दोस्तों यह बात तो हम सब जानते हैं कि दिन और रात होते हैं और यह एक प्राकृतिक घटना है पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है आखिर इसके पीछे क्या कारण है दिन और रात होने का। Show दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि दिन और रात कैसे बनते हैं? तो आइए जानते हैं। दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार घूमती रहती है और सूर्य का चक्कर लगाती है पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर पूरे 24 घंटे में पूरा करती है। दिन और रात कैसे होता है Din Raat Kaise Hota Haiदिन और रात का होना पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की वजह से होता है अब आप सोच रहे हो कि पृथ्वी घूमती कैसे हैं पृथ्वी एक जगह स्थित है अगर घूमती तो हमें पता लगता तो चलिए जानते हैं पृथ्वी की गति दो प्रकार की है
घूर्णन गति का अर्थ है पृथ्वी का गेंद की तरह गोल गोल घूमना | परिक्रमण गति का अर्थ है कि किसी वस्तु के चारों ओर चक्कर लगाना | चलिए इसे थोड़ा आसान भाषा में समझाते हैं | पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और वह घूमते घूमते सूर्य का चक्कर लगाती है पृथ्वी का अपने धूरी पर घूमते समय जो हिस्सा सूर्य के सामने होता है वहां पर दिन हो जाता है और जो हिस्सा सूर्य से छिपा होता है वहां पर रात हो जाती है | पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट में लगाती है आसान भाषा में समझो तो पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर एक चक्कर 1 साल में लगता है और पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमते हुए एक चक्कर पूरा 1 दिन में करती है यानी 24 घंटों में |
जब पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट यानी 1 साल में लगाती है तो 1 साल के दिन 365 होते हैं पर जो ऊपर के 6 घंटे 48 मिनट बचते है उनको आगे आने वाले चौथे साल में जोड़ दिया जाता है यानी 4 सालों के छह 6 घंटे मिलाकर 24 घंटे हो जाते हैं जिसकी वजह से हर 4 साल बाद एक लीप वर्ष आता है जिसमें 366 दिन होते हैं | लीप वर्ष में फरवरी के महीने में 29 दिन होते हैं जो 1 दिन एक्स्ट्रा बनता है उसे फरवरी में जोड़ दिया जाता है
दिन कैसे होता हैपृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए यह चक्कर लगाते समय पृथ्वी अपनी धुरी पर गोल गोल घूमती रहती है जब पृथ्वी गोल गोल घूमती है उस समय उसका आधा हिस्सा सूर्य के सामने होता है जिस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है पृथ्वी पर वहां पर दिन होता है और पृथ्वी के जिस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ता है वहां पर रात होती है | दोस्तों मैं आपको एक बात और बता देता हूं पृथ्वी के कुछ ऐसे हीसे हैं जहां पर कई महीनों तक सूर्य अस्त नहीं होता यानी कि वहां पर हर समय सूर्य का प्रकाश पढ़ता रहता है इसलिए वहां पर दिन ही रहता है पृथ्वी का नॉर्वे ऐसा हीसा है जहां पर 6 महीने तक सूरज डूबता नहीं है इस वजह से वहां पर 6 महीने तक दिन ही रहता है | पृथ्वी पर दिन और रात का होना पृथ्वी के खुद के घूमने की वजह से है जब पृथ्वी सूरज के चारों ओर चक्कर लगाते समय घूमती है तो उसका कुछ हिस्सा सूरज के सामने आ जाता है वहां पर सूरज का प्रकाश गिरता है और जो हिस्सा सूरज के सामने नहीं होता वहां पर सूरज का प्रकाश नहीं गिरता वहां पर अंधेरा ही रहता है अंतिम शब्द :दोस्तों आशा करता हूं आपको पता लग गया होगा कि पृथ्वी पर din kaise hota hai और पृथ्वी पर raat kaise hota hai दोस्तों अगर यह पोस्ट आपको पसंद आई है और इस पोस्ट से आपको कुछ नया सीखने को मिला है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना और इस पोस्ट के बारे में अगर आपको कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपको जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे मिलते हैं दोस्तों एक नई पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद Share Telegram Previous articleAaj Ki Barish Hai Kya Hogi आज की बारिश है क्या Next articlePassport Kaise Banwaye पासपोर्ट कैसे बनाएं आसन तरीका krrish Inkhiya https://godsunsat.com/ Hi, I am Krrish Inkhiya, owner of Godsunsat Website. I am a JBT/ETT, Graduate Degree Holder and 32yrs old young Entrepreneur from the City of Hisar. By Profession, I'm a Youtuber, Google Webmaster and SEO optimizer.I know too much about Google AdSense and am interested in Blogging. पृथ्वी पर रात दिन कैसे बनते हैं?How Day and Night are Formed. यही वजह है की पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए जब सूर्य की किरन पृथ्वी के किसी क्षेत्र में पड़ती हैं वहा दिन होता है. और जिस क्षेत्र में सूर्य की किरन नही पड़ती है वहा रात होती है. यानी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, तभी दिन और रात होते हैं.
विश्व को दिन और रात में कौन बनता है?Detailed Solution
पृथ्वी सूर्य के संबंध में लगभग 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक चक्कर घूमती है। यह घूर्णन पृथ्वी पर दिन और रात के चक्र का कारण बनता है।
दिन और रात क्यों बनते हैं?सूर्य की गति को हम सभी देखते हैं, और यही गति दिन और रात का कारण बनती है। दरअसल गति सूर्य की नहीं बल्कि पृथ्वी की है जो सूर्य के चक्कर के साथ अपनी खुद की धुरी पर भी घूमती रहती है। अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने की लिए धरती को 24 घंटे का समय लगता है।
दिन और रात कब बनते हैं?इसी वजह से दिन-रात की बराबरी की अवधि कभी 22 तो कभी 23 सितंबर को होती है। दिन रात बराबर कब होते हैं : प्रत्येक वर्ष में दो दिन यानी 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होते हैं। यह इसलिए ऐसा होता है कि 21 जून को दक्षिणी ध्रुव सूर्य से सर्वाधिक दूर रहता है, इसलिए इस दिन सबसे बड़ा दिन होता है।
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