शारीरिक शिक्षा का आधुनिक स्वरूप क्या होता है? - shaareerik shiksha ka aadhunik svaroop kya hota hai?

Published in Journal

International Journal of Physical Education & Sports Sciences [IJOPESS] (Vol:14/ Issue: 2)
DOI: 10.29070/IJOPESS
Authors:
डॉ. प्रदीप कुमार*,
Subjects:
Physical Education, Health, Fitness & Sports

Year: Apr, 2019
Volume: 14 / Issue: 2
Pages: 235 - 240 (6)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2231-3745
DOI:
Published URL: http://www.ignited.in/I/a/221489
Published On: Apr, 2019

शारीरिक शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा

शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ शरीर को स्वस्थ रखने से है। शारीरिक शिक्षा को पी.टी. भी कहते हैं। पी.टी. शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द फिजिकल ट्रेनिंग (Physical Training) का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ है शारीरिक प्रशिक्षण। खेल-कूद तथा जिमनास्टिक को भी शारीरिक शिक्षा कहा जाता है। वास्तव में, ये तो शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम है। शारीरिक शिक्षा तो बहुत विस्तृत है। (sharirik shiksha ki paribhasha) शरीर को स्वस्थ रखने की शारीरिक क्रियाओं को सामूहिक रूप से शारीरिक शिक्षा कहा जाता है

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शारीरिक शिक्षा क्या है?

शारीरिक शिक्षा का अर्थ एक ऐसे पाठ्यक्रम या कार्यक्रम के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो लोगों को अपने स्वास्थ्य और फिटनेस के स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से अपने मानसिक और शारीरिक कौशल को विकसित करना सिखाता है। इसको उस प्रक्रिया के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है जिसके द्वारा लोगों को व्यवस्थित निर्देश के माध्यम से उनके मानसिक और शारीरिक कौशल को विकसित करने में मदद मिलती है। शारीरिक शिक्षा अध्ययन का एक क्षेत्र है जिसमें शारीरिक और मोटर कौशल, शरीर जागरूकता, स्वास्थ्य और फिटनेस का विकास शामिल है। भारत में शारीरिक शिक्षा को विभिन्न स्थानों पे पढ़ाया जाता है। इनमें स्कूल, विश्वविद्यालय और समुदाय शामिल हैं।

शारीरिक शिक्षा हमें क्या सिखाती है? शारीरिक शिक्षा हमें बहुत कुछ सिखाती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम सक्रिय और स्वस्थ रहें। शारीरिक शिक्षा छात्रों को सक्रिय और स्वस्थ रहने का तरीका सिखाने का एक शानदार तरीका है। यह उन्हें दूसरों के साथ काम करने, दोस्त बनाने और नेतृत्व कौशल विकसित करने का तरीका सीखने में भी मदद करता है।

विभिन्न विद्वानों एस लिंगर, नेश, चार्ल्स बूचर ने शारीरिक शिक्षा को निम्न प्रकार परिभाषित किया है –

  • एस लिंगर के अनुसार शारीरिक शिक्षा की परिभाषा – शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा प्रणाली का वह अंग है, जो शारीरिक क्रियाओं द्वारा संपादित की जाती है।
  • नेश के अनुसार शारीरिक शिक्षा की परिभाषा – शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है जिसका उद्देश्य नागरिक को शारीरिक, मानसिक, सांवेगिक एवं सामाजिक रूप से शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से, जो गतिविधियाँ उनके परिणामों को ध्यान में रखकर चुनी गई हों, सक्षम बनाना है।
  • चार्ल्स बूचर के अनुसार शारीरिक शिक्षा की परिभाषा – शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा प्रणाली का एक रूप है, जो प्रेरणावर्धक क्रियाओं का प्रयोग करती है और व्यक्ति में जन्म से ही विद्यमान रहती है।

शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य

शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक विकास करना व ज्ञान में वृद्धि करना है। शारीरिक शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों की व्याख्या नीचे दी गई है –

  1. शारीरिक विकास
    • नियमित वृद्धि एवं विकास करना।
    • शरीर क सभी संस्थानों का सामान्य कार्य करना।
    • मस्तिष्क एवं मांसपेशियों में तालमेल बैठाकर कौशल बढ़ाना।
    • शक्ति एवं अधिक समय तक कार्य करने की क्षमता प्राप्त करना।
  2. मनोवैज्ञानिक विकास
    • उचित रुचियों एवं अभिवृत्तियों का विकास करना।
    • संवेगों की इच्छा पूर्ति एवं दिशा निर्धारण करना।
    • खेलों के माध्यम से चिंता तथा तनाव से मुक्ति।
  3. सामाजिक विकास
    • दूसरों के प्रति सहानुभूति एवं सहयोग करना।
    • घर एवं समाज का एक अच्छा सदस्य बनाना।
  4. नैतिक विकास
    • अपने घर पर नियंत्रण करना।
    • खेल भावना को जागृत करना।
    • नेतृत्व के गुणों का विकास करना।
    • व्यक्तित्व का विकास करना।
  5. ज्ञान में वृद्धि
    • व्यायाम एवं खेलकूद संबंधी ज्ञान प्राप्त करना।
    • स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समझना तथा उनसे बचाव के साधन जानना।

सामान्य प्रश्न (FAQ)

शारीरिक शिक्षा क्या है?

शरीर को स्वस्थ रखने की शारीरिक क्रियाओं को सामूहिक रूप से शारीरिक शिक्षा कहा जाता है।

शारीरिक शिक्षा का क्या अर्थ है?

शारीरिक शिक्षा का अर्थ शरीर को स्वस्थ रखने से है। शारीरिक शिक्षा को पी.टी. भी कहते हैं। पी.टी. शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द फिजिकल ट्रेनिंग (Physical Training) का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ है शारीरिक प्रशिक्षण।

शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य क्या है?

शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक विकास करना व ज्ञान में वृद्धि करना है।

शारीरिक शिक्षा की श्रेणियाँ

शारीरिक शिक्षा (Physical Education) को आम तौर पर दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: प्राथमिक स्तर, जिसमें ग्रेड K-5 शामिल है, और माध्यमिक स्तर, जिसमें ग्रेड 6-12 शामिल हैं।

शारीरिक शिक्षा का आधुनिक स्वरूप क्या है?

वर्तमान काल में शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम के अंतर्गत व्यायाम, खेलकूद, मनोरंजन आदि विषय आते हैं। साथ साथ वैयक्तिक स्वास्थ्य तथा जनस्वाथ्य का भी इसमें स्थान है। कार्यक्रमों को निर्धारित करने के लिए शरीररचना तथा शरीर-क्रिया-विज्ञान, मनोविज्ञान तथा समाज विज्ञान के सिद्धान्तों से अधिकतम लाभ उठाया जाता है।

आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा का क्या अर्थ है?

शारीरिक शिक्षा Physical Education वह शिक्षा हैं जिसके अंतर्गत छात्रों को स्वस्थ रहने के तरीकों को सिखाया एवं उसकी महत्ता को दर्शाया जाता हैं। इस शिक्षा के अंतर्गत छात्र शरीर की आवश्यकताओं एवं स्वस्थ रहने हेतु विभिन्न कलाओं के विषय मे जानकारी एकत्रित करते हैं।

आधुनिक शारीरिक शिक्षा के जनक कौन है?

शारीरिक शिक्षा के जनक फ्रेडरिक जाह्नवी हैं। वह 1800 के दशक के शुरू में एक शिक्षक था, जो स्कूल में छात्रों को शारीरिक शिक्षा शिक्षण शुरू किया जिसके लिए वह काम कर रहा था ।

आधुनिक जीवन में शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम का क्या महत्व है?

शारीरिक शिक्षा तथा खेल आपस में प्रेम पूर्वक, मिल जुल कर रहना, आपसी भेदभाव समाप्त करना तथा विभिन्न जाति एवं संप्रदाय के साथ आपसी तालमेल के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना सिखाता है। इसके फलस्वरूप इससे सामाजिक सहयोग के भाव उत्पन्न होते हैं।