पढ़ने से नींद क्यों आता है? - padhane se neend kyon aata hai?

सबसे पहले यह जानते हैं आखिर क्यों जब भी आप पढ़ने के लिए बैठते हैं तो कुछ समय बाद ही सोने का मन करने लगता है इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-

  1. उचित मात्रा में भोजन न करना
  2. अपने स्टडी के लिए कोई निश्चित समय सारणी ना तैयार करना
  3. कम उजाला में पढ़ाई करना
  4. दिन व रात दोनों में विषय का बंटवारा
  5. लिखकर तथा बोल कर पढ़ाई नहीं करना

उपरोक्त जितने भी पॉइंट दिए गए हैं इसको नीचे विस्तार से समझते हैं और नींद ना आए पढ़ाई करते हुए उपाय भी जानेंगे।

ज्यादा नींद आने के कारण

आपको भी दिन में एक बार तो झपकी आ जाती होगी। इसके कारण समझते हैं।
उचित मात्रा में भोजन न करना – अगर कोई छात्र उचित मात्रा में तथा तरीके से भोजन नहीं करता है तो उसके साथ यह समस्या आएगी। (आपको मैं बताना चाहूंगा मैं कोई हेल्थ एडवाइजर नहीं हूं अपने एक्सपीरियंस से आपको बता रहा हूं) । जब आप अपने शरीर को भरपूर भोजन नहीं देते हैं तो यह भी आपके लिए खराब है और अधिक मात्रा में खाना खा लेते हैं तो अधिक नींद आना स्वाभाविक है क्योंकि जब आप अधिक स्वादिष्ट भोजन करते हैं तो भोजन में अल्कोहल ( शराब ) होने के कारण आपको नशा आ जाता है। परिणाम स्वरूप छात्र जब पढ़ाई करने बैठते हैं या फिर खाने के कुछ ही देर बाद नींद आ जाता है।

अपने स्टडी के लिए कोई निश्चित समय सारणी ना तैयार करना

नींद आने का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है छात्र अपने स्टडी के लिए उचित या फिर कोई निश्चित टाइम टेबल (समय सारणी) नहीं बनाए हुए रहते हैं। छात्र हमेशा इस कंफ्यूजन में रहते हैं कि उसे पहले यह भारी वाला विषय पढ़ लेना चाहिए उसके बाद हीं हल्के वाले विषय पर ध्यान देना चाहिए और उसका यह रूटीन दिन- प्रतिदिन चेंज होते रहता है। परिणाम स्वरुप छात्र चिंता, डिमोटिवेट हो जाता है और इससे बचने के लिए वह नींद का सहारा लेता है।

कम उजाला में पढ़ाई करना

पढ़ाई करते हुए नींद आने का यह तीसरा कारण है अगर आप कम रोशनी में पढ़ाई करते हैं लिखते हैं तो आपके आंखों पर अधिक दबाव पड़ता है और आपको कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता हैं।

दिन और रात दोनों में विषय का बंटवारा

 विद्यार्थी का गलत विषय का चयन गलत समय पर करने से नींद आने के कारण हो सकते हैं अक्सर विद्यार्थी यह गलती कर बैठते हैं उनको जो विषय सबसे आसान लगता है उसे रात में बहुत देर तक समय देते हैं जो कि बिल्कुल सही नहीं है. आगे के पोस्ट में इसके उपाय यानी के दिन और रात दोनों में विषय का बंटवारा किस प्रकार से किया जाए ताकि परीक्षा में अधिक से अधिक मार्क्स हासिल कर सके और पढ़ाई करते समय नींद जैसे समस्या का सामना उनको ना करना पड़े।


लिखकर व बोल कर पढ़ाई नहीं करना

अगर छात्र को ज्यादा नींद/झपकी आ रहा है तो बस इसका सिंपल सा कारण है पढ़ने का तरीका जो छात्र लिखकर या फिर बोल कर पढ़ाई नहीं करते हैं उसे नींद आना स्वाभाविक है. अभी तक आपने जाना ज्यादा नींद किस कारण से आता है. अब जानते हैं इससे कैसे बचा जाए अर्थात पढ़ते समय नींद ना आए इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

पढ़ते समय नींद ना आए उपाय


उपर्युक्त पैराग्राफ में आपने पढ़ा कि छात्र को किन कारणों से ज्यादा नींद आते हैं और इसके अब उपाय क्या है उसे समझते हैं।

छात्र हमेशा भरपूर मात्रा में भोजन करें- अक्सर देखा जाता है कि पढ़ने के होड़ में खाना पीना भी भूल जाते हैं। छात्रों में पढ़ाई के प्रति फोकस तो होना ही चाहिए लेकिन साथ ही उनको अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए।


विद्यार्थी पढ़ने हेतु एक प्रभावशाली समय सारणी का निर्माण करें

 अब आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा होगा कि सर आप ही बता दें कि कैसे हमे प्रभावशाली समय सारणी तैयार करके पढ़ाई करें। तो आपके इस प्रश्न का आंसर मैं कुछ इस तरह से देना चाहूंगा

“छात्र आपको यह पूरी तरह से स्पष्ट रूप से ज्ञात है कि आपको किस विषय में अधिक जानकारी है या फिर आपको कौनसा सब्जेक्ट मन पसंदीदा है। यह आपको ही मालूम होगा आपका Weak (कमज़ोर) पॉइंट तथा Strong (मजबूत) पॉइंट कौन सा है।

उपाय- जो विषय आपको अधिक भारी लगे उस पर आप अधिक से अधिक समय दें और साथ ही आप को ऐसा लग रहा है कि यह विषय मेंरा Strong है तो उसे भी भारी विषय की तुलना में थोड़ा कम समय दें लेकिन आपको सभी विषय पर समय तो देना ही चाहिए।


प्रॉपर रोशनी में पढ़ने बैठे

 अगर आप प्रभावशाली तरीके से पढ़ाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आवश्यक है आप जब भी पढ़ने बैठे तो उचित रोशनी में ही बैठे। मेरे अनुसार से बल्ब में कम वाट का एल.इ.डी. का इस्तेमाल करें। मर्करी हो तो और भी बेहतर होगा।


अपने विषय को डे एंड नाइट में विभाजन करें

अक्सर छात्र पढ़ने का सिर्फ एक ही समय रखते हैं उन्हें लगता है दिन में पढ़ने से सवाल जल्द ही याद हो जाता है इसके विपरीत किसी छात्र को नाइट में ऐसा लगता है पढ़ने से उनको सारे क्वेश्चन बहुत जल्द ही बन जाएंगे उपरोक्त दोनों अवधारणा अपने- अपने जगह पर बिल्कुल सही है लेकिन परीक्षा में अधिक मार्क्स लाने के लिए डे एंड नाइट दोनों में विषय का विभाजन करके पढ़ना चाहिए और ऐसे पढ़ने से नींद भी नहीं आता है।


बोलकर तथा लिख कर पढ़ना

 लिख -लिखकर पढ़ने से हैंडराइटिंग अच्छा हो जाता है और स्मरण शक्ति भी तेज हो जाती है अगर आपको अपने राइटिंग में सुधार करना है तो यह नीचे का पोस्ट पढ़े।

  • सुंदर राइटिंग कैसे बनाएं

 

दिन में नींद आने के कारण

अक्सर लोगों में यह आदत होती है दिन में सोने का। मैं खुद ही दिन में 1 से 2 घंटे रोज सोता हूं। मैं जानता हूं यह गलत है दिन सोने के लिए नहीं बनाया गया है काम करने के लिए।

अब सवाल यह आता है आखिर क्या करें। सबसे पहले आपके पास एक निश्चित लक्ष्य होना चाहिए जब आप का गोल क्लियर होगा, आपका ड्रीम आपके सामने होगा तो उसे पूरा करने के लिए आपको रात भी छोटा लगने लगेगा। लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें इसके लिए आप यह नीचे का आर्टिकल अवश्य पढ़ें।

  • How To Set Goals In Hindi


FAQs

प्रश्न संख्या 01- नींद भगाने के लिए क्या खाएं?

उत्तर – मैं आपको कभी भी यह सलाह नहीं दूंगा कि आप नींद भगाने के लिए कोई मेडिकल शॉप से कोई दवाई का इस्तेमाल करें। अगर आप कुछ खाना चाहते हैं तो खाना उचित मात्रा में ही खाए अधिक भोजन ना करें। केला, बदाम, अण्डे तथा अखरोट ( इसे इस्तेमाल करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें) ।

प्रश्न संख्या 02- नींद कम करने के लिए योग ?

उत्तर – नींद को कम करने का सबसे आसान तरीका है योग यानी कि व्यायाम करना। आप सुबह में कोशिश करें जितना जल्द हो सके आप जरूर जगें और एक्सरसाइज करना शुरू कर दें।

जब हम पढ़ते हैं तो नींद क्यों आती है?

कभी-कभी थकान के कारण पढ़ने में कम दिमाग लगता है और नींद आने लगती है. जब आप शावर ले लेंगे तो शरीर में सुस्ती आ जाएगी और नींद नहीं आएगी. झपकी ले लें - यदि आपको बार-बार नींद आ रही है और पढ़ाई में आपका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा है तो आप पढ़ाई के साथ जबरदस्ती न करें बल्कि थोड़ी देर के लिए झपकी ले लें.

पढ़ाई के समय नींद आए तो क्या करें?

पढ़ते समय आने वाली नींद को कैसे भगाएं दूर: यह 8 उपाए करेंगे आपकी....
कम रौशनी में कभी ना पढ़ें ... .
बेड पर लेटकर पढ़ने से बचें ... .
अत्यधिक खाने से हो सकता है नुकसान ... .
भरपूर मात्रा में पानी पीने से होगा फ़ायदा ... .
जल्दी सोने और जल्दी उठने का रूटीन अपनाएं ... .
दोपहर के बाद एक छोटी झपकी रखेगी आपको तारोताज़ा.

ज्यादा नींद आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?

हाइपरसोम्निया (अधिक नींद), नींद का एक विकार है जिसके कारण व्यक्ति को दिन में बहुत नींद आती है। इसे दिन में अत्यधिक नींद आना या ईडीएस कहा जाता है। हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) से पीड़ित व्यक्ति को सतत नींद की ज़रूरत महसूस होती है और शायद ही कभी पूरी तरह से उसे आराम महसूस हो पाता है।

नींद आना कैसे बंद करें?

2) खूब सारा पानी पीएं- नींद आने का एक मुख्य कारण यह भी है की आप सही मात्रा में पानी नहीं पी रहे हों। टाइम ट्रैक रखें और पानी की सही मात्रा पीएं। आपको दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए। 3) टहलने से भाग जाएगी नींद- अगर ऑफिस टाइम में आपको बार बार झपकी आ रही है तो आप इसे भगाने के लिए कुछ देर टहल सकते हैं।