सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करना चाहिए? - saans lene mein takaleeph ho to ghareloo upaay kya karana chaahie?

सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करना चाहिए? - saans lene mein takaleeph ho to ghareloo upaay kya karana chaahie?

Show

Home Remedies: सांस लेने की समस्या से निजात दिलाते हैं ये उपाय.

Home Remedies: जरा तेजी से चलने पर, कुछ कदम सीढ़ियां चढ़ने पर या 5 मिनट दौड़ लेने पर आपकी सांस फूलने लगती है तो आपको इस दिक्कत को थोड़ा गंभीरता से लेना शुरु कर देना चाहिए. ये दिक्कत आगे चलकर आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है, वैसे भी सांस संबंद्धी दिक्कतों (Breathing Problems) में टालमटोल नहीं करना चाहिए. सांस फूलने (Shortness of Breath) की समस्या अगर हल्की-फुल्की हो तो आप इससे घर में रहकर भी छुटकारा पा सकते हैं. इससे आपकी थोड़ा सा हिलने-डुलने से सांस फूलने की समस्या दूर हो जाएगी और जरूरत से ज्यादा बढ़ेगी भी नहीं. 

यह भी पढ़ें

सांस फूलने की समस्या के लिए घरेलू उपाय | Home Remedies for Shortness of Breath


अदरक 

अगर श्वास तंत्र में किसी तरह की सूजन या हल्के दर्द के चलते सांस लेने में परेशानी आती है तो अदरक (Ginger) बेहद फायदेमंद साबित होता है. आप अदरक को गर्म पानी में डालकर उसकी चाय बनाकर पी सकते हैं. इससे आपको राहत महसूस होगी. 
 

ब्लैक कॉफी 

अगर आपको ब्लैक कॉफी सूट करती है तो आप इसे पी सकते हैं. ब्लैक कॉफी (Black Coffee) में कैफीन होता है जो श्वास नली को साफ करने में सहायक है. इसे श्वास नली की मसल्स को भी आराम मिलता है. इसलिए इसे पीने से सांस फूलने की दिक्कत कम होती है. 

भांप लेना 

अगर हल्के सर्दी-जुकाम के कारण सांस लेने में दिक्कत हो तो भांप लेना बेहद फायदेमंद साबित होता है. आप सादे पानी को उबालकर भांप (Steam) ले सकते हैं या भांप वाली मशीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. 

शहद 

शहद (Honey) स्किन और बालों के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही आप इसके सेवन से सांस में कमी या सांस फूलने की दिक्कत से भी राहत पा सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बस रात में सोने से पहले एक चम्मच शहद का सेवन करना है. ऐसा करने पर आपकी श्वास नली साफ होगी और अगर आपको खांसी की दिक्कत है तो उसमें भी राहत मिलेगी. 

होंठ दबाकर सांस लेना 

ये एक कारगदर ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercise) है. इसे करने के लिए आपको होंठो को दबाकर 3-4 सेकंड का लिए सांस लेकर रोकनी है और फिर सांस छोड़ देनी है. इसे करने से आपके फेफड़ों को भी फायदा मिलता है और सांस फूलने (Breathlessness) की दिक्कत नहीं होती. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

कोविड काल में कैसे रहें हेल्‍दी, जानें एक्‍स्‍पर्ट यास्मीन कराचीवाला से

सांस लेने में दिक्कत को डिस्पनिया कहा जाता है. यह ऐसी असहज स्थिति है, जिसके कारण फेफड़ों तक हवा ठीक से नहीं पहुंच पाती है. कुछ लोगों को यह समस्या कम समय के लिए अचानक होती है. वहीं, कुछ को लंबे समय के लिए सांस लेने की दिक्कत होती है, जो कई सप्ताह तक चल सकती है. आगे झुककर बैठने, टेबल पर सिर झुकाकर बैठने, कॉफी पीने, पंखे का इस्तेमाल करने जैसी घरेलू उपाय से सांस लेने में होने वाली दिक्कत को ठीक करने में मदद मिलती है.

आज इस लेख में हम सांस लेने में दिक्कत होने पर इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे -

(और पढ़ें - सांस फूलने में तकलीफ हो तो क्या करें)

  1. सांस लेने में दिक्कत के घरेलू उपाय
    • पंखे का इस्तेमाल
    • कॉफी पीना
    • होंठ गोल करके सांस लेना
    • आगे झुककर बैठना
    • टेबल की मदद से आगे झुकना
    • सहारा लेकर खड़े होना
    • बांहों की मदद से खड़े रहना
    • रिलैक्स पोजीशन में सोना
    • डायाफ्रामिक सांस लेना
  2. सारांश

सांस लेने में दिक्कत के लिए घरेलू उपाय के डॉक्टर

सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करना चाहिए? - saans lene mein takaleeph ho to ghareloo upaay kya karana chaahie?

सांस लेने में दिक्कत के घरेलू उपाय

सांस लेने में दिक्कत से व्यक्ति को अच्छा महसूस नहीं होता, उसे ऐसा लगता है मानो वह और नहीं जी पाएगा. इस स्थिति में कॉफी पीने, पंखे की हवा खाने, आगे झुककर बैठने, टेबल पर सिर झुकाकर बैठने जैसे घरेलू उपाय से सांस लेने में दिक्कत को काफी हद तक कंट्रोल में लाया जा सकता है. आइए, सांस लेने में दिक्कत के घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

पंखे का इस्तेमाल

शोध और एक्सपर्ट दोनों मानते हैं कि पंखे से आने वाली ठंडी हवा सांस लेने में दिक्कत को कम करती है. इसके लिए हाथ में पकड़ने वाले छोटे पंखे का इस्तेमाल करना सही रहता है.

(और पढ़ें - सांस की बीमारी का इलाज)

कॉफी पीना

शोध बताते हैं कि कैफीन के सेवन से अस्थमा वाले लोगों की हवा की नली में मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं. इसकी वजह से 4 घंटे तक के लिए फेफड़ों के कामकाज में सुधार आता है. यह कुछ केमिकल के उन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है, जो सांस लेने में दिक्कत का कारण बनते हैं.

यहां हम स्पष्ट कर दें कि कैफीन का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसके स्टिमूलेन्ट प्रभाव के चलते ज्यादा कैफीन का सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है. खासकर, तब जब उस व्यक्ति को दिल की बीमारी भी हो.

(और पढ़ें - सांस फूलना)

होंठ गोल करके सांस लेना

अगर पैनिक की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, तो होंठ गोल करके सांस लेना इसे ठीक करने का यह सबसे सही घरेलू उपाय है. इस तरह से सांस लेने से फेफड़ों को ठीक तरह से काम करने में मदद मिलती है. इससे फेफड़ों में फंसी हवा को बाहर निकालने में मदद मिलती है. किसी भी समय सांस लेने में दिक्कत का अनुभव करते समय ऐसा करने से राहत मिलती है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है -

  • सबसे पहले गर्दन व कंधे की मांसपेशियों को रिलैक्स करें.
  • फिर नाक से लंबी गहरी सांस लेनी है, इस समय मुंह बंद होना चाहिए.
  • अब होंठों को इस तरह गोल आकार देना है, जैसे सीटी बजाते समय गोल किया जाता है.
  • अब धीरे-धीरे होंठों के जरिए सांस को चार बार में बाहर करना है.

(और पढ़ें - सांस फूलने के घरेलू नुस्खे)

आगे झुककर बैठना

इस पोजीशन में बैठने से शरीर को आराम मिलता है और सांस लेने में आसानी रहती है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है -

  • किसी कुर्सी पर बैठकर पैरों को जमीन पर रखना है.
  • फिर छाती को थोड़ा आगे की ओर झुकाना है.
  • अब कोहनियों को घुटनों पर रखना है या हाथ से ठुड्डी को पकड़ना है. इस समय गर्दन और कंधे की मांसपेशियां रिलैक्स रहनी चाहिए.
  • इस पोजीशन को “ट्राइपॉड स्टैन्स” कहा जाता है, जिसका मतलब फेफड़ों के लिए चेस्ट कैविटी में अधिक स्पेस बनाना है. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज में भी यह मददगार है, लेकिन अधिक मोटे लोगों के लिए यह प्रक्रिया सही नहीं है.

(और पढ़ें - ऊपरी सांस नली में रुकावट)

टेबल की मदद से आगे झुकना

सांस लेने में दिक्कत को ठीक करने का यह एक आसान तरीका है, लेकिन इसके लिए टेबल और कुर्सी दोनों की जरूरत पड़ती है. इसे ऐसे करना चाहिए -

  • कुर्सी पर बैठकर पैर जमीन पर बराबर होने चाहिए. मुंह टेबल की ओर होना चाहिए. 
  • छाती को आगे की ओर करना है और बांहों को टेबल पर टिकाना है. 
  • टेबल पर बांह या किसी तकिये को रखकर सिर टिकाकर आराम करना है. 
  • यह पोजीशन ट्राइपॉड ब्रीदिंग का एक अन्य फॉर्म है और इससे फेफड़ों में अधिक स्पेस बनती है.

(और पढ़ें - सांस फूलने की होम्योपैथिक दवा)

सहारा लेकर खड़े होना

इस तरह से खड़े होने से बॉडी और हवा के रास्ते को रिलैक्स होने में मदद मिलती है. इसे करने का तरीका इस प्रकार है -

  • किसी दीवार के नजदीक खड़े होकर कूल्हों को दीवार के साथ सटा लें.
  • पैरों को कंधे के बराबर फैलाना है और हाथों को जांघों पर रखना है.
  • कंधों के रिलैक्स होते ही आगे की ओर झुकना है और हाथों को आगे रखना है.

(और पढ़ें - गहरी सांस लेने के फायदे)

बांहों की मदद से खड़े रहना

इस पोजीशन को टेबल की मदद से किया जा सकता है. इसे ऐसे कर सकते हैं - 

  • किसी टेबल या अन्य फर्नीचर के नजदीक खड़े होना है, लेकिन ध्यान रखना है कि यह फर्नीचर कंधे की हाइट से ठीक नीचे होना चाहिए.
  • इस पर अपने हाथ या कुहनी को रखकर आराम करना है.
  • फिर बांहों पर सिर को टिकाना है और कंधे को रिलैक्स करना है.

(और पढ़ें - गर्भावस्था में सांस फूलना)

रिलैक्स पोजीशन में सोना

कुछ लोगों को स्लीप एपनिया की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे व्यक्ति बार-बार जागता है. इससे उसकी नींद ठीक से पूरी नहीं हो पाती है. इसलिए, पैरों के बीच में तकिया रखकर करवट लेकर सोना है. इस पोजीशन से बॉडी और सांस लेने के रास्ते रिलैक्स होते हैं, जिससे सांस लेने की दिक्कत कम होती है.

(और पढ़ें - दम घुटने का इलाज)

डायाफ्रामिक सांस लेना

डायाफ्रामिक सांस लेना भी सांस की तकलीफ को ठीक करने में मदद कर सकता है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है -

  • सबसे पहले आराम से कुर्सी पर बैठना है, इस समय कंधे, सिर और गर्दन रिलैक्स रहने चाहिए.
  • पेट पर हाथ रखना है.
  • नाक के जरिए धीरे-धीरे सांस लेनी है.
  • अब होंठों को गोल करके मुंह के जरिए सांस को बाहर करना है. सांस बाहर छोड़ते समय पेट अंदर की ओर जाना चाहिए.
  • सांस अंदर लेने से ज्यादा सांस बाहर करने पर ध्यान देना चाहिए. सांस अंदर लेने की तुलना में सांस बाहर करने में समय लगना चाहिए.
  • इस प्रक्रिया को 5 मिनट के लिए दोहराना है.

(और पढ़ें - हांफने का इलाज)

सारांश

सांस लेने में दिक्कत होने पर व्यक्ति को बहुत असहज महसूस होता है. इससे राहत पाने में पंखे का इस्तेमाल, कॉफी पीना, रिलैक्स पोजीशन में सोने, होंठ गोल करके सांस लेने जैसे घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं. अगर घरेलू उपाय करने पर भी सांस लेने में दिक्कत हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

(और पढ़ें - एक्सरसाइज से होने वाला अस्थमा)

शहर के ओटोलरैंगोलोजिस्ट खोजें

  1. चेन्नई के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  2. गुडगाँव के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  3. भोपाल के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  4. राजकोट के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  5. कोलकाता के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  6. बैंगलोर के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  7. जयपुर के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  8. गाज़ियाबाद के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  9. दिल्ली के ओटोलरैंगोलोजिस्ट
  10. ग्वालियर के ओटोलरैंगोलोजिस्ट

सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करना चाहिए? - saans lene mein takaleeph ho to ghareloo upaay kya karana chaahie?

सांस लेने में दिक्कत के लिए घरेलू उपाय के डॉक्टर

सम्बंधित लेख

सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करना चाहिए? - saans lene mein takaleeph ho to ghareloo upaay kya karana chaahie?

सांस लेने में तकलीफ हो तो घरेलू उपाय क्या करें?

सांस फूलने की समस्या के लिए घरेलू उपाय | Home Remedies for Shortness of Breath.
ब्लैक कॉफी.
भांप लेना.
होंठ दबाकर सांस लेना.

सांस की तकलीफ को कैसे दूर किया जा सकता है?

सांस की तकलीफ दूर करने के लिए लोग दवाइयों पर निर्भर रहते हैं..
सांस लेने की एक्सरसाइज करें- सांस लेने की एक्सरसाइज करने के लिए 2 बार नाक से धीमी सांस लें और इस दौरान मुंह को बंद रखें, जैसे सीटी बजाते समय होठों को करते हैं. ... .
पेट से गहरी सांस लें- सांस फूलने की तकलीफ पेट से गहरी सांस लेने से दूर हो जाती है..

सांस की तकलीफ क्यों होती है?

इन कारणों से भी हो सकती है ऐसी दिक्कत एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं का कम स्तर)- जिन लोगों में एनीमिया की दिक्त होती है उनमें भी अक्सर सांस की तकलीफ बनी रहती है। अस्थमा के रोगियों में सांस की समस्या होना सामान्य है। चिंता-तनाव की स्थिति भी इस जोखिम को बढ़ा सकती है। हृदय या फेफड़ों की समस्या।

सांस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

रोफ्लेयर टैबलेट का उपयोग क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को रोकने के लिए किया जाता है, फेफड़ों के विकारों का समूह जिसमें फेफड़ों में हवा का प्रवाह अवरुद्ध होता है और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस हो जाता है. यह वायुमार्ग खोलकर काम करता है और सांस लेना आसान बनाता है.