जीव जंतु और मानव पर निबंध - jeev jantu aur maanav par nibandh

मानव ने वन्य जीवों का शिकार इस निर्ममता के साथ किया कि कुछ वन्य प्राणियों की प्रजाति ही लुप्तप्राय हो गई और कुछ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वनों को काटकर हम वन्य जीवों के घर अर्थात वनों को उजाड़ते रहे जब कि वन हमें तरह-तरह की सम्पदा देते हैं।

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Essay on Save Animals in Hindi- जीव जन्तु संरक्षण पर निबंध

जीव जंतु और मानव पर निबंध - jeev jantu aur maanav par nibandh

पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पर जीवन संभव है और यहाँ पर मनुष्य और पशु दोनों ही रहते है। जीवन को अच्छे तरीके से चलानो के लिए दोनों को एक दुसरे का सहयोग जरूरी है। पशुओं के पास मनुष्य की तरह जुबान नहीं होती लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मनुष्य उनका लाभ उठाए और उन्हें हानि पहुँचाए। इस धरती पर जानवरों का भी पूरा हक है और उन्हें अपनी जिंदगी जीने का पूरा अधिकार है। अगर पृथ्वी से एक भी प्रजाति को हम खत्म कर देते हैं तो उससे या तो दुसरी प्रजाति भी लुप्त हो जाती है या फिर कोई एक प्रजाति इतनी बढ़ जाती है कि अन्य प्रजातियों के लिए खतरा बन जाती है। पशु भी हमारी ही तरह समाज का एक हिस्सा है और हमें उन्हें हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।

हमें पशुओं के बारे में सोचना चाहिए और उनका सरंक्षण करना चाहिए। बच्चों में और लोगों में पशु सरंक्षण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। पशुओं की प्रजाति लुप्त होने का सबसे बड़ा कारण जंगलो की कटाई और इंसान के द्वारा उनका शिकार करना है। हमें किसी भी पशु के जीलन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए और न हीं उनके आवास स्थान को उनसे छिनना चाहिए।

पशुओं के लुप्त होने से हम बहुत सी औषधि से वंचित रह जाऐंगे साथ ही भोजन की चैन में भी खराबी आऐगी। हमें जानवरों को बचाना है और धरती पर जीवन को संतुलित रखना है। हमें जानवरों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए और जंगलों तो भी नहीं काटना चाहिए। हमें प्रदुषण भी नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि उससे जानवरों को बहुत तकलीफ होतू है और खुले में फेंके हुए कचरे को खाकर बहुत से जानवर मर जाते हैं।

जंगल में पशु सरंक्षण के लिए टीम बनानी चाहिए जो कि शिकार पर प्रतिबंध लगाए और साथ ही जंगलों की कटाई को भी रोके। हम मनुष्यों को भी पशुओं के प्रति अपने दायित्व को समझना चाहिए और घायल हुए पशुओं की सहायता करनी चाहिए। हमें ग्लोबल वार्मिंग को कम कर पशुओं को उनके अनुकुल वातावरण देना होगा जिससे कि वो अच्छे ये अपनी जीवन व्यतीत कर सके। हमें जानवरों के शरीरों से बनी चीजों का बहिष्कार करना चाहिए ताकि जानवरों के शिकार को रोका जा सकें। हमें लुप्त हो रही प्रजातियों के लिए मैडिकल साईंस की मदद लेनी चाहिए जिससे कि उनको बचाया जा सके। वन्य जीवोम वाले जंगलों को सरंक्षित करना चाहिए और सुरक्षाकर्मी तैनात करने चाहिए जो कि उस जंगल और वहाँ के वन्य जीवों की सुरक्षा करें।

जैव विविधता से तात्पर्य विस्तृत रूप से उन विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पति से है जो संसार में या किसी विशेष क्षेत्र में एक साथ रहते है। जैव विविधता की समरसता को बनाये रखने के लिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है की हम अपनी धरती की पर्यावरण संबंधित स्थिति  के तालमेल को बनाये रखे। जैव विविधता का संबंध, जिसे हम जैविक विविधता भी कह सकते है, मुख्य रूप से अलग अलग तरह के पेड़ पौधों और पशु पक्षियों का धरती पर एक साथ अपने अस्तित्व को बनाये रखने से है।यह बहुत ही जरुरी है की ऊँचे स्तर की जैव विविधिता को बनाये रखने के लिए हम अपने प्राकृतिक परिवेश की अवस्था सही तरीके से बना के रखे।

जैव विविधता पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Bio-Diversity in Hindi, Jaiv Vividhata par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द)

जैव विविधता जिसे जैविक विविधता भी कहते है, अलग-अलग तरह की वनस्पतियों एवं जानवरों का संग्रह है जो एक ही विशेष क्षेत्र में रहते या फैले हुए है। जैव विविधता जितनी समृद्ध होगी उतना ही सुव्यवस्थित और संतुलित हमारा वातावरण होगा। अलग-अलग तरह की वनस्पति तथा जीव-जंतु भी धरती को रहने के योग्य बनाने के लिए अपना योगदान देते है। इंसान के जीवन के पीछे भी जैव विविधता का ही हाथ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अलग-अलग जंतु और पेड़-पौधे ही मिलकर मनुष्य की मूलभूत जरूरतें पूरी करने में सहायता करते है।

एक अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर लगभग 3,00,000 वनस्पति तथा इतने ही जानवर है जिसमें पक्षी, मछलियां, स्तनधारी, कीड़े, सींप आदि शामिल है। हमारे गृह पृथ्वी की खोज लगभग 450 करोड़ साल पहले हुई थी और ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है की पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 350 करोड़ साल पहले हुई थी।

जीव जंतु और मानव पर निबंध - jeev jantu aur maanav par nibandh

पिछली कुछ शताब्दियों में कई वनस्पति एवं जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो गयी है और आने वाले समय में कई लुप्त होने की कग़ार पर है। यह जैव विविधता के लिए ख़तरे का संकेत है।

पिछले कुछ समय से मनुष्य का तकनीक की तरफ इतना ज्यादा झुकाव हो गया है की वह इसके दुष्परिणाम को भी नहीं समझना चाहता। शुद्धता की नज़र से देखा जाये तो कई नए अविष्कार मनुष्य एवं जैव विविधता के प्रति नकरात्मक प्रभाव डाल रहे है। मनुष्य के लिए यह बिलकुल सही समय है की वो इस संकट को गंभीरता से ले और वातावरण को शुद्ध बनाने का संकल्प ले। साफ़ सुथरा वातावरण ही समृद्ध जैव विविधता को बढ़ावा दे सकता है जिससे मानव जाति को अपना जीवनयापन में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।


निबंध 2 (300 शब्द)

प्रस्तावना

जैव विविधता मुख्य रूप से एक मापदंड है जिसमें अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और पशु-पक्षी एक साथ रहते है। हर किस्म की वनस्पति और पशुवर्ग पृथ्वी के वातावरण को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान देते है जिससे आख़िरकार पृथ्वी पर जीवन समृद्धशाली बनता है। ये सभी प्रजातियां एक दूसरे की मूलभूत जरूरतों को पूरा करती है जिससे एक समृद्धशाली जैव विविधिता का निर्माण होता है।

जैव विविधता का पतन कैसे हुआ?

हालाँकि पिछले कई सालों से जैव विविधता को समृद्ध बनाये रखने पे जोर दिया जा रहा है परंतु फिर भी कुछ समय से इसकी गरिमा में गिरावट देखी गयी है जिसकी आने वाले समय में और भी ज्यादा गिरने की आंशका जताई जा रही है। इसके पीछे मुख्य कारण है औद्योगिक फैक्टरियों से लगातार निकलता प्रदूषण। इस प्रदूषण के कारण ही कई वनस्पतियों की और जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो गयी है और कई होने की कग़ार पर है। इस बदलाव का एक संकेत तो साफ़ है की आने वाले समय में हमारे गृह पृथ्वी पे बहुत ही भयंकर संकट खड़ा हो जायेगा। इससे जैव विविधता का संतुलन तो निश्चित रूप से बिगड़ेगा ही तथा मनुष्य के साथ साथ जीवजंतुओं के जीवन पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जायेगा।

जैव विविधता को समृद्ध कैसे बनाये?

सबसे पहले यह जरुरी है की हम वातावरण संबंधी मुसीबतों के प्रति अत्यंत संवेदनशील हो। कई देशों की सरकार लोगों के बीच जैव विविधता के बिगड़ते संतुलन को लेकर जागरूकता फैला रही है और कोशिश कर रही है की इस पर जल्दी काबू पाया जाये। यह आम आदमी की भी जिम्मेदारी है की वह इस नेक कार्य में हिस्सा ले और वातावरण को शुद्ध बनाने में सरकार का सहयोग करे।

निष्कर्ष

मनुष्य के तकनीक के प्रति बढ़ते प्रेम को कम करने की जरुरत है। वह तकनीक और नए नए अविष्कार करने में इतना मग्न हो गया है की उसे अपने आसपास के वातावरण के बढ़ते प्रदूषण से कोई लेना देना ही नहीं है। मनुष्य को इस तरफ सोचना होगा की दूषित होते वातावरण से सिर्फ उसका ही नुकसान हो रहा है।

जीव जंतु और मानव पर निबंध - jeev jantu aur maanav par nibandh

निबंध 3 (400 शब्द)

प्रस्तावना

भिन्न-भिन्न प्रकार की वनस्पति एवं जीव जन्तुओ के एक साथ रहने को ही जैव विविधता का नाम दिया गया है। इसने प्रजातीय समृद्धि और प्रजातीय विविधता जैसे शब्दों के अर्थ को ही बदल के रख दिया है।

जैव विविधिता – जैविक किस्मों के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण

जैव विविधिता को स्पष्ट करने के लिए और भी कई शब्दावली है जिसमें मुख्य है पारिस्थितिक विविधता (पारिस्थितिक तंत्र से उत्पन्न), वर्गीकरण विविधता (वर्गीय तंत्र से उत्पन्न), कार्यात्मक विविधता (कार्य तंत्र से उत्पन्न) और रूपात्मक विविधता (आनुवंशिक विविधता से उत्पन्न)। जैव विविधता इन सभी के प्रति एक नई सोच को दर्शाती एवं एकत्रित करती है।

जैव विविधता क्यों महत्वपूर्ण है?

जैव विविधता के महत्वपूर्ण होने के पीछे तर्क है की यह पारिस्थितिकीय प्रणाली के संतुलन को बना के रखती है। विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति एक दूसरे की जरूरतें पूरी करते है और साथ ही ये एक दूसरे पर निर्भर भी है। उदाहरण के तौर पर मनुष्य को ही ले लीजिए। अपनी मूलभूत आवश्यकता जैसे खाने, रहने के लिए वह भी पशु, पेड़ और अन्य तरह की प्रजातियों पर आश्रित है। हमारी जैव विविधता की समृद्धि ही पृथ्वी को रहने के लिए तथा जीवन यापन के लायक बनाती है।

दुर्भाग्य से बढ़ता हुआ प्रदूषण हमारे वातावरण पर गलत प्रभाव डाल रहा है। बहुत से पेड़-पौधे तथा जानवर प्रदूषण के दुष्परिणाम के चलते अपना अस्तित्व खो चुके है और कई लुप्त होने की राह पर खड़े है। अगर ऐसा ही रहा तो सभी प्रजातियों के सर्वनाश का दिन दूर नहीं है।

जैव विविधता को कैसे बचाये?

सबसे पहले इंसान को जैव विविधता के महत्व को समझना होगा। सड़को पे दौड़ते बड़े बड़े वाहन बड़े पैमाने पे प्रदूषण फैला रहे है जो मनुष्य जाति के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वातावरण की शुद्धता को बचाने के लिए इन वाहनों पर अंकुश लगाना होगा ताकि ये वातावरण को और दूषित न कर पाए। फैक्टरियों से निकलता दूषित पानी जल जीवन को ख़राब कर रहा है। पानी में रहने वाले जीवों की जान पर संकट पैदा हो गया है। इस निकलते दूषित पानी का जल्दी से जल्दी उचित प्रबंध करना होगा ताकि ये बड़ी आपदा का रूप न ले ले। इसी तरह से ध्वनि प्रदूषण पर भी लगाम लगानी होगी।

वनों की कटाई भी एक बहुत बड़ी वजह है जैव विविधता में होती गिरावट का। इससे न सिर्फ पेड़ो की संख्या घटती जा रही है बल्कि कई जानवरों एवं पक्षियों से उनका आशियाना भी छिनता जा रहा है जो उनके जीवन निर्वाह में एक बड़ी मुसीबत बन चुका है। वातावरण की दुर्गति को देखते हुए इस पर तुरंत प्रभाव से नियंत्रण करना होगा।

निष्कर्ष

हर एक वनस्पति तथा जीव का वातावरण को रहने के योग्य बनाने में अलग-अलग उद्देश्य है। इसलिए अगर हमें अपने वातावरण की शुद्धता को ऊँचे स्तर तक पहुँचाना है तो हमें जैव विविधता के संतुलन को बनाये रखने पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा।

मानव और जीव जंतुओं के लिए क्यों आवश्यक है?

जल, जंगल और जानवर तीनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मानव पर है। पर्यावरण में किसी जंतु के विलुप्त होने का सीधा प्रभाव मानव जीवन के अस्तित्व को प्रभावित कर सकता है।

जीव जंतु हमारे दैनिक जीवन में क्या उपयोग है?

वे इससे दूध, दही, मक्खन जैसे पौष्टिक पदार्थों के प्राप्त करते थे उसके गोबर और मूत्र से जो खाद निर्मित करते थे, वह उनके खेत की उपज के बढ़ाने में उपयोगी होता था। गाय से उत्पन्न बछड़े होकर हल हल खीचतें थे, माल ढोते थे। इस प्रकार गाय ब्रजवासियों के जीवन का आवश्यक अंग ही नहीं, उनके परिवार का प्रमुख सदस्य ही बन गई थी।

जंतुओं का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

जिव जंतु हमारे लिए बहुत ही उपकारी है इनका जीवन हम मनुष्य के लिए बहुत ही उपकारी है हम मनुष्य अपने जीवन में और मृत्यु के बाद भी इतने किसी के काम नहीं आते जितने की ये पशु जो जीते जी तो हमारे काम आते है और मरने के बाद भी ये हमारे लिए बोहोत काम आते है इन उपकारी पशुओ से हमारे भारत देश में कई लोगो के घर का चूल्हा जलता है ये ...

जीव जंतुओं का जीवन किस पर निर्भर है और क्यों?

जंतुओं का प्रव्रजन कई मागों से होता है। ये मार्ग वातावरण की परिस्थितियों तथा प्राकृतिक रुकावटों पर निर्भर करते हैं। रुकावटें होने पर भी ऐसे अनेक अन्य साधन रहते हैं, जिनके द्वारा जंतु प्रव्रजन करते हैं, जैसे वायु, जल, पृथ्वी के पुल, प्राकृतिक बेड़े और तैरती हुई लकड़ियाँ आदि।