हिमालय और हम कविता का प्रश्न उत्तर - himaalay aur ham kavita ka prashn uttar

Students get through the MP Board Class 12th Hindi Important Questions General Hindi Chapter 12 हिमालय और हम which are most likely to be asked in the exam.

ससंदर्भ व्याख्या कीजिए – गोपाल सिंह नेपाली

1. अरुणोदय की पहली लाली इसको ही चूम निखर जाती,
फिर संध्या की अंतिम लाली इस पर ही झूम बिखर जाती।

इन शिखरों की माया ऐसी
जैसा प्रभात, संध्या वैसी
अभरों को फिर चिंता कैसी
इस धरती का हर लाल खुशी से उदय-अस्त अपनाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।

शब्दार्थ:
अरुणोदय = सूर्य का उदय, निखर = सुंदर, संध्या = शाम, शिखरों = ऊँचाई, प्रभात = सुबह, लाल = पुत्र, उदय = उगना, अस्त = ढलना।

संदर्भ:
प्रस्तुत पद्यांश ‘हिमालय और हम’ कविता से उद्धृत किया गया है, जिसके कवि गोपाल सिंह ‘नेपाली’ हैं।

प्रसंग:
कवि के अनुसार हिमालय पर जिस प्रकार सूर्य के उदय एवं अस्त होने की लालिमा बिखरती है, उसी प्रकार भारतवासी पर भी सुख-दुःख की छाया पड़ती है, जिसे वह स्वीकार करता है।

व्याख्या:
कवि के अनुसार सूरज की पहली किरण हिमालय पर्वत पर पड़ती है। रक्तिम किरणों से हिमालय का सौन्दर्य और बढ़ जाता है। शाम के समय एक बार फिर ढलता हुआ सूर्य अपनी रक्तिम आभा हिमालय पर बिखेर देता है।

हिमालय पर्वत की कुछ ऐसी महिमा है कि जैसी सुबह, वैसी ही शाम यहाँ होती है। सुबह और शाम की तरह भारतीय सुख और दुःख को समभाव से ग्रहण करते हैं। भारतमाता के सपूतों ने हिमालय पर्वत की भाँति धैर्य एवं अडिग रहना सीख लिया है। उन पर सुख एवं दुःख का विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। हिमालय एवं भारतवासियों का गहरा अन्तर्सम्बन्ध है।

विशेष:

  • जीवन में समरसता को अपनाने पर बल दिया गया है।
  • श्लेष अलंकार है।
  • लयात्मकता एवं संगीतात्मकता है।

2. जैसा यह अटल, अडिग-अविचल, वैसे ही हैं भारतवासी, (म. प्र. 2009)
है अमर हिमालय धरती पर, तो भारतवासी अविनाशी

कोई क्या हमको ललकारे,
हम कभी न हिंसा से हारे,
दुःख देकर हमको क्या मारे!
गंगा का जल जो भी पी ले, वह दुःख में भी मुसकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।

शब्दार्थ:

अटल:
अडिग = स्थिर, अविनाशी = नष्ट न होने वाले, ललकारे = उकसाना, नाता = संबंध।

संदर्भ:
पूर्ववत।

प्रसंग:
कवि ने भारतवासियों को अडिग-अविचल एवं अहिंसा का पुजारी बतलाया है।

व्याख्या:
कवि के अनुसार हिमालय पर्वत अटल, अडिग, अविचल अर्थात् स्थिर है। ठीक हिमालय जैसे ही भारतवासियों की प्रकृति है। भारतवासी नष्ट नहीं होने वाले हैं। हिमालय पर्वत भी अमर है।

भारतवासियों को कोई उकसा नहीं सकता। भारतवासियों का अस्त्र-शस्त्र अहिंसा है। भारत के निवासी दुःखों से भी विचलित नहीं होते। गंगा जल का पान करने वाले भारतवासी दुःख में भी मुस्कुराते रहते हैं। हिमालय पर्वत से भारतीय प्रेरणा लेते रहते हैं। भारतवासियों एवं हिमालय का बहुत गहरा संबंध है।

विशेष:

  • हिमालय एवं भारतवासियों के साम्य का वर्णन किया गया है।
  • अनुप्रास एवं विरोधाभास अलंकार है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हिमालय को धरती का ताज क्यों कहा है? (म. प्र. 2018)
उत्तर:
हिमालय संसार की सबसे ऊँची चोटी है। इसी कारण इसे धरती का ताज कहा गया है।

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प्रश्न 2.
कवि ने गंगाजल की क्या विशेषता बतलाई है? (म. प्र. 2018)
उत्तर:
गंगाजल पवित्र और निर्मल होता है।

प्रश्न 3.
“इसका पद-तल छूने वाला वेदों की गाथा गाता है। इस पंक्ति से कवि का क्या आशय है?
उत्तर:
वेदों में हिमालय की महिमा का वर्णन मिलता है। वेदों की ऋचाएँ हिमालय की तलहटी में गूंजती रहती है। दोनों अन्योन्याश्रित हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कवि ने हिमालय से हमारे कई सम्बन्ध बताए हैं, उनमें से किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए। (म. प्र. 2017)
उत्तर:

  1. हिमालय की अडिगता को भारतीयों ने आत्मसात किया है।
  2. हिमालय से तूफान रोकने की प्रेरणा भारतीय सैनिक लेते हैं।
  3. हिमालय भारत के प्राकृतिक सौन्दर्य का प्रतीक है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अवतरण का भाव पल्लवन कीजिए – (म. प्र. 2010)
“है अमर हिमालय धरती पर, तो भारतवासी अविनासी”
उत्तर:
जिस प्रकार पृथ्वी पर हिमालय पर्वत अमर है, उसी प्रकार भारत में रहने वाले भारतीय भी अमर हैं, शाश्वत हैं हिमालय पर्वत कभी नष्ट होने वाला नहीं है, इस तरह भारतीयों का भी कभी नाश नहीं हो सकता। जब तक हिमालय पर्वत का अस्तित्व है तब तक भारतीयों का भी अस्तित्व बना रहेगा।

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प्रश्न 3.
गोपाल सिंह नेपाली के अनुसार हिमालय की छाया में रहने से क्या लाभ है? (म. प्र. 2011)
उत्तर:
हिमालय की छाया में रहने से निम्नलिखित लाभ होते हैं –

  1. हिमालय हमें शत्रुओं से बचाता है।
  2. हिमालय हमें जीवनदायिनी औषधियाँ प्रदान करता है।
  3. हिमालय हमें ठंडी हवाओं से रोकता है।
  4. हिमालय की छाया से मनुष्य एवं पशु-पक्षियों को आराम मिलता है।
  5. प्राकृतिक वातावरण शुद्ध रखने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 4.
हिमालय की चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (म. प्र. 2012, 13, 15)
उत्तर:

  1. हिमालय अमर है।
  2. हिमालय में अडिगता एवं स्थिरता है।
  3. हिमालय में तूफान रोकने की शक्ति है।
  4. हिमालय भारत के प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. हिमालय और हम ‘कविता’ के रचयिता (म. प्र. 2009, 10)
  2. पर्वतराज ………………… है।
  3. “जैसा यह अटल ………………… वैसे ही हैं भारतवासी।”
  4. गोपाल सिंह ‘नेपाली’ का जन्म ………………… ई. में हुआ।
  5. गोपाल सिंह ‘नेपाली’ की कविताएँ ………………… से ओत-प्रोत हैं।
  6. ‘इसका पद-तल छूने वाला’ ………………. की गाथा गाता है। (गंगा/वेदों) (म. प्र. 2014)

उत्तर:

  1. गोपाल सिंह ‘नेपाली’
  2. हिमालय
  3. अडिग-अविचल
  4. 1902
  5. देशभक्ति
  6. वेदों।

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प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –

1. गोपाल सिंह नेपाली का जन्म सन् है – (म. प्र. 2018)
(क) 1932
(ख) 1902
(ग) 1904
(घ) 1911
उत्तर:
(ख) 1902

प्रश्न 3.
सत्य / असत्य कथन पहचानिए –

  1. गिरिराज भारतीय गौरव की पहचान नहीं है। (म. प्र. 2011)
  2. गंगा जल को अमृत तुल्य माना जाता है। (म. प्र. 2013)
  3. भारतीय दोगली-दोहरी सभ्यता में रचने बसने लगा है। (म. प्र. 2013)

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य।

हिमालय क्या संदेश देता है?

हिमालय हमें परिस्थितियों से लड़ने और हर मुश्किल घड़ी में अडिग, अविचल रहने का संदेश देता है। हम दुख में भी सबका साथ दें और जरूरतमंदों को आसरा दें, यही हिमालय हमें सिखाता है।

हिमालय को धरती का ताज क्यों कहा जाता है?

क इसकी चोटी इतनी ऊँची है कि संपूर्ण धरती के ताज के समान लगती है। इसलिए इसे सकले धरती का ताज कहा गया है। Date Page. ग) हिमालय और भारतवासियों में यह समानता है कि दोनों ही अडिग और अविचल हैं।

हिमालय के संदेश किसकी कविता है?

Solution : हिमालय का संदेश. काव्य रामधारी सिंह . दिनकर. द्वारा ओजस्वीपूर्ण शब्दों से रचित है ।

हिमालय से शीर्षक कविता का क्या उद्देश्य है?

हिमालय ने हमेशा भारत की रक्षा करी है और दुश्मनों को अंदर नहीं आने दिया है। कवि हिमालय से इस संकट की घड़ी में अपना मौन त्यागकर, सहायता करने को कहते हैं। कवि कहते हैं कि प्यारा स्वदेश वीरान हो गया है। इसलिए वे अपने नगपति और विशाल हिमालय, अपने तपस्वी को जागने के लिए कहते हैं।