सूर्य की नीच राशि कौन सी है? - soory kee neech raashi kaun see hai?

ज्योतिष में आत्मा का कारक माने जाने वाले सूर्य 17 अक्टूबर को  दोपहर 1:00 बजे अपनी नीच तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि परिवर्तन को तुला संक्रांति भी कहा जाता है। सूर्य जब एक राशि से

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

ज्योतिष में आत्मा का कारक माने जाने वाले सूर्य 17 अक्टूबर को  दोपहर 1:00 बजे अपनी नीच तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि परिवर्तन को तुला संक्रांति भी कहा जाता है। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहा जाता है। तुला राशि में सूर्य का गोचर 16 नवंबर 2021 तक रहेगा। इसके बाद सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

ज्योतिष शास्त्र व हमारी संस्कृति में सूर्य के राशि परिवर्तन  को एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। सूर्य के राशि  परिवर्तन से सभी राशियां भी प्रभावित होती हैं और देश काल पर भी इसका असर पड़ता है।

वैसे भी ज्योतिष में व शास्त्रों में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह होने के साथ ही हमारे मान-सम्मान व अपमान का भी कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है,  उसे समाज में मान-सम्मान और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सूर्य  ऐसा ग्रह है जो कभी वक्री गति नहीं करता।  सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है जो हमें प्रतिदिन दर्शन देते हैं। शास्त्रों में इनकी उपासना से मिलने वाले शुभ फलों की लंबी सूची है।

और ये भी पढ़े

  • सूर्य की नीच राशि कौन सी है? - soory kee neech raashi kaun see hai?

    Old age homes: वृद्धाश्रम क्यों स्थापित करने चाहिएं ?

  • सूर्य की नीच राशि कौन सी है? - soory kee neech raashi kaun see hai?

    Mahatma Gandhi story: विचार करें, महात्मा गांधी क्या वाकई जगत के बापू थे

  • सूर्य की नीच राशि कौन सी है? - soory kee neech raashi kaun see hai?

    Tungnath Temple: भोलेनाथ के पंच केदारों में से एक है तुंगनाथ, बर्फबारी के साथ लें अध्यात्म का आनंद

धार्मिक मान्यताओं की मानें तो यह ताकत, अधिकार, यश, नौकरी आदि के देवता है। इनकी पूजा विधि-विधान से करने से उपरोक्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

तुला राशि में सूर्य का राशि परिवर्तन 4 राशियों के लिए शुभ रहेगा जबकि 4 राशियों को विशेष तौर पर सावधान रहना होगा। जबकि 4 राशियों के लिए सूर्य का गोचर सामान्य रहने वाला है।

मेष राशि वालों को सूर्य के  इस गोचर काल में अहंकार और क्रोध से बचना होगा। लेकिन जॉब और बिजनेस में सूर्य का राशि परिवर्तन लाभ प्रदान कर सकता है। प्रमोशन की स्थिति भी बन सकती है।

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर मिलाजुला फल लेकर आ रहा है। इस दौरान भूमि, भवन आदि में निवेश में करने से पहले अच्छे ढंग से विचार कर लें। भ्रम की स्थिति से बचना होगा। नहीं तो धन की हानि भी हो सकती है। प्रतिद्वंदियों से सावधान रहें, कार्यों में बाधा पहुंचा सकते हैं।

मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा। घर परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर प्राप्त होगा। इस दौरान आप दूसरों को भी प्रभावित करने में सफल रहेंगे। जॉब और व्यापार में तरक्की की स्थिति बन रही है। प्रेम संबंधों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

कर्क राशि वालों के लिए  सूर्य का गोचर आपके वाणी भाव को प्रभावित कर सकता है। इस लिए वाणी दोष से बचने का प्रयास करें और वाद-विवाद से दूर रहें। धन के मामले में कुछ अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। नए कार्यों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। धन के मामले में सावधानी बरतनी होगी।

सिंह  राशि वालों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। आय में वृद्धि होगी। इस दौरान आपको निवेश का भी फायदा मिल सकता है। कारोबार में तरक्की के योग बनेंगे।

कन्या राशि वालों का इस दौरान भाग्य साथ देगा। किसी काम को पूरी लगन से करने पर उसमें सफलता प्राप्त होगी। करियर में भी शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।

तुला राशि वालों के लिए  सूर्य का यह गोचर अच्छे दिन लेकर आएगा।  कोई भी नया काम शुरू करना शुभ रहेगा। संपत्ति में लाभ के योग बनेंगे। वाहन की सुख की प्राप्ति हो सकती है।

वृश्चिक राशि वालों को अपने स्वास्थ्य पक्ष का भी ख्याल रखना होगा। लंबी दूरी की यात्राओं से बचना होगा। जीवनसाथी या लव पार्टनर के साथ थोड़ा विचारों में मतभेद हो सकते हैं।

धनु राशि वालों को जोश के साथ साथ होश से भी काम लेना होगा और उतावलापन से बचना होगा । किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया से पहले थोड़ा सोच समझ लेना होगा।
कार्यस्थल पर अपने सहयोगियों की नाराजगी से बचना होगा और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा अन्यथा मानसिक तनाव हो सकता है।

मकर राशि वालों का जीवन साथी के साथ वाद-विवाद हो सकता है। संयम से काम लेना होगा और कार्यस्थल पर भी  अपनी वाणी पर भी नियंत्रण रखना होगा।

कुंभ राशि वालों की आय में बढ़ोतरी होने के योग बन सकते हैं। प्रमोशन का योग भी बनेगा। विवाह योग्य संतान के लिए अच्छे रिश्ते आएंगे और आपके अधिकार क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। लेकिन स्वास्थ्य पक्ष का खासतौर पर ध्यान रखना होगा। किसी को उधार देने से बचना होगा।

मीन राशि के लिए समय सामान्य रहेगा। यानि ना तो फायदा होगा और ना ही नुकसान। यथास्थिति बनी रहेगी।

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail।com

 

गुरमीत बेदी 
 

सूर्य कौन सी राशि में नीच का होता है?

सूर्य मंगल की राशि मेष में उच्च होते हैं और शुक्र की राशि तुला में कमजोर स्थिति में हो जाते हैं अर्थात वह नीच अवस्था में होते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह लगभग एक महीने तक एक राशि में रहते हैं और इसके बाद वह फिर राशि परिवर्तन करते हैं।

सूर्य की मित्र राशि कौन सी है?

उदाहरण के लिए: मेष राशि के साथ सूर्य ग्रह अच्छा मित्र है।

सूर्य की उच्च राशि क्या है?

मेष, सूर्य देव की उच्च राशि मानी गई है. जब कोई भी ग्रह अपनी उच्च राशि में प्रवेश करता है तो वह सबसे अधिक शक्तिशाली हो जाता है.

कुंडली में सूर्य नीच का हो तो क्या होता है?

यदि नीच भंग नही हो रहा है तो कुंडली में सूर्य जिस भाव के स्वामी हैं के फल मे कमी रहेगी, साथ आत्म विश्वास मे कमी, पिता से सहयोग मे न्यूनता , क्षमता के अनुसार श्रेय प्राप्ति में कमी रहेगी , मान ,सम्मान, यश ,कीर्ति ,सरकारी लाभ प्राप्ति मे कमी रहेगी।