यदि पेड़ काटने पर कोई कानून न हो तो क्या होगा? - yadi ped kaatane par koee kaanoon na ho to kya hoga?

राजेश चौधरी
कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि लोग सड़कों के किनारे लगे पेड़ जाने अनजाने में काट देते हैं या फिर अपने घर के कैंपस आदि से लगने वाले पेड़ मजबूरी में काटते हैं ताकि पेड़ से परेशानी न हो। लेकिन यह जानना जरूरी है कि राजधानी दिल्ली में पेड़ काटना अपराध की श्रेणी में रखा गया। आइए जानें कानून इस मामले में क्या कहता है:

काटने से पहले सोचें
- अगर पेड़ काटना जरूरी है तो भी इसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका पालन करना अनिवार्य है।

- नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है।

- कानूनी जानकार बताते हैं कि राजधानी दिल्ली में पेड़ को बचाने के लिए 1994 में एक कानून बनाया गया था जिसे दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्ट 1994 का नाम दिया गया।

- दिल्ली हाई कोर्ट के सरकारी वकील नवीन शर्मा के मुताबिक उक्त एक्ट के तहत एक कंपिटेंट अथॉरिटी का गठन किया गया है।

- इसके लिए एक अधिकारी होता है जिसे ट्री ऑफिसर कहा जाता है। फॉरेस्ट ऑफिसर ही यह ट्री ऑफिसर का काम देखता है।

कानूनी पहलू
- दो स्थिति में पेड़ काटा जाता है: एक तो विशेष परिस्थिति दूसरे, साधारण परिस्थिति।

- अगर आंधी तूफान या किसी अन्य प्राकृतिक कारणों से पेड़ की डाली टूट गई हो या फिर आधा पेड़ सड़क पर आ गया हो तो ऐसे पेड़ काटे जा सकते हैं लेकिन इसके लिए कानूनी प्रावधान यह है कि अगर समय है तो इस बारे में संबंधित अधिकारी यानी ट्री ऑफिसर को सूचित किया जाना चाहिए या इसके लिए भी समय नहीं है तो पेड़ काटने के बाद इसके बारे में तुरंत ट्री ऑफिसर को सूचित किया जाए।

- सामान्य तौर पर भी पेड़ काटने के पहले ट्री ऑफिसर को यह बताना होगा कि पेड़ काटना क्यों जरूरी है। कारण अगर जायज होगा तो ट्री ऑफिसर पेड़ काटने की इजाजत दे सकता है।

- लेकिन किसी भी परिस्थिति में काटे गए पेड़ के बदले ट्री ऑफिसर पेड़ काटने वालों को यह आदेश दे सकता है कि एक पेड़ के बदले उन्हें इतने पेड़ लगाने होंगे।

- ट्री ऑफिसर के विवेक पर निर्भर करता है कि वह कितने पेड़ और कहां पेड़ लगाने के लिए कहे। दिल्ली में ट्री ऑफिसर प्रत्येक पेड़ का हिसाब रखता है और पेड़ सुरक्षित कैसे रहे इसके लिए काम करता है।

- अगर बिना इजाजत और तय नियम का उल्लंघन करते हुए कोई पेड़ काटता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

- कानूनी जानकार अजय दिग्पाल बताते हैं इस मामले में गिरफ्तारी भी हो सकती है। अगर किसी ने बिना इजाजत पेड़ काट दिए हों और इसकी शिकायत ट्री ऑफिसर को किए जाने पर ट्री ऑफिसर चाहे तो खुद या पुलिस की मदद से उस शख्स को गिरफ्तार करवा सकता है।

- चूंकि यह मामला जमानती है ऐसे में इस मामले में जमानत मिल जाती है।

- ट्री ऑफिसर की शिकायत पर ही इस एक्ट के तहत केस चलता है और दोषी पाए जाने पर एक साल तक कैद और एक हजार रुपये तक जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।

- इस मामले में ट्रायल मैजिस्ट्रेट की अदालत में चलता है।

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अगर हम पेड़ काटते रहेंगे तो क्या होगा?

क) यदि हम पेड़ काटते रहें तो वर्षा और मिट्टी की उर्वरता कम हो जाएगी । प्राकृतिक आपदाओं में परिवर्तन बढ़ेगा। इससे मिट्टी की जल धारण क्षमता में भी कमी आएगी जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आएगी।

अगर हम पेड़ों की कटाई बंद नहीं करेंगे तो क्या होगा?

पेड़ न होने से, भूमि गर्म हो जाएगी और सूख जाएगी और मृत लकड़ी अनिवार्य रूप से भारी जंगल की आग का कारण बनेगी । यह आकाश को कालिख से भर देगा जो सूर्य को अवरुद्ध कर देता है, जिससे कई वर्षों तक फसल खराब हो जाती है और दुनिया भर में अकाल पड़ जाता है।

क्या भारत में अपनी संपत्ति पर पेड़ काटना कानूनी है?

किसी के पास जमीन हो सकती है लेकिन पर्यावरण का मालिक नहीं हो सकता। इसे ध्यान में रखते हुए अधिनियम किसी व्यक्ति को पेड़ या उसकी शाखा काटने से प्रतिबंधित करता है। अधिनियम में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी भूमि में किसी भी पेड़ या वन उपज को नहीं गिराएगा, न ही हटाएगा और न ही उसका निपटान करेगा।

पेड़ों की कटाई पर किससे शिकायत कैसे करें?

कोई पेड़ काटे तो 9873279365 पर करें शिकायत