इस लेख में संयुक्त परिवार के 10 फायदे और नुकसान को हिंदी में (Advantages and disadvantages of joint family in Hindi) सरल शब्दों में लिखा गया है। जिसमें संयुक्त परिवार क्या है? तथा उसके लाभ और हानि को विस्तारप से बताया गया है। Show
संयुक्त परिवार क्या होता है? What is Joint Family in HindiContents
हमारे समाज में परिवार हमेशा से ही एकता और अखंडता की महत्वपूर्ण इकाई रही हैं। एक सभ्य परिवार से ही सभ्य समाज का निर्माण होता है। आज के समय में परिवार को दो भागों में बांट दिया गया है। जिसमें संयुक्त परिवार तथा एकल परिवार का समावेश होता है। संयुक्त परिवार को किसी भी समाज का सबसे बड़ा इकाई माना जाता है। संयुक्त परिवार का तात्पर्य ऐसे परिवारों से है, जिनमें सदियों से एक पूरी पीढ़ी जिसमें माता-पिता, नवविवाहित जोड़े, उनके बच्चे आदि सभी सदस्य एक साथ मिलकर एक ही घर में रहते हो। ज्यादातर संयुक्त परिवारों में घर के बड़े बुजुर्गों को घर का मुखिया माना जाता है। दरअसल संयुक्त परिवार की परिभाषा बहुत पुरानी है। पहले के समय में केवल संयुक्त परिवार का ही उल्लेख मिलता है। आधुनिकता से प्रभावित होकर आज के समय कई संयुक्त परिवार, एकल परिवार में टूट चुके हैं। संयुक्त परिवार की संरचना के बिखरने के अनेकों कारण हैं। जिस प्रकार प्रत्येक कार्य के पीछे एक नकारात्मक तथा दूसरा सकारात्मक पहलू होता है, उसी प्रकार संयुक्त परिवार के भी कुछ लाभ हैं, तो कई हानियां भी हैं। संयुक्त परिवार के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Joint family in Hindiसंयुक्त परिवार की संरचना से होने वाले लाभ तथा नुकसान को निम्नलिखित रुप से समझाया गया है- संयुक्त परिवार के 10 फायदे Advantages of Joint Family in Hindiसंयुक्त परिवार की संरचना के निम्नलिखित फायदे है- 1. बच्चों में अच्छे संस्कारसंयुक्त परिवार में कई सदस्य होते हैं। ऐसे परिवारों में बच्चों पर खास ध्यान दिया जाता है। आम बात है, कि जिस परिवार में बड़े बुजुर्ग रहेंगे वह हमेशा बच्चों को अच्छे संस्कारों से अवगत कराते रहेंगे। ऐसे परिवारों में बच्चों को अपने से बड़ों का आदर करना, उनकी आज्ञा का पालन करना आदि जैसे गुणों को सिखाया जाता है। जिससे उनमें आगे चलकर अच्छे विचार और उच्च संस्कारों का आगमन होता है। 2. परिवार में अनुशासन तथा नियंत्रणएकल परिवार के मुकाबले संयुक्त परिवार में काफी अधिक अनुशासन देखा जाता है। संयुक्त परिवार के सदस्यों की जीवन शैली में भी अनुशासन और नियंत्रण को साफ देखा जा सकता है। परिवार के सभी सदस्यों की दिनचर्या निश्चित होती है। प्रत्येक काम को उसी समय पर कर लिया जाता है जिस समय उसे करना चाहिए। 3. आपसी समायोजनपरिवार के सभी सदस्यों में आपसी प्रेम व्यवहार के साथ एक अच्छा समायोजन भी होता है। यह आम बात है कि बिना समायोजन के किसी भी परिवार को नहीं चलाया जा सकता है। संयुक्त परिवारों में आपसी समायोजन होने के कारण आपसी टकराव अथवा मतभेद का निराकरण बहुत जल्दी हो जाता है। 4. बुजुर्गों का मार्गदर्शनजिस परिवार में मार्गदर्शन देने के लिए अनुभवी सदस्य अथवा बड़े बुजुर्ग होते हैं, ऐसे परिवारों में दूसरे सदस्यों को किसी भी मुद्दे अथवा समस्या का निराकरण करने में मार्गदर्शन प्राप्त होता है। कई बार लोगों के सामने ऐसी विकट परिस्थिति खड़ी हो जाती है, जिसका निराकरण करने में उन्हें काफी दिक्कत होती है। ऐसे हालात में बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन बहुत सहायक होता है। 5. आर्थिक तथा भावनात्मक सहयोगआज के महंगाई भरे दौर में अपना परिवार ही जीवन में रीढ़ की हड्डी का कार्य करता है। किसी भी कठिन परिस्थिति में परिवार के सदस्य ही सबसे पहले मदद के लिए आगे आते हैं। जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माध्यम पैसा होता है। एक संयुक्त परिवार की यह सबसे अच्छी विशेषता होती है, कि जरूरत पड़ने पर परिवार के सदस्य न केवल आर्थिक अपितु भावनात्मक सहयोग भी देते हैं। 6. सदस्यों में श्रम विभाजनसंयुक्त परिवारों में किसी भी एक सदस्य पर सारा भार नहीं डाला जाता है। परिवार में जितने सदस्य होंगे उनके लिंग, योग्यता और उम्र के अनुसार विभिन्न कार्यों को बांट दिया जाता है। आमतौर पर घर के पुरुषों को कमाने और बाहर जाकर काम करने का कार्य सौंपा जाता है। वहीं दूसरी तरफ घर की महिलाओं को घरेलू काम और बच्चों के देखभाल का जिम्मा दिया जाता है। 7. सांस्कृतिक कार्यक्रमसंयुक्त परिवार हमेशा से ही अपने पुराने और उच्च संस्कारों को महत्व देता है। इन परिवारों में कई प्रकार के सांस्कृतिक महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। घर में पूजा-पाठ, कथा और अन्य कई सारे धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इससे न केवल आने वाली अगली पीढ़ी भी अपनी संस्कृति को समझ पाती है, अपितु समाज में भी एक सकारात्मक संदेश पहुंचता है। 8. त्योहारों का आनंदसंयुक्त परिवारों में कई सारे सदस्य होते हैं, जिसके कारण घर में एक चहल पहल और खुशी का माहौल छाया रहता है। यदि त्योहारों और उत्सवों की बात करें तो ऐसे मौके पर परिवार के सभी लोग बड़े धूमधाम से विभिन्न त्योहारों का आनंद लेते हैं। जब सभी सदस्य एकजुट होकर त्योहारों का आनंद लेते हैं, तो त्योहारों में भी एक जान सी आ जाती है। 9. विकट परिस्थितियों में एकजुटतासंयुक्त परिवार की संरचना सदैव अखंडता तथा एकता का संदेश देती आई है। जब भी परिवार में कोई बुरी परिस्थिति आती है, तो परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर उसका हल ढूंढ लेते हैं। सदस्यों की एकजुटता ही संयुक्त परिवार की पहचान है। यहां सभी सदस्य एक दूसरे के सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। 10. सामाजिक सुरक्षासंयुक्त परिवार में प्रत्येक सदस्य को हर हालात में सुरक्षा और सहयोग प्राप्त होता है। यदि सामाजिक सुरक्षा की बात की जाए, तो परिवार में सभी लोग एक दूसरे को संकट की घड़ी में सहायता देते हैं। खासकर बुजुर्गों और विधवा महिलाओं के लिए संयुक्त परिवार बहुत मायने रखता है। परिवार के बड़े रूप को देख कर कोई भी बाहर का व्यक्ति परिवार के किसी भी सदस्य को हानि नहीं पहुंचा पाता है। परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई भी परेशानी आने पर सभी लोग मिलकर प्रतिकार करते हैं। संयुक्त परिवार के 10 नुकसान Disadvantages of Joint Family in Hindiसंयुक्त परिवार की संरचना के निम्नलिखित दोष है- 1. बाल विवाह को प्रोत्साहनसंयुक्त परिवार की संरचना में सबसे मुख्य बड़े बुजुर्ग सदस्यों को माना जाता है। पहले के समय में लोगों की ऐसी मानसिकता रहती थी, कि बच्चों का विवाह जल्दी (बाल विवाह) कर देना चाहिए। घर में बड़े बुजुर्गों की मानसिकता का असर अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है। इसके कारण आने वाली पीढ़ी भी अपनी पिछड़ी और अपरिपक्व सोच के कारण बाल विवाह को बढ़ावा देता है। 2. रूढ़िवादी विचारधारापहले के समय में कई लोगों ने अपने-अपने विचार धाराओं के आधार पर कई प्रथाएं और रीति-रिवाजों का निर्माण किया था। आज समय बदल चुका है तथा ऐसी प्रथाएं जो समाज में एक बुरा संदेश देती हों उन्हें बहुत हद तक खत्म किया जा चुका है। किंतु संयुक्त परिवार हमेशा से ही अपनी सांस्कृतिक प्रथाओं और रीति-रिवाजों को सर्वोपरि रखता आया है, भले ही वह नकारात्मक ही क्यों न हो। सही मायने में संयुक्त परिवार के सदस्यों की विचारधारा बेहद रूढ़िवादी किस्म की होती है। 3. पारिवारिक कलहजब एक ही परिवार में कई सदस्य रहते हो तो यह आवश्यक नहीं है, कि सभी की विचारधाराएं एक जैसी हो। अक्सर सदस्यों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर व्यर्थ ही संघर्ष शुरू हो जाते हैं। संयुक्त परिवारों में आपसी मनमुटाव अथवा मतभेद काफी देखा जाता है। विशेषकर घर की महिलाओं में आपसी ईशा द्वेष की भावना उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण घर में अशांति का माहौल छा जाता है। 4. औपचारिक रिश्तेकहने को तो संयुक्त परिवार एक बड़ा परिवार होता है, जिसमें कई सदस्य आपस में हंसी खुशी रहते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है, कि सदस्यों के बीच रिश्ते भी भावनात्मक रूप से जुड़े हो। खासकर आज के समय में संयुक्त परिवार के सदस्य एक ही घर में रहकर भी एक दूसरे के प्रति समर्पित नहीं हो पाते हैं। किसी कारणवश ना चाहते हुए भी सदस्यों को आपस में मिल जुल कर रहना पड़ता है। 5. पुरुष सत्तात्मक विचारधारायह कहना गलत नहीं होगा की कई संयुक्त परिवार रूढ़िवादिता का केंद्र है। जहां आज भी स्त्रियों को पुरूषों के मुकाबले तुच्छ समझा जाता है। ऐसे परिवारों में जितना हर्षोल्लास एक लड़के के जन्म होने पर मनाया जाता है, उतना कन्या के जन्म लेने पर नहीं मनाया जाता है। घर की महिलाओं पर पुरुषों द्वारा कई प्रतिबंध लगाए जाते हैं। 6. संपत्ति के लिए मतभेदसंपत्ति एक ऐसा कारण माना जा सकता है, जिसके लिए संयुक्त परिवार के नींव पर प्रहार होता है। जब तक घर में बुजुर्ग सदस्य होते हैं, तब तक सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर कोई विवाद नहीं होता है। लेकिन जैसे ही बुजुर्ग सदस्य की अनुपस्थिति हो जाती है, तो परिवार में दरार पड़ने लगती है। परिवार के सदस्य आपस में ही संपत्ति वितरण के लिए लड़ने झगड़ने लगते हैं। 7. सभी पर मुखिया का नियंत्रणऐसा कहा जा सकता है, कि संयुक्त परिवारों में घर के बड़े बुजुर्गों का ही राज चलता है। उनके द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय को सभी सदस्य को स्वीकार करना ही पड़ता है। ऐसे हालात में परिवार के दूसरे सदस्यों की इच्छाओं को पूरी तरह से दबा दिया जाता है। किसी भी मुद्दे पर घर के मुखिया द्वारा लिया गया निर्णय ही अंतिम निर्णय मान लिया जाता है। 8. स्त्रियों की दुर्गतिसंयुक्त पारिवारिक संरचना का सबसे नकारात्मक पहलू यह भी है, कि इसमें स्त्रियों को पुरूषों के मुकाबले कम छूट अथवा आजादी दी जाती है। यहां महिलाओं का कार्य केवल घर के चारदीवारी में बंद होकर घरेलू काम करना होता है। आज के समय में भी स्त्रियों को पर्दे के पीछे रहना पड़ता है। संयुक्त परिवार में महिलाओं को घर से बाहर निकल कर समाज में कमाने की इजाजत नहीं होती है। 9. गोपनीयता की कमीआज के समय में यदि किसी को कोई बात कह दी जाए, तो उसे दूसरों तक फैलने में अधिक वक्त नहीं लगता। संयुक्त परिवार में भी ऐसा ही होता है, जहां किसी भी बात की गोपनीयता को बनाना एक कठिन काम होता है। 10. परिवारिक बोझसंयुक्त परिवारों में घर के गिने-चुने सदस्य ही धन कमाकर पूरे परिवार का पालन पोषण करते हैं। घर के दूसरे सभी सदस्य अपनी जरूरतों के लिए उन पर निर्भर रहते हैं, जो संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा दोष है। बढ़ती महंगाई तथा अन्य सामाजिक बदलाव के कारण इतने बड़े परिवार का खर्चा चला पाना बहुत मुश्किल कार्य होता है। परिवारिक बोझ के कारण धनोपार्जन करने वाले सदस्यों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। निष्कर्ष Conclusionआपने इस लेख में संयुक्त परिवार के 10 फायदे और नुकसान हिंदी में (Advantages and disadvantages of joint family in Hindi) पढ़ा। उम्मीद है कि यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें। समूह में रहने के नुकसान क्या है?समूह में रहने का नुकसान यह है कि झुंड के सदस्यों के बीच अक्सर आपसी संघर्ष और झगड़ा आदि होने की संभावना बनी रहती है। समूह में रहने से बेकार के क्रियाकलापों में समय अधिक नष्ट होता है। समूह रहने से आत्मविश्वास में कमी आती है और किसी संकट आदि का सामना अकेले करने के लिये आत्मविश्वास विकसित नहीं हो पाता।
समूह में कौन कौन से फायदे होते हैं?Swayam Sahayta Samuh Ke Fayde. गरीबों के बीच बचत आदत विकास करने का माध्यम. वृहत पैमाने पर संसाधन की उपलब्धता|. एक स्थान से बेहतर तकनीकी एवं बौद्धिक ज्ञान वर्द्धन की सुविधा |. अपने क्षेत्र में ही आपातकालीन, उपयोग एवं उत्पादन कार्य हेतु कर्ज की उपलब्धता|. विभिन्न प्रकार का प्रोत्साहन सहायता का उपलब्ध होना|. समूह क्यों बनाते हैं?समूह में अच्छा वातावरण सहभागिता की प्रक्रिया को बढ़ाने में सहयोग करते ही समूह में अच्छे वातावरण के निर्माण में समूह के नेता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। सहभागिता सामुदायिक जीवन को बढ़ावा देती है। रूढ़िवादी से प्रगतिशीलता की ओर जाने की दिशा में। सहभागिता द्वारा ही सतत विकास संभव है।
हाथी के झुंड में रहने से क्या फायदा होता है?झुंड में रहने वाले जानवर मिल-जुलकर सभी काम करते हैं, जैसे खाने की तलाश में घूमना, खेलना और नहाना । अगर तुम नन्दू होते और झुंड में रहते तो क्या - क्या करते? हाथियों के झुंड में सभी फ़ैसले सबसे बुजुर्ग हथिनी लेती है।
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