Show नराकास विषय पर संसदीय राजभाषा समिति की सिफारिशों पर पिछले खण्डों की संस्तुतियां और उन पर पारित आदेश निम्न प्रकार हैं :-संस्तुति सं0संस्तुतिआदेशछठे खण्ड की संस्तुति सं0 11.5.17 कई नगरों में स्थित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के सदस्यों की संख्या बहुत अधिक है । अत: समिति का सुझाव है कि इन्हें विभाजित कर इनके सदस्यों की अधिकतम निर्धारित संख्या 40 रखी जाएं और तदनुसार दो या इससे अधिक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों गठित की जाएं । समिति की यह सिफारिश इन संशोधन के साथ स्वीकार कर ली गई है कि जिन समितियों की सदस्य संख्या 150 या इससे अधिक हो, उन्हें दो भागों में बांटा जाए । राजभाषा विभाग द्वारा इस आशय के निदेश जारी किए जाएं सातवें खण्ड की संस्तुति सं0 16.5(ज) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में कार्यालय प्रधान को स्वयं उपस्थित होना चाहिए । यह संस्तुति स्वीकार कर ली गई है कि सभी मंत्रालयों/विभागों अपने संबद्/अधीनस्थ कार्यालयों, स्वायत्त निकायों, उपक्रमों और कार्यालयों के प्रमुखों बैंकों आदि को निदेश दें कि वे नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में स्वयं भाग लें । सातवें खण्ड की संस्तुति सं0 16.5(ज) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में कार्यालय प्रधान को स्वयं उपस्थित होना चाहिए । यह संस्तुति स्वीकार कर ली गई है कि सभी मंत्रालयों/विभागों अपने संबद्/अधीनस्थ कार्यालयों, स्वायत्त निकायों, उपक्रमों और कार्यालयों के प्रमुखों बैंकों आदि को निदेश दें कि वे नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में स्वयं भाग लें । सातवें खण्ड की संस्तुति सं016.5 (झ) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों पर अनुवर्ती कार्रवाई को उच्च स्तर पर पूर्ण निष्ठा से निगरानी और समीक्षा की जानी चाहिए । यह संस्तुति स्वीकार कर ली गई है । नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य कार्यालयों के प्रमुख समिति के निर्णयों पर कार्यवाही की निगरानी व समीक्षा सुनिश्चित करें। सातवें खण्ड की संस्तुति सं016.5 (ट) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें त्रैमासिक रूप से आयोजित की जाएं तथा वर्ष में आयोजित होने वाली चार बैठकों में से कम से कम दो बैठकों में कार्यालय के अध्यक्ष अनिवार्य रूप से स्वयं भाग लें और बैठकों में लिए गए निर्णयों का पूर्ण रूप से अपने कार्यालयों में अनुपालन कराएं । नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष में दो बैठकें अपेक्षित हैं । इन बैठकों में कार्यालय अनिवार्य रूप से भाग लें । इस संबंध में राजभाषा विभाग समुचित निर्देश जारी करें । सातवें खण्ड की संस्तुति सं016.5(ड) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष में तीन बैठकें समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता में अलग-अलग कार्यालयों में आयोजित की जाए तथा अंतिम बैठक समिति के अध्यक्ष के कार्यालय में ही आयोजित की जाएं और उसमें राजभाषा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहें ताकि वर्ष भर की गतिविधियों और प्रगति की समीक्षा की जा सके और पाई गई कमियों को सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाए और उन्हें सामूहिक प्रयास से दूर कर लिया जाए । यह संस्तुति स्वीकार्य नहीं पाई गई है । नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें अलग-अलग स्थानों पर आयोजित करना, बैठक स्थान व अन्य संसाधनों की उपलब्धता की दृष्टि से व्यवहारिक नहीं है । सातवें खण्ड की संस्तुति सं016.5(ढ) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों द्वारा प्रत्येक वर्ष राजभाषा समारोह/संगोष्ठी आयोजित की जानी चाहिए ताकि राजभाषा के प्रयोग के प्रति जागरूकता पैदा हो और अनुकूल वातावरण बने । यह संस्तुति स्वीकार कर ली गई है । आठवें खण्ड की संस्तुति सं0 16 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों की बैठकों के आयोजन में व्यय होने वाली राशि की सीमा रू0 3000/- से बढ़ाकर रू0 10,000/- कर देना चाहिए अथवा सदस्य कार्यालयों द्वारा लिए जाने वाले योगदान को संहिताबद्ध (कोडिफाई) किया जाए ताकि सदस्य कार्यालयों को इस राशि की मंत्रालयों/मुख्यालयों से स्वीकृति आदि प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो । सिफारिश इस संशोधन के साथ स्वीकार की जाती है कि नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों में होने वाले व्यय की सीमा समय-समय पर समीक्षा करके आवश्यकतानुसार संशोधित की जाए। आठवें खण्ड की संस्तुति सं0 17 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के प्रभावी संचालन हेतु नराकास सचिवालय को स्थाई तौर पर अतिरिक्त मानव संसाधन एवं अन्य आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाना चाहिए । सिफारिश इस संशोधन के साथ स्वीकार की जाती है कि वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत ही नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां अपने सदस्य-कार्यालयों के सहयोग से उनके पास उपलब्ध आंतरिक संसाधनों से ही समितियों के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक सुविधाएं जुटाएं । आठवें खण्ड की संस्तुति सं0 18 प्रत्येक क्षेत्र में राजभाषा गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष नराकास अध्यक्षों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए तथा राजभाषा नीति व लक्ष्यों के निर्धारण के मामले में इनकी भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए । सिफारिश इस संशोधन के साथ स्वीकार की जाती है कि इस प्रकार की बैठकें वार्षिक आधार पर क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित की जाएं । आठवें खण्ड की संस्तुति सं0 20 नराकास की बैठकों में राजभाषा विभाग, नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया जाए । सिफारिश इस संशोधन के साथ स्वीकार की जाती है कि नराकास की बैठकों में राजभाषा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का प्रतिनिधित्व यथासंभव सुनिश्चित किया जाए । आठवें खण्ड की संस्तुति सं0 22 अध्यक्ष, नराकास, मंडी, अध्यक्ष, नराकास (बैंक), इंदौर, अध्यक्ष, नराकास, शिमला, अध्यक्ष, नराकास (कार्यालय), चंडीगढ़, अध्यक्ष,नराकास (उपक्रम), मुंबई, अध्यक्ष, नराकास(बैंक), बड़ौदा, अध्यक्ष, नराकास(कार्यालय), त्रिवेंद्रम, अध्यक्ष, नराकास(कार्यालय), कोचिन, अध्यक्ष, नराकास, मदुरै, अध्यक्ष, नराकास,कोयम्बतूर, अध्यक्ष, नराकास(बैंक), बेंगलोर(अध्याय 8के पैरा 8.33.8.45 में) द्वारा दिए गए नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्षों से प्राप्त सुझावों पर राजभाषा विभागउचित कार्यवाही करें । सिफारिशों पर राजभाषा अधिनियम, राजभाषा नियम तथा इस संबंध में समय-समय पर जारी आदेशों के परिप्रेक्ष्य में यथासंभव अनुपालन किया जाए ।राजभाषा समिति का गठन कब किया गया?संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी के प्रयोग में हुई प्रगति का पुनविलोकन के लिए राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 4 (1) के तहत सन् 1976 में संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया । इस समिति में 30 सदस्य होंगे । 20 लोकसभा के और 10 राज्यसभा के सदस्य होंगे ।
वर्तमान में संसदीय राजभाषा समिति की कितनी उप समितियां हैं?निरीक्षण कार्य के लिए संसदीय राजभाषा समिति की तीन उपसमितियां हैं। ये विभिन्नमंत्रालयों/विभागों / अधीनस्थ कार्यालयों तथा सार्वजनिक उपक्रमों आदिमें हिंदी के प्रगामी प्रयोग की समीक्षा करती हैं। तीनों उप समितियों के संयोजक माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा नामित किए जाते हैं। वाले प्रतिवेदन का मसौदा तैयार करती है।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के कार्यों की समीक्षा संसदीय राजभाषा समिति की कौन सी उप समिति करती?14.1 संसदीय राजभाषा समिति का गठन राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 4 ( 4 ) के अंतर्गत वर्ष 1976 में किया गया था। यह उच्चाधिकार प्राप्त संसदीय समिति है जो संघ के सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग में की गई प्रगति की समीक्षा करती है। इसमें 30 संसद सदस्य होते हैं, 20 लोक सभा से और 10 राज्य सभा से ।
धारा 3 3 का अनुपालन कितना प्रतिशत करना है?6.17 इसी प्रकार राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) के अनुपालन में भी गिरावट आई है जबकि यह 100 प्रतिशत होना चाहिए ।
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