माँग की कीमत लोच से आप क्या समझते हैं मांग की कीमत लोच की विभिन्न श्रेणियों की व्याख्या कीजिए? - maang kee keemat loch se aap kya samajhate hain maang kee keemat loch kee vibhinn shreniyon kee vyaakhya keejie?

Solution : मॉग की कीमत लोच की परिभाषा-वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन तथा वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात ही मांग की लोच कहलाता है। वस्तु पर किया गया व्यय वस्तु की क्रय की गई। मात्रा तथा प्रति इकाई कीमत के गुणनफल के बराबर होती है। वस्तु की मांग व कीमत में विपरीत संबंध होता है। <br> वस्तु की कीमत में परिवर्तन से वस्तु पर होने वाला व्यय बड़ेगा या घटेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि कीमत परिवर्तन की वस्तु की मांग पर प्रतिक्रिया कितनी है। यदि मांग में प्रतिशत कमी, कीमत में प्रतिशत वृद्धि से ज्यादा होती है तो वस्तु पर होने वाला व्यय बढ़ जाएगा। यदि मांग में प्रतिशत कमी कीमत में प्रतिशत वृद्धि से ज्यादा होती है तो वस्तु पर होने वाल व्यय बढ़ जाएगा। यदि माँग में प्रतिशत कमी, कीमत में प्रतिशत वृद्धि के समान होती है तो वस्तु पर होने वाला व्यय समान रहेगा। <br> इसी प्रकार कीमत में कमी होने पर, माँग में वृद्धि के कारण वस्तु पर व्यय में परिवर्तन को समझाया जा सकता है। <br> यदि वस्तु की मांग में प्रतिशत कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से ज्यादा होता है, तो वस्तु की माँग लोचदार तथा यदि मांग में प्रतिशत परिवर्तन कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से कम होता है तो वस्तु की मांग बेलोचदार होती है। <br> यदि वस्तु पर होने वाला व्यय वस्तु की कीमत में परिवर्तन की समान दिशा में होता है तो माँग बेलोचदार तथा इसके विपरीत यदि वस्तु पर होने वाले परिवर्तन की दिशा, कीमत परिवर्तन की दिशा के विपरीत होता है तो माँग की लोच अधिक होती है।

मांग की कीमत लोच से आप क्या समझते हैं इसकी विभिन्न श्रेणियां क्या है?

Solution : मॉग की कीमत लोच की परिभाषा-वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन तथा वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात ही मांग की लोच कहलाता है। वस्तु पर किया गया व्यय वस्तु की क्रय की गई। मात्रा तथा प्रति इकाई कीमत के गुणनफल के बराबर होती है। वस्तु की मांगकीमत में विपरीत संबंध होता है।

मांग की कीमत लोच से आप क्या समझते हैं यदि मांग की कीमत लोच?

कीमत लोच का अर्थ है, वस्तु की मात्रा में वस्तु की कीमत में हुए परिवर्तन की अनुक्रिया है। जैसे यदि किसी वस्तु की कीमत में 5 प्रतिशत की गिरावट से उस वस्तु की मांग 10 प्रतिशत बढ़ जाती है। मांग की आय लोच (e) ध्यान दीजिए, कीमत लोच (ep) वस्तु की कीमत तथा मात्रा में विपरीत संबंध होने के कारण सदैव ऋणात्मक रहती हैं

माँग से क्या समझते है?

सूक्ष्मअर्थशास्त्र में, मांग का नियम कहता है कि, "सभी पहलुओं को बराबर रखते हुए, किसी वस्तु की कीमतों का गिरना: उसकी मांग को बढ़ा देता है; तथा किसी वस्तु की कीमतों का उठाना:उसकी मांग को गिरा देता है।" दूसरे शब्दों में, मांग का कानून मूल्य और मात्रा के बीच एक व्युत्क्रम संबंध का वर्णन करता है जो की किसी वस्तु के लिए होता ...

माँग की मूल्य सापेक्षता से क्या तात्पर्य है?

किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप उसकी माँग में जिस अनुपात या दर से परिवर्तन होता है उसे 'माँग की कीमत (मूल्य) सापेक्षता' कहते हैं। संक्षेप में, कीमत में परिवर्तन के परिणामस्वरूप माँग में होने वाले परिवर्तन की माप को ही “माँग की मूल्य सापेक्षता' कहते हैं।