सरस्वती पत्रिका का संपादन कौन से युग में हुआ? - sarasvatee patrika ka sampaadan kaun se yug mein hua?

इसे सुनेंरोकेंलगभग अस्सी वर्षों तक यह पत्रिका निकली I अंतिम बीस वर्षों तक इसका सम्पादन पंडित श्रीनारायण चतुर्वेदी तथा बिलकुल अंत में निशीथ राय ने किया। 40 वर्षों के अंतराल बाद ‘सरस्वती’ का पुनः प्रकाशन 2020 से शुरू किया गया। सम्पादक बने डॉ देवेन्द्र शुक्ल तथा सहायक संपादक बने अनुपम परिहार।

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महावीर प्रसाद द्विवेदी सरस्वती के संपादक कब बने?

इसे सुनेंरोकेंआचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने जनवरी 1903 से दिसंबर 1920 तक इसका संपादन किया। यह पत्रिका का स्वर्णिम काल था। सरस्वती के संपादक रहे पं. देवीदत्त शुक्ल के पौत्र व्रतशील शर्मा बताते हैं कि ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने गद्य व पद्य को एक करके उसे खड़ी बोली के रूप में पहचान दिलाई।

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सरस्वती पत्रिका कब प्रकाशित हुई?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती पत्रिका का प्रकाशन संस्थापक बाबू चिंतामणि घोष ने जनवरी 1900 में आरंभ कराया। इसके संपादक मंडल में श्याम सुंदर दास, किशोरीलाल गोस्वामी, बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री, जगन्नाथदास रत्नाकर, बाबू राधाकृष्ण दास थे। पत्रिका का संपादन 1901 में श्यामसुंदर दास को मिला।

सरस्वती पत्रिका के सन 1903 में कौन संपादक थे?

इसे सुनेंरोकेंप्रारम्भ १९००। १९०३-१९२० तक सरस्वती पत्रिका के सम्पादक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। प्रकासन इलाहाबाद से प्रारम्भ हुआ। पत्रिका मूल्य -४ आना।

मर्यादा पत्रिका के संपादक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंसन १९२१ ई० से श्री शिवप्रसाद गुप्त कस संचालन में और सम्पूर्णानन्द जी के संपादकत्व में “मर्यादा” ज्ञानमण्डल से प्रकाशित हुई। असहयोग आन्दोलन में उनके जेल चले जाने पर धनपत राय प्रेमचन्द स्थानापन्न संपादक हुए।

पत्रिका के संपादक कौन हैं?

द्विवेदी युग की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं और संपादक

क्रमपत्रिका का नामसम्पादक1.सरस्वतीआचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी2.समालोचकचन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’3.इन्दुअम्बिका प्रसाद गुप्त4.प्रतापगणेशशंकर विद्यार्थी

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महावीर प्रसाद द्विवेदी के बाद सरस्वती पत्रिका के संपादक कौन थे?

सरस्वती पत्रिका

प्रकाशकसम्पादकमहावीर प्रसाद द्विवेदी, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, देवीदत्त शुक्ल, श्रीनाथ सिंह, देवीलाल चतुर्वेदी और श्रीनारायण चतुर्वेदीभाषाहिन्दीअवधिमासिकप्रकाशन का स्थान

महावीर प्रसाद द्विवेदी से पूर्व सरस्वती पत्रिका के संपादक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंदेवी दत्त शुक्ल देवीदत्त शुक्ल (१८८८ –) हिन्दी के साहित्यकार एवं पत्रकार थे। महावीर प्रसाद द्विवेदी के बाद सरस्वती पत्रिका के सम्पादन का गुरुतर भार सन् १९२५ से १९२७ फिर १९२९ – १९४६ तक शुक्ल जी ने ही सँभाला। शुक्ल जी ने २७ वर्षों तक “सरस्वती” का सम्पादन किया। .

सरस्वती पत्रिका किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंमहावीरप्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्वती’ पत्रिका के माध्यम से ज्ञानवर्धन करने के साथ-साथ नए रचनाकारों को भाषा का महत्त्व समझाया व गद्य और पद्य के लिए राह निर्मित की।

सरस्वती के प्रकाशक कौन थे?

द्विवेदी युग के प्रवर्तक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्‍न 52- द्विवेदी युग के प्रवर्तक कौन थे। उत्‍तर – महावीर प्रसाद द्विवेदी ।

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माधुरी हंस मर्यादा किसकी पत्रिका है?

इसे सुनेंरोकेंमाधुरी पत्रिका का प्रकाशन अगस्त १९२१ ई० में लखनऊ से हुआ। इसके संपादक विष्णुनारायण भार्गव थे। प्रारम्भ में कई वर्ष तक इसके संपादक दुलारेलाल भार्गव और रूपनारायण पाण्डेय थे। बाद में प्रेमचन्द और कृष्णबिहारी मिश्र ने इसका संपादन किया।

Saraswati patrika ke sampadak kaun hai | Saraswati patrika ke pratham sampadak kaun hai |सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक कौन हैं | सरस्वती पत्रिका के प्रसिद्ध संपादक कौन है – सरस्वती का समाज और साहित्य में योगदान – विभिन्न कालखंडो में अनेक पत्रिका और संपादन ने समाज के बिच चेतना और उत्साह जगाया हैं. साथ ही भाषओं को भी मजबूती दी हैं. वर्तमान में हिंदी भाषा में अनेक पत्रिका प्रकाशित होती हैं. लेकिन आजादी के पहले हिंदी भाषा में प्रकाशन बहुत मुश्किल होता था. क्योंकि अंग्रेज भाषा की ताकत हो जानते थे. और वह कभी नही चाहते थे. की हिंदी भाषा भारतीयों की ताकत बने. इसी बिच सन 1900 से सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन शुरू हुआ.

इस आर्टिकल में हम जानेगे की सरस्वती का प्रकाशन कौनसे युग में हुआ था. तथा इसके सबसे प्रथम और प्रसिद्ध संपादक कौन थे. साथ ही सरस्वती का भारतीय समाज और हिंदी साहित्य में महत्त्व को भी विस्तार से समझेगे.

सरस्वती पत्रिका का संपादन कौन से युग में हुआ? - sarasvatee patrika ka sampaadan kaun se yug mein hua?
सरस्वती पत्रिका का संपादन कौन से युग में हुआ? - sarasvatee patrika ka sampaadan kaun se yug mein hua?

अनुक्रम

  • सरस्वती पत्रिका किस युग में प्रकाशित हुई है
  • सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक का नाम क्या था – सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक कौन हैं | Saraswati patrika ke pratham sampadak kaun hai
  • सरस्वती पत्रिका के प्रसिद्ध संपादक कौन है – सरस्वती का समाज और साहित्य में योगदान
  • सरस्वती के संपादक की सुंची
  • सरस्वती का अंतिम प्रकाशन और पुन प्रकाशन
  • सरस्वती पत्रिका के वर्तमान में संपादक कौन हैं |Saraswati patrika ke sampadak kaun hai
  • निष्कर्ष

सरस्वती पत्रिका किस युग में प्रकाशित हुई है

सरस्वती हिंदी की खड़ी बोली भाषा की पहली पत्रिका थी. आज के समय हिंदी भाषा में अनेक पत्रिका प्रकाशित होती हैं. लेकिन उस समय में सिर्फ सरस्वती ही हिंदी भाषा की सरस्वती थी. हिंदी भाषा को प्रबल और संपन्न बनाने के लिए सरस्वती पत्रिका का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता हैं. इस पत्रिका का प्रकाशन सन 1900 में जनवरी मास में प्रारंभ हुआ था.

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सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक का नाम क्या था – सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक कौन हैं | Saraswati patrika ke pratham sampadak kaun hai

सरस्वती पत्रिका इंडियन प्रेस के इलाहबाद प्रेस में छपती थी. इस पत्रिका का मूल्य उस जमाने में मात्र 4 आना होता था. सरस्वती सिर्फ पत्रिका नहीं होकर साहित्य थी. सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक बाबु श्यामसुन्दर दास थे. चूँकि श्यामसुन्दर दास अपने कार्य व्यस्तता के कारन सरस्वती को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे. अंत श्यामसुंदर दास की सहायता के लिए इडियन प्रेस के मालिक चिंतामणी घोष ने चार अन्य संपादक भी नियुक्त लिए थे.

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इस चार सहायक संपादको के नाम किशोरी लाल गोस्वामी, कार्तिक प्रसाद खत्री, बाबु राधाकृष्ण दास और जगन्ननाथ रत्नाकर था.

सरस्वती पत्रिका के प्रसिद्ध संपादक कौन है – सरस्वती का समाज और साहित्य में योगदान

सन 1903 में सरस्वती के संपादक का कार्यभाल महावीर प्रसार द्विवेदी ने संभाला और 1920 तक इसके संपादक रहे. इसी काल को सरस्वती का स्वर्ण काल भी कहा जाता हैं. क्योंकि महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती के माध्यम से नए रचनाकारों को भाषा के महत्त्व को समझाया. कही बड़े साहित्यकारों के निर्माण में इस पत्रिका की भूमिका रही हैं. जिसमे हरिऔध, मैथिलीशरण से लेकर निराला तक शामिल हैं. सरस्वती पत्रिका के प्रसिद्ध संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं.

महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती के संपादक के तौर पर राष्ट्रीयता और देशप्रेम का प्रसार किया. सरस्वती के प्रकाशन से हिंदी भाषा और खडी बोली को बहुत पोत्साहन मिला. जिससे साहित्य की समृध्दी बढ़ी थी.

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महावीर प्रसाद द्विवेदी की सरस्वती के संपादक बनने की कहानी भी बहुत रोचक हैं. प्रसाद जी सरस्वती से पहले रेलवे में अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. चूँकि श्यामसुन्दर दास अपने कार्य व्यस्तता के कारन सरस्वती को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे. अंत इंडियन प्रेस के मालिक चिंतामणी घोष को एक नए संपादक की तलाश थी.

सरस्वती पत्रिका का संपादन कौन से युग में हुआ? - sarasvatee patrika ka sampaadan kaun se yug mein hua?
सरस्वती पत्रिका का संपादन कौन से युग में हुआ? - sarasvatee patrika ka sampaadan kaun se yug mein hua?

अपनी रेलवे की नौकरी पर रहते हुए. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती की गलतियों पर आलोचनात्मक प्रतिक्रिया देते हुए पत्र लिखा. फिर क्या था चिंतामणी घोष की संपादक की ख़ोज महावीर प्रसाद द्विवेदी पर समाप्त हुई. उन्होंने प्रसाद जी को संपादक का कर्यभाल संभालने का अनुरोध किया.

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इसी समय प्रसाद जी का भी अपने रेलवे की नौकरी में अधिकारी से विवाद हो गया था. अंत उन्होंने संपादक के कार्यभाल को संभालने का निर्णय ले लिया. इस प्रकार से प्रसाद जी ने 150 रूपये और 50 रूपसे भत्ता की नौकरी से इस्तीफा दे कर 20 रूपये तनख्खा और तीन रूपये डाक खर्च में सरस्वती के संपादक का कार्यभाल संभाला था.

सरस्वती के संपादक की सुंची

निचे सरस्वती पत्रिका के संपादको की सुंची उनके कार्यकाल के अनुसार दी गई हैं.

  • जगन्नाथदास रत्नाकर, श्यामसुन्दर दास, राधाकृष्ण दास, कार्तिक प्रसाद खत्री, किशोरी लाल गोस्वामी : (जनवरी 1900 — 1901)
  • श्यामसुन्दर दास(1899 — 1902)
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी(1903 — 1921)
  • कामताप्रसाद गुरु(1920)
  • पदुमलाल पन्नालाल बख्शी(1921)
  • देवी दत्त शुक्ल(1925)
  • हरिकेशव घोष, व्यवस्थापकइण्डियन प्रेस (1926)
  • उदयनारायण वाजपेयी (सहायक), गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’, देवी दयाल चतुर्वेदी, हरिभाऊ उपाध्याय, देवी प्रसाद शुक्ल, शंभु प्रसाद शुक्ल, ठाकुर प्रसाद मिश्र(1928 –1933)
  • श्रीनाथ सिंह(1934 — 1938)
  • लल्लीप्रसाद, उमेश चंद्र मिश्र (संयुक्त सम्पादक, 1935 — 1945)
  • श्रीनारायण चतुर्वेदी(1955 — 1976)
  • निशीथ राय (1977 से जून 1980 )
  • देवेन्द्र शुक्ल (2020 से.. )

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सरस्वती का अंतिम प्रकाशन और पुन प्रकाशन

अस्सी वर्ष तक लगातार ये पत्रिका निकली और 1980 में इसका प्रकाशन बंद हो गया. जब सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन बंद हुआ. तब इसके संपादक निशीथ राय थे. और वर्तमान में फिर से 40 साल के बाद 17 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हदृय नारायण दीक्षित के द्वारा सरस्वती के पुन प्रकाशन का लोकार्पण किया गया.

सरस्वती पत्रिका के वर्तमान में संपादक कौन हैं |Saraswati patrika ke sampadak kaun hai

इंडियन प्रेस के वर्तमान निर्देशक सुप्रीतक घोष ने देवेन्द्र शुक्ल और सह संपादक अनुपम परिहार को संपादक के रूप में नियुक्त किया हैं. अब फिर से हिंदी भाषा की सरस्वती का प्रकाशन चालू होगा. और हम उम्मीद करते हैं की सरस्वती पहले की तरह ही फिर से हिंदी साहित्यकारों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगी.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Saraswati patrika ke sampadak kaun hai | Saraswati patrika ke pratham sampadak kaun hai) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको सरस्वती पत्रिका के बारे में विस्तार से बताना हैं. इस आर्टिकल में हमने बताया की सरस्वती का युग सन 1900 से 1980 तक रहा हैं. तथा इसके प्रथम संपादक का नाम श्यामसुन्दर दास हैं. वही सबसे प्रसिध्द संपादक का नाम महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं. सरस्वती ने हिंदी साहित्य के कही बड़े साहित्यकारों का निर्माण किया हैं. सरस्वती का समाज और साहित्य में योगदान अग्रणीय हैं.

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सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन कौन से युग में हुआ?

सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन संस्थापक बाबू चिंतामणि घोष ने जनवरी 1900 में आरंभ कराया। इसके संपादक मंडल में श्याम सुंदर दास, किशोरीलाल गोस्वामी, बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री, जगन्नाथदास रत्नाकर, बाबू राधाकृष्ण दास थे। पत्रिका का संपादन 1901 में श्यामसुंदर दास को मिला।

सरस्वती पत्रिका का संपादन कब से शुरू हुआ?

ब्रिटिश हुकूमत में इंडियन प्रेस के संस्थापक बाबू चिंतामणि घोष ने सन 1900 में सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन आरंभ कराया था। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने जनवरी 1903 से दिसंबर 1920 तक इसका संपादन किया। यह पत्रिका का स्वर्णिम काल था।

सरस्वती पत्रिका के संपादक कौन है?

वर्तमान में सरस्वती के संपादक अनुपम परिहार व रविनन्दन सिंह हैं

हंस कौन से युग की पत्रिका है?

हंस 'हंस' छायावाद की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसका प्रकाशन मासिक पत्रिका के रूप में काशी से सन् 1930 में प्रारम्भ किया गया । इसके संपादक प्रेमचंद जी थे।