हिंदी न्यूज़ धर्मShani Sade Sati: इन 3 राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती, जानें किस राशि पर चल रहा कौन-सा चरण Show
Shani Sade Sati: शनिदेव को कर्म फलदाता कहा जाता है। शनिदेव सभी को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। हालांकि शनि की साढ़े साती महादशा का नाम सुनते ही लोग घबराते हैं।Shani Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या की महादशा का सामना हर व्यक्ति को जीवन में एक बार करना पड़ता है। न्याय के देवता शनिदेव सभी जातकों को अपने कर्मों के हिसाब से शुभ-अशुभ फल देते हैं। वर्तमान में शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं। 11 अक्टूबर को फिर से मार्गी अवस्था में आएंगे। इसलिए धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। मंगलदेव इन राशि वालों के जीवन में लाएंगे बड़े बदलाव, 16 अक्टूबर तक जगेगा सोया भाग्य शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव जातक की जन्मराशि से प्रथम स्थान, द्वितीय और द्वादश स्थान में हों तो शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्यादा असर डालता है। जानें किस राशि पर कौन-सा चरण- धनु राशि वालों को 17 जनवरी 2023 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण और तीसरा चरण मकर राशि वालों पर चल रहा है। धनु राशि वालों से साढ़ेसाती हटने के बाद मीन राशि वालों पर महादशा शुरू होगी। 26 सितंबर को सुबह 06:11 बजे से शुरू होगा कलश स्थापना मुहूर्त, आप भी जान लें अवधि इन उपायों को करने से होगा लाभ- 1. शनि चालीसा का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होने की मान्यता है।
shani dev: शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह है। शनिदेव को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगता है। - फोटो : iStock विस्तारSHANI 2022: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह राशि या चाल बदलता है तो इसका व्यापक असर सभी राशियों के जातकों पर जरूर पड़ता है। ज्योतिष में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह मारक और सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं और इस दौरान बीच-बीच में वक्री और मार्गी होते रहते हैं। शनि बीते 12 जुलाई को मकर राशि में वक्री हुए थे और फिर 23 अक्तूबर को मकर राशि में मार्गी यानी सीधी चाल से चलने लगे हैं। जब भी कोई ग्रह मार्गी होता है तो इसका मतलब ग्रह अब सीधी चाल में गति कर रहे हैं। ग्रहों की मार्गी चाल से सभी राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। अब शनि के मकर राशि में मार्गी होने से कुछ लोगों को साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलने वाली है। आइए जानते हैं शनि के मार्गी होने पर किन-किन राशियों को इसका फायदा मिलने वाला है।
इन राशियों को शनि साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगी मुक्ति अगले साल शनि कुंभ राशि में गोचर करने से मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा और धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। जनवरी 2023 से कुंभ, मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। वहीं 2023 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने के
उपाय Tulsi Vivah 2022: तुलसी विवाह से शुरू हो जाएंगे सब शुभ कार्य, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की कृपा से खुल जाएगा बंद किस्मत का ताला अभी कौन सी राशि में साढ़ेसाती चल रही है?कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्यादा असर डालता है। धनु राशि वालों को 17 जनवरी 2023 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण और तीसरा चरण मकर राशि वालों पर चल रहा है।
कुंभ राशि की परेशानी कब दूर होगी?17 जनवरी 2023 को फिर से शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी और इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी।
कुंभ राशि पर अभी क्या चल रहा है?कुंभ राशि वालों पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि 29 अप्रैल 2022 को अपनी राशि बदल चुके हैं। बीते 29 अप्रैल को शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायी यानी दूसरा चरण शुरू हो गया था।
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब से कब तक है?कुंभ राशि को कब मिलेगा शनि की साढ़े साती से मुक्ति
ज्योतिष गणना के आधार पर बात की जाए तो कुंभ राशि में शनि साढ़े साती 24 जनवरी 2022 को शुरू हो गई थी जो 3 जून 2027 को समाप्त होगी। ऐसे में अभी कुंभ राशि के जातकों को कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
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