चित्रपट संगीत का क्या अर्थ है? - chitrapat sangeet ka kya arth hai?

शास्त्रीय एवं चित्रपट दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व का आधार क्या होना चाहिए? कुमार गंधर्व की इस संबंध में क्या राय है? स्वयं आप क्या सोचते हैं?


कुमार गंधर्व के अनुसार शास्त्रीय और चित्रपट दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व का आधार रसिक को आनंद प्रदान करने की क्षमता होना चाहिए। शास्त्रीय संगीत भी यदि रंजक न होगा तो वह नीरस ही कहा जाएगा। वह अनाकर्षक प्रतीत होगा और कुछ कमी-सी लगेगी। गाने में गानपन का होना आवश्यक है। रंजकता का मर्म रसिक पाठ के साथ कैसे प्रस्तुत किया गया है, यही दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व को प्रकट करता है।

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चित्रपट संगीत ने लोगों के कान बिगाड़ दिए- अकसर यह आरोप लगाया जाता रहा है। इस संदर्भ में कुमार गंधर्व की राय और अपनी राय लिखें।


शास्त्रीय संगीतकार प्राय: यह आरोप लगाते हैं कि चित्रपट संगीत ने लोगों के कान बिगाड़ दिए हैं अर्थात् लोगों के कानों को चित्रपट संगीत अधिक लुभाता है। इसने उनकी रुचि को बिगाड़ दिया है। लेखक कुमार गंधर्व का विचार है कि यह कथन सही नहीं है। चित्रपट संगीत ने लोगों के कान बिगाड़े नहीं हैं उलटे सुधार दिए हैं।

हमारा विचार भी कुमार गंधर्व से मिलता है। हमारा मत भी यह है कि चित्रपट संगीत ने लोगों में संगीत के प्रति रुचि जाग्रत की है जबकि शास्त्रीय संगीत केवल एक वर्ग तक सिमट कर रह गया था। चित्रपट संगीत ने कर्णप्रिय संगीत रचने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।

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कुमार गंधर्व ने लिखा है-चित्रपट संगीत गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है? क्या शास्त्रीय गायकों को भी चित्रपट संगीत से कुछ सीखना चाहिए? कक्षा में विचार-विमर्श करें।


दोनों प्रकार के संगीतकारों को एक-दूसरे से कुछ नया सीखने का भाव होना चाहिए। शास्त्रीय संगीतकार स्वयं को चित्रपट संगीत से अछूता नहीं रख सकते।

संगीत के बारे में यह भी जानें

टिप्पणी:

1. त्रिताल या तीन सताल-यहसोलह मात्राओं का ताल है। इसमें चार-चार मात्राओं के चार विभाग होते हैं।

2. राग मालकौंस-भैरवी थाट का राग है। इसमें रे और प वर्जित है। इसमें सब स्वर कोमल लगते हैं। यह गंभीर प्रकृति का लोकप्रिय राग है।

3. मध्य या दुतलय-लय तीन प्रकार की होती है:

(i) विलंबितलय (धीमी)

(ii) मध्यलय (बीच की)

(iii) द्रुतलय(तेज)

4. मध्यलय से दुगुनी और विलंबितलय से चौगुनी तेज लय दद्रुतलय कहलाती है।

5. गानपन - जो गायकी एक आम इंसान को भी भावविभोर कर दे।

6. स्वर मालिकाएँ-स्वरों की मालाएँ। स्वर मालिका में बोल नहीं होते।

7. ऊँची पट्टी-ऊँचे (तारसप्तक के) स्वरों का प्रयोग।

8. आघात (Beats)-गायन या वादन के समय मात्राओं के अनुसार ताल का प्रयोग।

9. जलदलय -द्रुत लय (तेज)।

10. लोच - स्वरों का बारीक प्रयोग।

11. रंजक - दिल को लुभाने वाला।

12. ऋतुचक्र - कुछ राग ऋतुओं के अनुसार गाये जाते हैं, जैसे वसंत में राग बसंत तथा वर्षा ऋतु में राग मल्हार।

13. ध्वनि मुष्टिका - आवाज।

14. पक्कापन - परिपक्वता (Maturity)

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“संगीत का क्षेत्र ही विस्तीर्ण है। वहाँ अब तक अलक्षित, असंशोधित और अदृष्टिपूर्व ऐसा खूब बड़ा प्रांत है तथापि बड़े जोश से इसकी खोज और उपयोग चित्रपट के लोग करते चले आ रहे हैं।,” इस कथन को वर्तमान फिल्मी संगीत के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।


यह पूर्णत: सत्य है कि संगीत का क्षेत्र बड़ा विस्तीर्ण है। इसमें शास्त्रीय संगीत को विशेष महत्त्व दिया जाता रहा है। पर शास्त्रीय संगीत का भी रंजक होना आवश्यक है अन्यथा वह नीरस हो जाता है। शास्त्रीय संगीत की एक सुदीर्घ परंपरा चली आ रही है। चित्रपट के लोग इस संगीत का प्रयोग अपनी फिल्मों में निरंतर करते चले आ रहे हैं। गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव है, जबकि लय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म है। चित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है जबकि शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है और इसकी लयकारी बिल्कुल अलग होती है, आसान होती है। चित्रपट संगीत में गीत और आघात को अधिक महत्त्व दिया जाता है।

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Published in Journal

Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education [JASRAE] (Vol:12/ Issue: 2)
DOI: 10.29070/JASRAE
Authors:
Komal Vashistha*, Kiran Hooda,
Subjects:
Multidisciplinary Academic Research

Year: Jan, 2017
Volume: 12 / Issue: 2
Pages: 1221 - 1227 (7)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2230-7540
DOI:
Published URL: http://ignited.in/I/a/150557
Published On: Jan, 2017

चित्रपट संगीत का क्या अर्थ है? - chitrapat sangeet ka kya arth hai?


Filmi song

The song used in movies is called film song or film music. Filmi song is also used in films and classical music is also used.

In the film song, people take care of certain things, people try to record well before making the song and trying to make it very attractive.


फिल्मी गीत

जिस गाने का प्रयोग फिल्मों में हुआ है उसे फिल्मी गीत या चित्रपट संगीत कहते हैं। चित्रपट मतलब ही है फिल्म। फिल्मों में भाव संगीत भी उपयोग होता है और शास्त्रीय संगीत भी।

फिल्मी गीत में कुछ बातों का ख्याल रखते हैं लोग, गाना तैयार करने के पहले अच्छी तरह से रिकॉर्ड करना और बहुत आकर्षक बनाने की कोशिश रहती है।


#Find any song notation on harmonium by ear Identify Notes Sargam Swaras

#How to sing Bollywood songs (Learn) play harmonium फिल्मी गीत कैसे गाना चाहिए

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चित्रपट संगीत क्या होते हैं?

मेरे विचार से फ़िल्म , चलचित्र, सिनेमा को चित्रपट कहा जाता है। सुव्यवस्थित ध्वनि, गायन, वादन और नृत्य इन सब से मिल कर जो रचना होती है उसे संगीत कहते है। फ़िल्म में इस्तेमाल होने वाले संगीत को ही चित्रपट संगीत कहते है।

चित्रपट संगीत और शास्त्रीय संगीत में क्या अर्थ है?

गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव है, जबकि लय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म हैचित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है जबकि शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता हैचित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है और इसकी लयकारी बिल्कुल अलग होती है, आसान होती है

शास्त्रीय संगीत का अर्थ क्या है?

भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही 'क्लासिकल म्यूजिक भी कहते हैं। शास्त्रीय गायन सुर-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व सुर का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)।

चित्रपट संगीत का पर्याय क्या है?

चित्रपट संगीत का पर्याय लता मंगेशकर को माना जाता है। ➤ 'भारतीय गायिकाओं ने बेजोड़ - लता मंगेशकर' पाठ में लेखक कुमार गंधर्व कहते हैं कि लता मंगेशकर चित्रपट संगीत की पर्याय बन चुकी हैं।