प्रिय पाठक, स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में- इस आर्टिकल में हम Shringar ras ki paribhasha और शृंगार रस का उदाहरण देखेंगे। इससे पहले हम रस किसे कहते हैं? छंद किसे कहते हैं? और मात्रिक छंद के बारे में पढ़ चुके हैं। किसी अन्य टॉपिक पर पढ़ने के लिए निचे कमेंट करें । तो चलिए दोस्तों पढ़ते हैं “Shringar ras ki paribhasha” और शृंगार रस के उदाहरण (Shringar Ras ke Udaharan) – Show
इस आर्टिकल के हेडलाइन पढ़ें - show 1. श्रृंगार रस की परिभाषा (Shringar Ras ki Paribhasha) 2. श्रृंगार रस का उदाहरण (Shringar Ras ke Udaharan) 2.1. अन्य उदाहरण (Shringar Ras ke Udaharan) 3. श्रृंगार रस के प्रकार (Shringar Ras ke Prakar) 3.1. 1. संयोग शृंगार रस (Sanyog Shringar Ras) 3.2. 2. वियोग शृंगार रस (Viyog Shringar Ras) 3.3. Conclusion: 3.4. Disclaimer श्रृंगार रस की परिभाषा (Shringar Ras ki Paribhasha)परिभाषा- जब पति-पत्नी / प्रेमी-प्रेमिका / नायक-नायिका के मन में स्थाई भाव रति जागृत होकर आस्वादन के योग्य हो जाता है, तो इसे शृंगार रस कहा जाता है। शृंगार रस में प्रेम का वर्णन होता है। जब विभाव, अनुभाव और व्यभिचारी के संयोग से रति नामक स्थायी भाव रस रूप में परिणत हो, तो उसे शृंगार रस कहते हैं। शृंगार रस को रसराज अर्थात रसों का राजा भी कहा जाता है। श्रृंगार रस का उदाहरण (Shringar Ras ke Udaharan)श्रृंगार रस के उदाहरण निम्नलिखित हैं- उदाहरण-1 कर मुंदरी की आरसी, प्रतिबिम्बित प्यौ पाइ। स्पष्टीकरण– स्थायी भाव–रति उदाहरण-2 हौं ही बोरी बिरह बरा, कैे बोरों सब गाउँ। स्पष्टीकरण- अन्य उदाहरण (Shringar Ras ke Udaharan)उदाहरण 3 – सतापों को विपुल बढ़ता देख के दुःखिता हा। उदाहरण 4- लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये। उदाहरण 5 – मन की मन ही माँझ रही उदाहरण 6- “कहत, नटत, रीझत, खीझत, मिलत, खिलत, लजियात। उदाहरण 7- “दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुन्दर मन्दिर माहीं। उदाहरण 8- रे मन आज परीक्षा तेरी ! उदाहरण 9- लता ओर तब सखिन्ह लखाए। उदाहरण 10- एक पल ,मेरे प्रिया के दृग पलक श्रृंगार रस के प्रकार (Shringar Ras ke Prakar)श्रृंगार रस दो प्रकार के होते हैं-
1. संयोग शृंगार रस (Sanyog Shringar Ras)जब संयोग काल में नायक और नायिका की पारस्परिक मिलन अथवा आलिंगन की अनुभूति होती है, वहाँ संयोग शृंगार रस होता है। इस रस में दांपत्य को सुख की प्राप्ति होती है। उदाहरण- बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय। 2. वियोग शृंगार रस (Viyog Shringar Ras)इस रस में नायक और नायिका के बीच प्रेम का वर्णन तो होता है किंतु मिलन का अभाव होता है। इस रस में दांपत्य को वियोग में विरह होता है। उदाहरण- निसिदिन बरसत नयन हमारे सदा रहति पावस ऋतु हम पै जब ते स्याम सिधारे॥ (सूरदास) Conclusion:इस आर्टिकल में आपने श्रृंगार रस – Shringar Ras ki Paribhasha, Shringar Ras ke Udaharan और Shringar Ras ke Prakar के बारे में पढ़ा। हमें उम्मीद है कि, आपको यह जानकारी आवश्य समझ आई होगी, इस लेख के बारे में अपने विचार आवश्य कमेंट करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए the eNotes के WhatsApp ब्रॉडकास्ट को सब्सक्राइब कीजिये। श्रृंगार रस के उदाहरण क्या है?श्रृंगार रस के उदाहरण : Example Of Shringar Ras In Hindi
दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुन्दर मन्दिर माहीं। गावति गीत सबै मिलि सुन्दरि बेद जुवा जुरि बिप्र पढ़ाहीं॥ राम को रूप निहारति जानकि कंकन के नग की परछाहीं। यातें सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही, पल टारत नाहीं॥
श्रृंगार रस के कितने भेद हैं उदाहरण सहित लिखिए?यह रस दो प्रकार का होता है- संयोग और वियोग। सरल शब्दों में कहें तो संयोग श्रृंगार में नायक-नायिका के परस्पर मिलन कि अनुभूति होती है जबकि वियोग में नायक- नायिका एक दूसरे से प्रेम करते हैं लेकिन उनके मिलन का अभाव होता है। संक्षेप में कहें तो संयोग में मिलन की अनुभूति होती है तो वियोग में विरह की।
रस के उदाहरण क्या है?श्रृंगार रस, हास्य रस, रौद्र रस, करुण रस, वीर रस, अद्भुत रस, वीभत्स रस, भयानक रस, शांत रस, वात्सल्य रस, भक्ति रस। यदि आपको संक्षेप में रस के सभी भेद देखने हैं तो पेज को नीचे स्क्रोल करें।
वियोग श्रृंगार रस का उदाहरण कौन सा नह ं है?वियोग श्रृंगार रस का उदाहरण-
उधो, मन न भए दस बीस। एक हुतो सो गयौ स्याम संग, को अवराधै ईस॥ इन्द्री सिथिल भईं सबहीं माधौ बिनु जथा देह बिनु सीस। तुम तौ सखा स्यामसुन्दर के, सकल जोग के ईस।
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