बहुत लाभ मिलेगा। Source : palpalindia 26 मई के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, जानें पूजा और महत्व बिना तीर्थयात्रियों की हो रही पूजा, चारधाम यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित भक्तों के लिए खुले केदारनाथ धाम के कपाट, प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर की गई पहली पूजा विभिन्न पूजा पाठ एवं उनका प्रतिफल पूजा की शुरुआत कैसे करें?कैसे करें पूजा :
नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद अपने ईष्ट देव या जिसका भी पूजन कर रहे हैं उन देव या भगवान की मूर्ति या चित्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें। 3. पूजन में देवताओं के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए।
रोज सुबह की पूजा कैसे करें?ये हैं दैनिक पूजा के जरूरी नियम
- दैनिक पूजा का समय निश्चित करें और रोजाना उसकी समय पर पूजा करें. - हमेशा स्नान करके, साफ कपड़े पहनकर, साफ जमीन पर आसन बिछाकर उस पर बैठें. कभी भी जमीन पर सीधे बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए. हो सके तो ऊनी आसन पर बैठें.
पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?पूजा में क्षमा मांगने के लिए बोला जाता है ये मंत्र
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
पूजा करने का सही तरीका क्या है?किसी भी भगवान के पूजन में उनका आवाहन करना, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत (चावल), कुमकुम, चंदन, पुष्प (फूल), प्रसाद आदि अनिवार्य रूप से होना चाहिए। देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से अवश्य धो लेना चाहिए।
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