पिछले लेख मे हम संघर्ष क्या है? संघर्ष की परिभाषा, विशेषताएं और संघर्ष के प्रकार जान चुके है, यहाँ इस पेज पर हम संघर्ष के कारण जानने। Show संघर्ष के कारण (sangharsh ke karan)1. व्यक्तिगत भिन्नताएं संघर्ष का हमारे जीवन मे महत्व एवं संघर्ष के परिणाम (sangharsh ka Mahtva) संघर्ष अन्तः समूह मे एकता पैदा करता है। एक समूह के सदस्य संघर्ष के समय आपसी मतभेद
भूलाकर एकता बनाए रखते है ताकि बाहरी समूह के आक्रमण का मुंहमागा जवाब दिया जा सके। उदाहरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को ले लीजिये युद्ध के समय देश के अंदर एकता की भावना बढ़ गई। युद्ध की स्थिति मे हमारे बीच के भेदवाद पर हमारा ध्यान न जाकर राष्ट्र की रक्षा करना प्रमुख लक्ष्य होता है तब सभी देशवासी एक होकर संगठित शक्ति का परिचय देते है। समाज में संघर्ष का क्या महत्व है?संघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है।
संघर्ष आप क्या समझते हैं?संघर्ष का अर्थ (sangharsh ka arth)
संघर्ष किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बल प्रयोग, हिंसा, प्रतिकार अथवा विरोधपूर्वक किया जाने वाला वह प्रयत्न है जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों अथवा समूहों के कार्य मे बाधा डालता है। संघर्ष मानवीय संबंधों मे विद्यमान रहने वाली एक अनिवार्य व स्वाभाविक सामाजिक प्रक्रिया हैं।
संघर्ष से आप क्या समझते हैं संघर्ष के प्रकारों का विस्तार से वर्णन कीजिये?परस्पर विरोधी लक्ष्यों को लेकर घृणा, द्वेष, क्रोध, शत्रुता आदि के कारण इस प्रकार का संघर्ष हो सकता है। वैयक्तिक संघर्ष आंतरिक व बाह्य दोनों प्रकार के हो सकते हैं। जब व्यक्ति का संघर्ष स्वयं से होता है तो वह आंतरिक संघर्ष का रूप है व जब व्यक्ति का संघर्ष किसी अन्य व्यक्ति या समूह से होता है तो वह बाह्य संघर्ष का रूप है।
सामाजिक संघर्ष से आप क्या समझते हैं?सामाजिक संघर्ष तब होता है जब दो या दो से अधिक अभिनेता सामाजिक संपर्क में एक-दूसरे का विरोध करते हैं, प्रत्येक असंगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयास में पारस्परिकता के साथ सामाजिक शक्ति का प्रयोग करते हैं, जबकि दूसरे को अपने स्वयं के प्राप्त करने से रोकते हैं।
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