गुरुत्वाकर्षण तीव्रता और गुरुत्वाकर्षण क्षमता के बीच क्या संबंध है? - gurutvaakarshan teevrata aur gurutvaakarshan kshamata ke beech kya sambandh hai?

physics March 9, 2019 November 3, 2018

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(relation between gravitational potential and gravitational field intensity) गुरुत्वीय विभव और गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता में सम्बन्ध : सबसे पहले इन दोनों की परिभाषा पढ़ते है और सूत्र देखते है उसके बाद दोनों में एक सम्बन्ध स्थापित करेंगे और देखेंगे की दोनों राशियाँ एक दुसरे से किस प्रकार सम्बन्धित होती है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता : किसी गुरुत्वीय क्षेत्र में स्थित किसी बिंदु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर स्थित एकांक द्रव्यमान की वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वीय बल के बराबर होता है।
माना एक m द्रव्यमान की वस्तु किसी गुरूत्वीय क्षेत्र में रखी हुई है , इस वस्तु पर किसी बिंदु पर बल F (गुरुत्वाकर्षण बल) गुरुत्वीय क्षेत्र के कारण आरोपित हो रहा है तो उस बिन्दु पर वस्तु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता (I) का मान F/m होगा।
यहाँ F = गुरुत्वीय बल है जिसका मान रखने पर ,  गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता (I) का सूत्र निम्न प्राप्त होता है –

गुरुत्वाकर्षण तीव्रता और गुरुत्वाकर्षण क्षमता के बीच क्या संबंध है? - gurutvaakarshan teevrata aur gurutvaakarshan kshamata ke beech kya sambandh hai?

यहाँ वस्तु m , किसी M द्रव्यमान वाली वस्तु से r दूरी पर स्थित है तथा G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
गुरुत्वीय विभव : किसी गुरुत्व क्षेत्र में एकांक द्रव्यमान की वस्तु को अन्नत से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य , उस बिन्दु पर गुरुत्वीय विभव का मान कहलाता है। इसे V द्वारा दर्शाया जाता है और इसका सूत्र निम्न होता है।

गुरुत्वाकर्षण तीव्रता और गुरुत्वाकर्षण क्षमता के बीच क्या संबंध है? - gurutvaakarshan teevrata aur gurutvaakarshan kshamata ke beech kya sambandh hai?

गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता और गुरुत्वीय विभव में सम्बन्ध

माना एक द्रव्यमान M है इसके कारण एक गुरुत्वीय क्षेत्र उत्पन्न होता है , इस गुरुत्वीय क्षेत्र में द्रव्यमान M के केंद्र बिंदु से x दूरी पर एक बिंदु A स्थित है तथा r दूरी पर P बिंदु स्थित है ,जिस पर द्रव्यमान m रखा हुआ है इस पर गुरुत्वीय विभव व तीव्रता का मान ज्ञात करके दोनों में सम्बन्ध स्थापित करेंगे।

गुरुत्वाकर्षण तीव्रता और गुरुत्वाकर्षण क्षमता के बीच क्या संबंध है? - gurutvaakarshan teevrata aur gurutvaakarshan kshamata ke beech kya sambandh hai?

एकांक द्रव्यमान को A स्थिति से B स्थिति अर्थात dx विस्थापन में किया गया कार्य W = ∫F.dx

गुरुत्वीय विभव की परिभाषा से V = – W/m

V = – ∫F.dx / m

चूँकि F/m = I अर्थात गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता

अत:

V = – ∫I.dx

समीकरण का अवकलन करने पर

dV = – Idx

I = – dV/dx (यह गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता I तथा गुरुत्वीय विभव में सम्बन्ध है। )

निष्कर्ष : किसी गुरुत्वीय क्षेत्र के अन्दर स्थित किसी बिंदु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता I , उस बिंदु पर विभव प्रवणता (dV/dx) के ऋणात्मक मान के बराबर होता है।

यहाँ ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता की दिशा में जाने पर गुरुत्वीय विभव का मान कम होता जाता है।

गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र और गुरुत्वाकर्षण क्षमता के बीच क्या संबंध है?

अत: यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के कारण किसी बिंदु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करता है , जिसमे G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। अत: किसी बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान गुरुत्वीय क्षेत्र में रखे परिक्षण द्रव्यमान में उत्पन्न त्वरण के मान के बराबर होती है।

G तथा G में क्या संबंध है?

माना पृथ्वी का द्रव्यमान Me तथा त्रिज्या Re है जैसे चित्र से स्पष्ट है। यही g तथा G में संबंध है इस सूत्र में m प्राप्त नहीं होता है इस प्रकार स्पष्ट होता है कि गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।

गुरुत्वीय त्वरण तथा गुरुत्वाकर्षण नियतांक में क्या संबंध है?

g गुरुत्वीय त्वरण को प्रदर्शित करता है जबकि G गुरुत्वाकर्षण नियतांक को प्रदर्शित करता है। g का मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है जबकि G का मान सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में सर्वत्र एक समान रहता है। g का मान 9.81 मी./से2 होता है जबकि G का मान 6.67×10-11 न्यूटन मी2/किग्रा2. होता है

गुरुत्वाकर्षण के संबंध में g का क्या अर्थ है?

जहां G एक नियतांक है, जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं और जिसका मान 6.67 X 10^-11 Nm^2 / kg^2 होता है. गुरुत्व (gravity): न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार दो पिंडो के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है. यदि इनमें से एक पिंड पृथ्वी हो तो इस आकर्षण बल को गुरुत्व कहते हैं.